हरिद्वार कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बावजूद हरिद्वार में गाइडलाइन को ताक पर रखा जा रहा है। हर की पौड़ी पर गंगा आरती में भीड़ कम करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। यह तब हो रहा है जब उत्तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि पचास से ज्यादा लोग एक जगह पर नहीं इकट्ठा हो सकते हैं। हरिद्वार की गंगा आरती में देशभर से आए सैकड़ों लोग निरंतर गंगा आरती में शामिल हो रहे हैं। इससे सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर हरिद्वार संवेदनशील श्रेणी में है। देश के साथ-साथ विदेशी सैलानी भी यहां बड़ी तादाद में पहुंचते रहते हैं। हरिद्वार मेला अस्पताल में कोरोना संदिग्धों को भर्ती किया गया है। पढ़ें: उधर पांच मार्च को दुबई से भारत लौटे देहरादून के पड़ोसी कस्बे विकासनगर के कोरोना संदिग्ध दंपती को डॉक्टरों ने देहरादून रिफर किया है। उनमें कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण मिले हैं। संदिग्ध व्यक्ति की उम्र 55 साल है। दुबई में उनका बेटा रहता है। वहां से लौटने के बाद से उनकी तबीयत खराब है। अभी उन्हें निगरानी पर रखते हुए जांच की जा रही है। उत्तराखंड मे अभी तक कोरोना का एक पॉजिटिव केस सामने आया है। जुकाम, खांसी की शिकायत के बाद दो विदेशी भी मंगलवार को दून अस्पताल पहुंचे। उनका सैंपल लिया गया है। दोनों को आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया गया है। दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आशुतोष सयाना के निर्देश पर अस्पताल में न्यू ओपीडी ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर पर फ्लू ओपीडी शुरू कर दी गई है। क्लिक करें: उत्तराखंड सरकार ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों की समस्त सेवाओं को अतिआवश्यक सेवाएं घोषित करते हुए, उनकी हड़ताल पर रोक के आदेश जारी किए हैं। राज्य में प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ कई दिनों से जनरल और ओबीसी कर्मियों की हड़ताल के बीच स्वास्थ्य विभाग के कर्मी सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे थे। इसी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। पढ़ें: उत्तराखंड में नेपाल और चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में भी इसे लेकर ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। स्कूल, कॉलेज, मॉल, जिम और सार्वजनिक स्थलों पर जुटने वाली भीड़ पर सरकार पहले ही रोक लगा चुकी है। पुरातत्व विभाग (ASI) ने भी सामरिक दृष्टि से जुड़े पर्यटक स्थलों पर एंट्री प्रतिबंधित कर दी है। राज्य के आयुक्त खाद्य संरक्षण एवं औषधि प्रशासन पंकज पांडेय ने बताया कि सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को आदेश दिए गए हैं कि वह सर्दी, जुकाम खांसी और सिर दर्द की दवा बिना डॉक्टर के पर्चे के न दें। अगर बिना डॉक्टरों के परामर्श के दवा दी गई तो संबंधित मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उपयोग होने वाले सेनेटाइजर, मास्क और अन्य भी उचित कीमत पर देने के निर्देश दिए गए हैं। इन वस्तुओं की ज्यादा कीमत वसूलने पर सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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