उधमसिंह नगर उत्तर प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री को रुद्रपुर सिविल जज सीनियर डिवीजन ने धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को पांच साल की सुनाई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी वसीयत के आधार पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामअवध सिंह की जमीन अपने नाम करा ली। इस मामले में पूर्व मंत्री की बहू निधि, पत्नी मंजूलता, पूर्व शासकीय अधिवक्ता स्वतंत्र बहादुर सिंह, पत्नी गीता सिंह और उनकी बहू को भी सजा सुनाई गई। आरोपी मंत्री यूपी के देवरिया जिले की बरहज से दो बार विधायक रह चुके हैं। मूल रूप से आजमगढ़ के पूनापार के रहने वाले आजाद हिंद फौज के सिपाही रामअवध सिंह आजादी के बाद पुलिस में भर्ती हुए। डेप्युटी एसपी के पद से रिटायर हुए थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को देखते हुए तत्कालीन यूपी सरकार ने उन्हें कृषि कार्य के लिए वर्तमान के उत्तराखंड राज्य में पड़ने वाले ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर के बागवाला गांव में 32 एकड़ जमीन आवंटित की। 10 जून 1999 को रामअवध की मृत्यु के बाद जमीन उनकी इकलौती पुत्री प्रभावती देवी के नाम दर्ज हो गई। प्रभावती देवी की शादी आजमगढ़ की तहसील बूढ़नपुर क्षेत्र के सिंघोड़ा गांव में होने की वजह से वह यहां नहीं रहती हैं। ऐसे में फर्जी वसीयत तैयार कर पूर्व मंत्री ने जमीन अपने नाम करा ली। घटना की जानकारी होने पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामअवध सिंह की पुत्री प्रभावती ने इसकी शिकायत डीआईजी से की। इस पर तीन मई, 2014 को धारा 420, 467, 468, 471, 506, 504 के तहत प्रेम प्रकाश के साथ ही वसीयत के गवाह ग्राम तिलियापुर, सितारगंज निवासी नवनाथ तिवारी और प्रेमनारायण को नामजद किया गया। जांच में पूर्व मंत्री की पत्नी सितारगंज की तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख मंजूलता सिंह, पुत्र शिव वर्धन, बहू निधि सिंह, एसबी सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह और बहू शिखा सिंह के नाम भी सामने आए। 17 जून 2018 को चार्जशीट पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की। इसमें प्रेम प्रकाश सिंह को धारा 420, 467, 468, 471, 504, 506 और 342 आईपीसी, गवाह नवनाथ तिवारी और प्रेमनारायण को धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी का आरोपित पाया गया। निधि सिंह, शिव वर्धन सिंह, मंजू लता सिंह, शिखा सिंह एवं गीता सिंह को धारा 420, 468, 120बी और एसबी सिंह को 120बी का आरोपित माना गया। यह मामला सिविल जज सीनियर डिवीजन छवि बंसल की अदालत में चल रहा था। मंगलवार को आरोपितों को दोष सिद्ध करार दिया गया। प्रेम प्रकाश सिंह को धारा 120बी में दो साल, 420 में पांच साल, 471 में पांच साल, 504 में एक साल, 506 में दो साल की सजा सुनाई गई। इसी तरह गवाह नवनाथ तिवारी, प्रेम नारायण सिंह को दो तीन साल, पुत्र शिव वर्धन को तीन साल, बहू निधि, पत्नी मंजूलता, शासकीय अधिवक्ता स्वतंत्र सिंह को दो साल, पत्नी गीता सिंह तथा बहू शिखा को एक साल की सजा सुनाई गई।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2PK0n2l
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें