सोमवार, 16 मार्च 2020

उत्तराखंड औषधीय पादपों का किया जाएगा दस्तावेजीकरण

देहरादून, 16 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्रों में उगने वाले औषधीय पादपों और इन जगहों में प्रचलित पांरपरिक उपचार पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय की मदद से अनुसंधान किया जायेगा और उनका दस्तावेज तैयार किया जायेगा । इस संबंध में आज पतंजलि रिसर्च इंस्टीटयूट और उत्तराखंड ट्राइबल रिसर्च इंस्टीटयूट के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये । यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा, ‘‘ पारंपरिक ज्ञान को सहेजना जरूरी है । पारंपरिक ज्ञान और विज्ञान को साथ—साथ चलना चाहिए। ’’ शुरूआत में इसे प्रायोगिक परियोजना के रूप में आरंभ किया जायेगा जिसके लिये केंद्र 3.12 करोड रूपये स्वीकृत किया जायेगा । समझौता ज्ञापन पर मुख्यमंत्री आवास में पतंजलि की तरफ से आचार्य बालकृष्ण और जनजातीय कल्याण निदेशक सुरेश जोशी ने दस्तखत किए । विज्ञप्ति के अनुसार, जनजातीय क्षेत्रों में उगने वाले औषधीय पौधों तथा उन्हें औषधीय गुण प्रदान करने वाले तत्वों को पहचाना जायेगा । इसके अलावा इस परियाजना के तहत इन तत्वों का विस्तृत मोनोग्राफ भी तैयार किया जायेगा । अगर यह परियोजना सफल रही तो इसे अन्य राज्यों में भी यह कार्य किया जाएगा ।


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