मंगलवार, 31 मार्च 2020

निजामुद्दीन मरकज में शामिल उत्तराखंड के लोगों की पहचान के निर्देश

देहरादून, 31 मार्च :भाषा: उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को जिला प्रशासनों को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर लौटे प्रदेश की लोगों की पहचान के निर्देश दिये । निजामुद्दीन में एक मार्च से 15 मार्च के बीच एक धार्मिक आयोजन में उत्तराखंड के भी कुछ लोगों के हिस्सा लेने की खबरों का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को ऐसे लोगों की पहचान करने के आदेश दिये हैं । यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इन अधिकारियों से तबलीग ए जमात के प्रमुख लोगों से बात कर उन्हें अपने समुदाय के सदस्यों को समझाने को भी कहा गया है ताकि वे स्वयं सामने आकर मरकज में शामिल होने के बारे में पुष्टि करें । इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण फैसले में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए सरकार ने प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा अस्पतालों को कोविड अस्पतालों के रूप में अधिसूचित कर दिया है । स्वास्थ्य सचिव नितेश झा द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कोविड अस्पतालों के तौर पर काम करने वाले अस्पतालों में बागेश्वर, चंपावत, चमोली, पिथौरागढ, रूद्रप्रयाग, उधमसिंह नगर, टिहरी, उत्तरकाशी के जिला अस्पताल, अल्मोडा बेस अस्पताल, दून मेडिकल कालेज, हरिद्वार का मेला अस्पताल, हल्द्वानी का सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज, नैनीताल में बीडी पांडे अस्पताल, कोटद्वार स्थित बेस अस्पताल और श्रीनगर मेडिकल कालेज शामिल हैं ।


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अमेरिका लौटने के बाद महिला में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि

ऋषिकेश, 31 मार्च (भाषा) यहां के एक रिजार्ट में कई दिन रहकर 13 मार्च को अपने देश अमेरिका लौटी महिला में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने से यहां पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गया है । यहां मुनि की रेती स्थित रिजार्ट में रूकी अमेरिकी महिला ने अपने कोरोना वायरस से संक्रमित होने की सूचना स्वयं सोशल मीडिया पर शेयर की जिसके बाद इसकी औपचारिक सूचना मुनि की रेती पुलिस थाना प्रभारी निरीक्षक राम किशोर सकलानी ने नरेंद्रनगर की उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्रा को दी है। युक्ता मिश्रा ने बताया कि संक्रमित महिला जिन—जिन जगहों पर गयी, उसका पता लगवा लिया गया है और जिन व्यक्तियों के सम्पर्क में रही, उनका भी विवरण ले लिया गया है । उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमित अमेरिकी महिला के सम्पर्क में आये लोगों के लिए कोरोना वायरस संक्रमण के प्रोटोकोल के अनुसार कार्यवाही अमल में ला रही है। सकलानी ने बताया कि संक्रमित अमेरिकी महिला 13 मार्च को अमेरिका चली गयी । इस महिला ने 23 मार्च को अमेरिका से सोशल मीडिया में स्वयं के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पोस्ट डाली जिसके बाद यहाँ की पुलिस सतर्क हो गयी ।


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उत्तराखंड के भी 26 लोग तबलीगी जमात में शामिल हुए, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

देहरादून दिल्ली के निजामुद्दीन में की मरकज में उत्तराखंड के भी 26 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के अनुसार, इनमें 22 लोग हरिद्वार के हैं और शेष उत्तरकाशी और देहरादून आदि जिलों के हैं। इन सभी पर निगरानी रखी जा रही है। तबलीगी जमात से जुड़े लोगों में पाए जाने के बाद हरिद्वार में भी पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है। पुलिस ने सराय गांव में तबलीगी जमात से जुड़े सात लोगों का मेडिकल कराते हुए एहतियात के तौर पर उन्हें होम क्वारंटीन करा दिया है। इसके अलावा दिल्ली से आ रहे नौ लोगों को भी हरिद्वार में गढ़वाल मंडल विकास निगम के राही मोटेल में क्वारंटीन किया गया है। चेकअप के बाद क्वारंटीन किए गए लोग अब तक पुलिस प्रशासन ने जो जानकारी जुटाई है, उसके अनुसार हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र के सिरचंदी गांव में 26 फरवरी को 14 लोग निजामुद्दीन दिल्ली से तबलीगी जमात में शामिल होकर आए थे। मक्खनपुर गांव में 10 मार्च को 17 लोग तबलीगी जमात से आए थे। ये सभी लोग नेपाल मूल के निवासी हैं। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों गांव में पहुंचकर इन लोगों का मेडिकल चेकअप किया और मस्जिद में बने कमरों में सभी को क्वारंटीन कर दिया है। तबलीगी मरकज में सीमांत जनपद उत्तरकाशी के भी तीन लोग शामिल होने गए थे। ये तीनों अभी दिल्ली में हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें भी दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने क्वारंटीन में रख दिया है। नई टिहरी मस्जिद में तबलीगी जमात के 9 लोग 28 फरवरी को आए थे लेकिन ये लोग पौड़ी और बिजनौर से आए हैं। इन लोगों ने प्रशासन से अपने घर जाने की अनुमति मांगी लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। आठ लोग अस्पताल भेजे गए रुड़की और आसपास के क्षेत्रों में जमात में गए लोगों की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। इस जानकारी से ये बात भी सामने आई है कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में एक जमात गई हुई है, एक जमात यूपी के सोनभद्र में गई हुई है। वहीं रुड़की और आसपास के क्षेत्र में भी 7 जमातें आई हुई हैं। इसमें से एक जमात बागपत जिले की, दो मेरठ से, दो दिल्ली, एक असम और एक केरल से है। ये सभी फरवरी के अंतिम सप्ताह में रुड़की पहुंचे थे। 11 लोग 13 से 19 फरवरी के बीच एक धार्मिक जलसे में शामिल होने के लिए रुड़की से दिल्ली गए। इनमें से 8 लोगों को फिलहाल चिह्नित करके रुड़की सिविल अस्पताल भेजा गया है।


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कोरोना वायरस संक्रमण अगर पहाड़ों में पहुंचा तो संभालना मुश्किल होगा : रावत

देहरादून, 31 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को एक बार फिर प्रदेशवासियों से अनुरोध किया कि वे सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखने का सख्ती से पालन करें क्योंकि यदि कोरोना वायरस संक्रमण राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में फैल गया तो उसे संभालना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना और वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार नहीं है। सोमवार रात 'फेसबुक लाइव' में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य के बाहर काम कर रहे हजारों लोग अपने गांवों में लौट आये हैं। मुझे बताया गया है कि वे वॉलीबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट और कार्ड खेलकर अपना समय गुजार रहे हैं। यह ऐसी गतिविधियों का समय नहीं है। सुरक्षित रहने के लिये उन्हें सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाये रखनी होगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य प्रदेशों से अपने गांव आए लोगों से अनुरोध है कि वह अन्य लोगों से दूरी बनाए रखें, अपने बच्चों से भी कुछ दिनों के लिए दूर रहें, खुद को भी बचाएं और अपने परिवार तथा गांव को भी सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि जाने अनजाने में भी कोई गलती नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं, ‘‘कोरोना हारेगा, उत्तराखंड जीतेगा।’’? उन्होंने कहा, ‘‘हम कोरोना वायरस से बचाव के अपने प्रयासों में कोई कमी ना रखें। इटली, स्पेन और फ्रांस में क्या हुआ, देखिए, कोरोना वायरस अनजाने में हुई भूल को भी नहीं माफ करता।’’ रावत ने लॉकडाउन के दौरान संयम दिखाने के लिये जनता का आभार जताया और उम्मीद जाहिर की कि आने वाले दिनों में जनता जरूरत पड़ने पर इससे भी कड़े नियमों का पूरे संयम से पालन करेगी। इस बीच, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक कहा कि अपने गांव लौटे लोगों का एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा। पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घरों की ओर लौटने के दौरान रास्ते में फंसे लोगों के बारे में कौशिक ने कहा कि 14 दिन तक पृथक केन्द्रों में रखने के बाद ही उन्हें गांव भेजा जाएगा।


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मुख्यमंत्री रावत के परिवार ने कोरोना से निपटने के लिए अंशदान किया

देहरादून, 31 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए अपना पांच महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री रावत की पत्नी सुनीता ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत एक लाख रुपये चेक, उनकी पुत्री कृति ने 50,000 रुपये और दूसरी पुत्री सृजा ने 2,000 रुपये चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिए हैं।


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उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बदलाव संबंधी झूठी खबर फैलाने के आरोप में दो नेता निष्कासित

देहरादून, 31 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस संक्रमण संकट के बीच उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बदलाव संबंधी झूठी खबरें वायरल करने के आरोप में मंगलवार को पार्टी ने दो नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया। प्रदेश कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश पार्टी प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह के निर्देश पर नैनीताल जिले के दो नेताओं, माला वर्मा और कुलदीप शर्मा को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। सिंह ने कहा, ‘‘वर्तमान में सभी देशवासी कोरोना वायरस संकट में आम जनता की मदद के लिए प्रयासरत है लेकिन कुछ तथाकथित कांग्रेसजन उत्तराखंड में पार्टी संगठन में परिवर्तन की चर्चा कर रहे हैं। ऐसे समय में ऐसे किसी भी कृत्य को अनुशासनहीनता माना जाएगा।’’ पार्टी ने इन नेताओं ने हाल में सोशल मीडिया में कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के स्थान पर कांग्रेस महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रदेश को प्रदेश पार्टी प्रमुख बना दिया गया है। यह खबर बड़ी तेजी से वायरल हुई जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस में खलबली मच गयी। खबर पर संज्ञान लेते हुए अनुग्रह नारायण सिंह ने अनुशासनात्मक समिति को दोषी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये। हरीश रावत ने इन खबरों का खंडन किया और कांग्रेसजनों से क्षमा मांगी है। सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में रावत ने कहा, ‘‘मैं उत्तराखंड के कांग्रेसजनों से क्षमा प्रार्थी हूँ। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर एक भ्रामक, झूठा, सत्य से कोसों परे समाचार बनाने का प्रयास किया गया है। आप सब इस तरीके के कुप्रयासों की निंदा करें। हम अपने प्रदेश अध्यक्ष के साथ खड़े हैं और इस समय कांग्रेस कोरोना वायरस पीड़ित मानवता के साथ खड़ी है। ऐसे वक़्त में इस समय, इस तरीक़े के हास्यास्पद बातें फेसबुक पर डालना और उसके लिये सोशल मीडिया का दुरूपयोग करना अत्यधिक निंदनीय है।’’


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सोमवार, 30 मार्च 2020

मोदी ने गायत्री परिवार प्रमुख से कोरोना वायरस को लेकर जागरुकता फैलाने की अपील की

हरिद्वार, 30 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गायत्री परिवार प्रमुख प्रणव पण्ड्या से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की और उनसे कोरोना वायरस के बारे में जागरुकता फैलाने में मदद करने का अनुरोध किया। मोदी ने उनसे कहा, ‘‘आप स्वयं एक फिजिशियन भी हैं और आप वैज्ञानिक तरीके से इस बीमारी से बचने के लिए जनमानस को अवगत करा सकते हैं।’’ पण्ड्या ने प्रधानमंत्री को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया। पण्ड्या ने मोदी को देशभर में फैले गायत्री परिवार के पांच हजार से अधिक प्रज्ञा संस्थानों द्वारा लोगों को भोजन के पैकेट पहुंचाए जाने तथा मुख्यमंत्री राहत कोष एवं प्रधानमंत्री राहत कोष में आर्थिक रूप से किये जा रहे सहयोग से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने योग गुरु रामदेव, श्री श्री रविशंकर और जग्गी वासुदेव समेत धार्मिक नेताओं के साथ कोरोना वायरस पर चर्चा के तहत पण्ड्या से बात की।


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कोरोना से जंगः सीएम त्रिवेंद्र रावत ने निजी हॉस्पिटल्स से मांगा सहयोग, अस्पताल बोले- पूरी मदद मिलेगी

देहरादून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने के खिलाफ लडाई में प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों का सहयोग मांगा है। सोमवार को प्रमुख अस्पतालों के प्रबंधन के साथ मीटिंग में उन्होंने बताया कि फिलहाल, दून अस्पताल, महंत इंद्रेश अस्पताल, एम्स ऋषिकेश और हिमालयन अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखे गए हैं। एम्स ऋषिकेश, हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट, दून अस्पताल और महंत इंद्रेश अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है। आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य संबंधी उपकरण भी लगाए जा रहे हैं। बताया गया कि एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में 400-400 बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। हिमालयन अस्पताल और महंत इंद्रेश अस्पताल में 200-200 बेड इसके लिए उपलब्ध हैं। नोडल अधिकारी बनाए गए जरूरत पड़ने पर इन दोनों अस्पतालों में इसे बढ़ाया जा सकता है। आर्मी अस्पताल देहरादून में भी इसके लिए 200 बेड की व्यवस्था रहेगी। इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाई जाएगी। साथ ही ऐंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी। समुचित समन्वय के दृष्टिगत एम्स ऋषिकेश और हिमालयन अस्पताल के लिए आईपीएस नीरू गर्ग और दून अस्पताल और महंत इंद्रेश अस्पताल के लिए आईपीएस केवल खुराना को नोडल अधिकारी बनाया गया है। निजी संस्थान भी देंगे सहायता मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सभी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम अपने यहां ओपीडी खुली रखें ताकि आमजन अन्य बिमारियों की दशा में अपना ईलाज सुगमता से करा सके। उन्होंने कहा कि सरकार निजी चिकित्सा संस्थानों को हर प्रकार की सहायता देगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निजी अस्पतालों में ओपीडी की व्यवस्था सही रखने में सहयोग करें। मेडिकल असोसिएशन ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि कोरोना से लड़ाई में सरकार का पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे देश और समाज की है।


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स्वामी रामदेव का ऐलान- कोरोना के खिलाफ जंग में पतंजलि देगा 25 करोड़ की मदद, कर्मचारी देंगे 1-1 दिन का वेतन

हरिद्वार नॉवल कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सारा देश एकजुट है। देश के तमाम सरकारी, औद्योगिक संस्थानों के साथ-साथ उद्योगपतियों ने भी इस वैश्विक संकट के खिलाफ लड़ाई में बढ़-चढ़कर मदद की पेशकश की है। इसी क्रम में सोमवार को की ओर से ने भी पीएम केयर में आर्थिक सहयोग का ऐलान किया है। रामदेव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पतंजलि 25 करोड़ रुपये देगा। पतंजलि की ओर से यह मदद राशि प्रधानमंत्री के इनिशिएटिव में जमा कराई जाएगी। हरिद्वार में आयोजित अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव ने कहा कि पतंजलि का संकल्प ही प्रॉस्परिटी फॉर चैरिटी है। उन्होंने बताया कि पतंजलि और उसकी सहयोगी संस्थाओं के सभी कर्मचारी भी अपना एक-एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष को दान करेंगे। पीएम केयर फंड में आर्थिक मदद के ऐलान के अलावा रामदेव ने पतंजलि से जुड़े श्रद्धालुओं से भी दान करने की अपील की है। यह भी पढ़ेंः श्रद्धालुओं से भी की अपील योगगुरु ने कहा, 'जो भी पतंजलि से जुड़े श्रद्धालु हैं, वह पतंजलि आपदा राहत कोष, जो हमने बनाया हुआ है, उसमें अपना सहयोग दे सकते हैं। उसके माध्यम से कारोना की जंग लड़ने में हम देश की मदद कर सकते हैं। इसके अलावा स्वामी रामदेव ने पतंजलि की पांच संस्थाएं किसी भी आपातकालीन सेवा के लिए और इस जंग के खिलाफ लड़ने के लिए ऑफर किया है।


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रविवार, 29 मार्च 2020

लॉकडाउन: धारचूला के नजदीक फंसे नेपाल के प्रवासी मजदूर, नियमों की उड़ीं धज्जियां

देहरादून को देखते हुए पूरे भारत को 21 दिनों के लिए किया गया है। इसकी वजह से उत्तराखंड में धारचूला के इंडो-नेपाल बॉर्डर पर नेपाल के रहने वाले प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं। इन स्थितियों को देखने के बाद शासन-प्रशासन के होश फाख्ता हो गए। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1024 पहुंच चुकी है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के कुल 1,024 मामले हैं। इस बीमारी से 96 लोग ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और एक मरीज को दूसरी जगह भेजा गया है। कुल 48 विदेशी भी इस बीमारी से पीड़ित हैं। अबतक 27 ने कोरोना से गंवाई जान। भारत सरकार की तरफ से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है, फैलने से रोकने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं। विदेशों में फंसे भारतीयों को भी सरकार वापस ला रही है। पढ़ें: बुरी तरह प्रभावित हुआ महाराष्ट्र महाराष्ट्र में सोमवार को के 12 नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक ये पॉजिटिव केस पुणे, मुंबई, नागपुर, कोल्हापुर और नासिक शहरों में मिले हैं। प्रदेश में अब तक 215 केस सामने आए हैं और देश में राज्य सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।


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कोरोना: उत्‍तराखंड के ट्रेनी आईएफएस की रिपोर्ट पहले निगेटिव, अब आई पॉजिटिव

देहरादून ने उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है। उत्तराखंड के देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे एक ट्रेनी आईएफएस अफसर में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। इससे पहले 27 मार्च को इस अफसर की रिपोर्ट निगेटिव आई थी पर आज रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके अलावा दो अन्‍य अफसरों के भी सैंपल लिए गए थे जो निगेटिव आए थे। यह ट्रेनी आईएफएस अफसर हाल ही में ट्रेनिंग लेकर विदेश से लौटा था। आपको बता दें कि उत्‍तराखंड में कोरोना के 7 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इसके पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन प्रशिक्षण अकादमी के कुल 18 लोगों के सैंपल हल्द्वानी स्थित लैब में भेजे गए थे, जिनमें 17 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। ट्रेनी आईएफएस के अलावा राज्‍य में रविवार को एक और व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना के लक्षणों से पीड़ित इस 47 वर्षीय व्यक्ति को 24 मार्च को यहां मिलिट्री हास्पिटल में भर्ती कराया गया था । उसके नमूने की रविवार को मिली जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है । यह व्यक्ति हाल में राजस्थान से यहां आया था। 31 मार्च को नो लॉकडाउन का आदेश वापस गौरतलब है कि उत्‍तराखंड में 31 मार्च (मंगलवार) को लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों को राहत देने के लिए दिया गया आदेश राज्‍य सरकार ने वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देशों में एक जिले से दूसरे जिले में मूवमेंट को भी रोके जाने को कहा गया है। हमें देश को कोरोना से मुक्त करने के लिए और सख्ती से लॉकडाउन को लागू करना है।


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31 मार्च को उत्तराखंड के भीतर आवागमन की छूट निरस्त

देहरादून, 29 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज कहा किलॉकडाउन के कारण रास्ते में ही फंस गये लोगों को 31 मार्च को राज्य के भीतर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए दी गयी छूट अब निरस्त कर दी गयी है । रावत ने कहा कि इस व्यवस्था को गृह मंत्रालय द्वारा रविवार जारी निर्देशों के बाद निरस्त कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देशों में एक जिले से दूसरे जिले में भी आवाजाही को रोके जाने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें देश को कोरोना से मुक्त करने के लिए और सख्ती से लॉकडाऊन को लागू करना है जिससे कुछ कष्ट हो सकता है परंतु यह हम सभी के हित में है। रावत ने कहा, 'केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद उत्तराखंड में 31 मार्च को अंतरजनपदीय परिवहन सेवा खुली रहने का आदेश वापस लिया जाता है । आप लोग जहां हैं, वहीं पर सुरक्षित रहें । आपके लिए आवश्यक वस्तुओं की उचित व्यवस्था है । आपको हुई असुविधा के लिये क्षमा चाहता हूं ।' प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी जिलाधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। इसी बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने दिल्ली और चंडीगढ़ में पढाई और रोजगार धंधे के लिए रह रहे लेकिन लॉकडान के चलते फंस गये लोगों से दिल्ली और चंडीगढ में वैकल्पि व्यवस्था की है। नयी दिल्ली में हिमाचल भवन से जारी विज्ञप्ति के अनुसार ऐसे लोग दिल्ली में 9868539423 और 8802803672 तथा चंडीगढ़ में 8146313167 एवं 9988898009 पर मदद के लिए संपर्क कर सकते है।


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उत्तराखंड में 47 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि

देहरादून, 29 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में रविवार को 47 वर्षीय एक व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई जिसके बाद राज्य में संक्रमण के कुल मामले सात पहुंच गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कोविड​​-19 नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने बताया कि यह आदमी 10 मार्च को राजस्थान से लौटा था। उसमें मंगलवार को कोरोना वायरस के लक्षण दिखे जिसके बाद गुरुवार को उसे देहरादून के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उसकी जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने कहा कि जो लोग उसके संपर्क में आए थे, उनकी पहचान की जा रही है, ताकि उनकी जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में कुल 27 लोगों की जांच की गई जिनमें से एक में संक्रमण की पुष्टि हुई है। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या सात हो गई है जिसमें से एक इस संक्रमण से उबर चुका है।


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उत्तराखंड: सरकार ने 31 मार्च को लॉकडाउन लागू न करने के आदेश को किया निरस्त

देहरादून उत्‍तराखंड में 31 मार्च (मंगलवार) को लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों को राहत देने के लिए दिया गया आदेश राज्‍य सरकार ने वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देशों में एक जिले से दूसरे जिले में मूवमेंट को भी रोके जाने को कहा गया है। हमें देश को कोरोना से मुक्त करने के लिए और सख्ती से लॉकडाउन को लागू करना है। इससे कुछ कष्ट हो सकता है परंतु यह हम सभी के हित में है। गौरतलब है कि पहले मुख्‍यमंत्री ने कहा था कि 31 मार्च को सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक प्रदेश के भीतर जो लोग एक जिले से दूसरे जिले में जाना चाहते हैं, वे लोग जा सकेंगे। केवल मंगलवार के लिए ही यह अनुमति होगी। एक दिन का यह विंडो इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि जगह-जगह से ऐसी खबरें आ रही थी कि बहुत से लोग अपने काम से आए हुए थे और लॉकडाऊन के कारण अपने घर से बाहर फंसे हुए हैं। इसके लिए बसों व टैक्सियों को सेनेटाइज करवाया जाना होगा। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना जरूरी होगा। फंसे लोगों के लिए खुला उत्‍तराखंड सदन इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में जो उत्तराखंडवासी फंस गए हैं उनके लिए उत्तराखंड सदन खोल दिया गया है। वहां उनके भोजन, मेडिकल आदि की व्यवस्था भी है। इसी प्रकार मुंबई में भी उत्तराखंड भवन को लॉकडाऊन में फंसे उत्तराखंड के लोगों के लिए ओपन किया गया है। दो तीन दिन में 500 चिकित्सकों की भर्ती करने जा रहे हैं। इससे हमारे यहां डॉक्‍टर पर्याप्त संख्या में हो जाएंगे।


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उत्तराखंड में कोरोना पीडित एक और मरीज मिला, प्रदेश का सातवां मामला

देहरादून, 29 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में रविवार को एक और व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसके बाद प्रदेश में घातक विषाणु से पीडितों की संख्या सात तक पहुंच गयी है । प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यहां बताया कि कोरोना के लक्षणों से पीडित इस 47 वर्षीय व्यक्ति को 24 मार्च को यहां मिलिट्री हास्पिटल में भर्ती कराया गया था । उसके नमूने की रविवार को मिली जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना से पीडित होने की पुष्टि हुई है । उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति हाल में राजस्थान से यहां आया था ।


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शनिवार, 28 मार्च 2020

उत्तराखंडः एक और मरीज में कोरोना की पु्ष्टि, दुबई से लौटा था युवक

देहरादून उत्तराखंड में से संक्रमित एक और मरीज मिला है। इसके बाद राज्य में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मामले 6 हो गए हैं। अब तक उत्तराखंड में पांच पॉजिटिव केस सामने आए थे, जिसमें से एक ट्रेनी आईएफएस को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब चार लोग दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पहले युवक को घर पर ही आइसोलेशन में रखा था लेकिन बाद में उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। युवक की उम्र 21 साल है। बुखार के लक्षणों के बाद उसने महंत इंद्रेश अस्पताल में संपर्क किया था। यहां उसका सैंपल लिया गया और 26 मार्च को मेडिकल कॉलेज की लैब में भेजा गया था। जांच रिपोर्ट शनिवार को मिली, जिसमें वह कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है। दुबई से लौटने के बाद यह युवक अपने परिवार के चार सदस्यों के संपर्क में रहा। परिवार के चार सदस्यों को भी क्वॉरंटीन किया गया है। ये भी पता किया जा रहा है कि युवक इस अवधि में और किसी से तो नहीं मिला था?


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कोरोना वायरस: उत्तराखंड के चमोली में 15 कैदी छह महीने के लिए होंगे रिहा

चमोली कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए अलग-अलग राज्यों में जेल से कैदियों की रिहाई हो रही है। उत्तराखंड की जेल ने अपने कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। उत्तराखंड के चमोली स्थित जिला कारागार से 15 कैदियों को 6 महीने की परोल दी जाएगी। ये सभी 7 साल से कम सजा पाने वाले अपराधी हैं। इस समय चमोली जेल में कुल 89 कैदी हैं। दरअसल को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश पर कमिटी गठित की गई है। इस कमिटी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बैठक में तय किया कि सात साल या इससे कम सजा पाने वाले अपराधियों को परोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। उत्तराखंड में सात साल या इससे कम सजा के अपराध वाले 264 कैदी और 627 विचाराधीन बंदी हैं। ये परोल या अंतरिम जमानत की परिधि में आते हैं। इसके अलावा 36 कैदी बीमार हैं जिन्हें उपचार मुहैया कराने के निर्देश सरकार को दिए गए हैं। इसके अलावा देहरादून की जिला जेल सुद्धोवाला से 120 विचाराधीन और सजायाफ्जा कैदियों को भी परोल पर रिहा किया जाएगा। इन कैदियों को 6 महीने के लिए रिहा किया जाएगा जिन्हें जेल से घर पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।


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शुक्रवार, 27 मार्च 2020

फंसे लोगों की मदद के लिए सीएम राहत कोष से 50 लाख रुपये जारी

देहरादून, 27 मार्च :भाषा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लॉकडाउन के दौरान अपने घरों की ओर लौटते समय रास्ते में दिल्ली में फंस गये प्रदेश के लोगों की मदद के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 50 लाख रूपये जारी किए। यह धनराशि आज दिल्ली में उत्तराखंड के अतिरिक्त रेजीडेंट कमिशनर को सौंप दी गयी है । यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस धनराशि का इस्तेमाल पूरी तरह से दिल्ली में फंसे उत्तराखंड के व्यक्तियों के भोजन, रहने व उनके गंतव्य तक पहुंचने के लिए किया जाएगा । राज्य के बाहर काम कर रहे बड़ी संख्या में उत्तराखंड के लोग अपने घरों की ओर लौटते समय राष्ट्रीय राजधानी में फंस गये हैं । एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में करीब 350 लोगों को अपने घरों पहुंचाया जा चुका है और उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के फंसे हुए लोगों के लिए भोजन, रहना और परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है ।


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उत्तराखंड में अंतिम संस्कार में 15 से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं: पुलिस

देहरादून, 27 मार्च (भाषा) उत्तराखंड पुलिस ने आदेश दिया है कि अंतिम संस्कार में अधिकतम 15 लोग शामिल हो सकते हैं। लॉकडाउन के 21 दिनों के दौरान घाट तक जाने के लिए पुलिस उन्हें वाहन और पास मुहैया कराएगी। एसपी (नगर) श्वेता चौबे ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यह सीमा केवल श्मशान या कब्रिस्तान में भाग लेने वालों की संख्या पर लागू होता है।उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें बिना किसी रुकावट के शहर के अंदर या बाहर श्मशान और कब्रिस्तान तक पहुंचने में मदद के लिए वाहन और पास दे रहे हैं।’’


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बारिश के खलल के बीच उत्तराखंड में छह घंटे दुकानें खुलीं

देहरादून, 27 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस के प्रसार पर काबू के लिए देश भर में लागू 'लॉकडाउन' के दौरान सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिये उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को जरूरी चीजों की दुकानों को तीन घंटे की बजाय छह घंटे तक खोलने की अनुमति दे दी। लेकिन सुबह से रूक-रूक कर होती रही बारिश ने इसमें खलल डाल दी । ऐसी दुकानें सुबह सात से दोपहर एक बजे तक खुली रहीं । अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से कल तक सुबह सात बजे से लेकर 10 बजे तक केवल तीन घंटे ही दुकानें खुल रही थीं जिससे बाजारों में ज्यादा भीड जमा हो रही थी । बारिश होने के कारण शुक्रवार को खरीददारों की खास भीड नजर नहीं आयी । हालांकि, लोग छाता और रेनकोट लेकर सब्जियां, फल तथा दूध आदि जरूरी सामान खरीदने निकले । अधिकारियों ने बताया कि कृषि उपज, दूध, दूध उत्पादों, अंडे आदि जरूरी चीजों की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो रही है । प्रशासन ने वरिष्ठ नागरिकों, गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए खाद्य पदार्थों और अन्य जरूरी चीजों की घर तक आपूर्ति के इंतजाम भी किए हैं । इस बीच, बडे शहरों या विदेशों में काम करने वाले लोगों के अपने गांवों में लौटने के मददेनजर प्रशासन उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति सचेत कर रहा है। पिथौरागढ के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने बताया कि पटवारियों, आशा कर्मियों, ग्राम प्रधानों और अन्य ग्रामस्तरीय कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे राज्य के बाहर से लौटे लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करें तथा एहतियाती उपाय बरतने के प्रति सचेत करें। उन्होंने कहा कि चूंकि ज्यादातर कर्मचारी बडे शहरों में होटल, रेस्टोरेंट और परिवहन व्यवसाय में काम करते हैं, इसलिए उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता । धारचूला के उपजिलाधिकारी ए के शुक्ला ने बताया कि भारत और नेपाल को जोडने वाले पुल पर भारत आने का इंतजार कर रहे 100 से ज्यादा श्रमिकों को नेपाली अधिकारियों से बातचीत कर उनके देश वापस भेज दिया गया है ।


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क्वारंटाइन एरिया में बिना अनुमति कर रहे थे निकाह, दूल्हा और काजी समेत 8 गिरफ्तार

उधम सिंह नगर कोरोना वायरस के बढ़ते खौफ के बीच लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करना एक दूल्हे को भारी पड़ गया। क्वारंटाइन इलाके में बिना अनुमति के बारात लेकर आए दूल्हे समेत आठ अन्य लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, कुछ घंटों थाने में रखने के बाद उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। सभी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। यह मामला उत्तराखंड के उधमसिंह नगर का है। खटीमा पुलिस को देर रात सूचना मिली कि किच्छा तहसील के सिरौलीकला गांव में अब्दुल रजाक के घर में कई लोग एकत्र हुए हैं। लोगों ने बताया कि अब्दुल रजाक की बेटी का निकाह है और बारात आई है। बारात में भी कई लोग शामिल हुए हैं। ऐसे में पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। मौके पर पुलिस ने भीड़ देखी और लोगों को फटकार लगाई। पढ़ेंः पुलिस देखकर भागे लोग पुलिस को देखकर मौके से कई लोग भाग खड़े हुए। इधर पुलिस ने दूल्हे सलीम, उसके पिता फहीम और निकाह करा रहे काजी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। पढ़ेंः नहीं ली थी निकाह की अनुमति पुलिस ने बताया कि इन दिनों लॉकडाउन है। जिनके यहां शादियां प्रस्तावित हैं, उन्हें टालने को कहा जा रहा है। अगर वे शादी नहीं टाल सकते तो उन्हें शर्तों के साथ अनुमति दी जा रही है। शादी में दोनों पक्षों और दूल्हा-दुलहन समेत 4 से 5 लोगों से ज्यादा को शामिल होने की अनुमति नहीं है। पढ़ेंः आठ मरीज मिलने के बाद संवेदनशील है इलाका बताया जा रहा है कि यह इलाका बहुत संवेदनशील है। यहां पर दो दिनों पहले आठ कोरोना वायरस पॉजिटिव मिले थे। पुलिस ने बताया कि मरीजों का इलाज चल रहा है और जिस जगह पर शादी थी वह इलाका पूरी तरह से क्वारंटाइन किया गया है। क्वारंटाइन होने के बावजूद ये लोग वहां शादी का समारोह आयोजित कर रहे थे जो गैर कानूनी है।


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गुरुवार, 26 मार्च 2020

उत्तराखंड में जरूरी सामान की दुकानें कल छह घंटे खुली रहेंगी

देहरादून, 26 मार्च (भाषा) बाजारों में भीड़भाड़ को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों को तीन घंटे से बढ़ाकर छह घंटे के लिए खोलने का निर्णय लिया है । अधिकारियों ने गुरुवार को यहां बताया कि जरूरी सामान वाली दुकानें कल सुबह सात बजे से एक बजे तक खुलेंगी जिससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे अहम सामाजिक मेल मिलाप से दूरी के नियम का बेहतर तरीके से पालन किया जा सके । अभी तक लॉकडाउन के दौरान सुबह सात बजे से 10 बजे तक दुकानें खुल रही थीं जिससे दुकानों पर खरीदारों की भारी भीड़ जमा हो रही थी। अधिकारियों ने बताया कि सब्जियां, फल और दूध पूरे दिन उपलब्ध रहेंगे और सब्जी विक्रेता घर-घर जाकर सब्जी बेच सकेंगे।


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शुक्रवार सुबह 7 इसे 1 तक खुलेंगे जरूरी वस्‍तुओं के बाजार, सीएम ने की कोरोना तैयारियों की समीक्षा

देहरादून में शुक्रवार को सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक आवश्‍यक वस्‍तुओं के लिए मार्केट खुले रहेंगे। यह जानकारी सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार देर शाम वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए दी। वह प्रदेश में की स्थिति और इसके संक्रमण को कम करने की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने कहा कि इस दौरान फल सब्जी की ठेलियां चल सकती हैं। चार पहिया वाहन पूरी तरह बंद रहेंगे। दोपहिया वाहन भी सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक ही चलेंगे परंतु इनपर एक ही व्यक्ति बैठेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि गेहूँ की आटा मिलें चलती रहें, ये सुनिश्चित कर लिया जाए। पंजीकृत और अन्य श्रमिकों व अन्य ज़रूरतमंदों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। की जरूरत उन्‍होंने आगाह किया कि आवश्यक सावधानियां बरतते हुए फार्मा इंडस्ट्री चलती रहें। जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनको होम क्‍वॉरंटीन कराया जाए। जिन लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखे हैं लेकिन जिनकी रिपोर्ट नहीं आई है, उन्‍हें भी सख्‍ती के साथ होम क्‍वॉ‍रंटीन का पालन कराया जाए। जरूरत पड़ने पर कोरोना अस्‍पताल की तैयारी मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता होने पर देहरादून व हल्द्वानी में 500 बेड के प्री फैब कोरोना अस्पताल बनाए जा सकते हैं, इसके लिए संबंधित जिलाधिकारी 5 एकड़ भूमि चयनित कर लें। जिन भी सीएमओ व अन्य अधिकारियों के नम्बर सार्वजनिक कर रहे हैं उन्हें सहायक भी दे दे। थोक सप्लाई को न रोके। दुकानों पर रेट लिस्ट अवश्य लगें। फूड प्रोसेसिंग से संबंधित फैक्ट्री चलती रहें। 'अभी उत्‍तराखंड फेज वन में' बैठक में सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने बताया कि अभी उत्तराखंड कोरोना के फेज एक में ही है। यहां पाए गए पाजिटिव केस बाहर से आए हुए हैं। स्थानीय संक्रमण नहीं हुआ है। सोशल डिस्टेंसिंग रखने में सफल रहे तो राज्य में कोरोना मामलों को रोकने में अवश्य कामयाब रहेंगे। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।


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भाजपा सांसद ने कोरोना से संघर्ष के लिए अपनी सांसद निधि दी

देहरादून, 26 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के नैनीताल से भाजपा सांसद अजय भटट ने जिला प्रशासन को कोरोना वायरस से संघर्ष के लिए अपनी पूरी सांसद विकास निधि निर्गत करने के निर्देश दिये हैं। नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों के जिलाधिकारियों को लिखे एक पत्र में सांसद भटट ने कहा कि वे जरूरत पडने पर सैनेटाइजर, मास्क, दवाएं, गाउन तथा कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले अन्य सुरक्षात्मक सामान खरीदने के लिए अपनी सांसद निधि को निर्गत करने के लिए अधिकृत हैं । उन्होंने कहा, ‘‘अगर जरूरत हो तो आप पांच करोड रू की पूरी सांसद निधि इस कार्य के लिए निर्गत कर सकते हैं ।’’


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वरिष्ठ नागरिकों को जरूरी सामान की आपूर्ति घर पर

देहरादून, 26 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में जिलाधिकारियों को बृहस्पतिवार को निर्देश दिये गये कि वे 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि के दौरान वरिष्ठ नागरिकों, बीमार और बेसहारा लोगों को उनके घरों तक जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं । राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति सचिव सुशील कुमार द्वारा जारी आदेश में इसके लिए आपूर्ति इंस्पेक्टरों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के वितरकों और उनके क्षेत्र के नोडल अफसरों के फोन नंबरों का प्रचार—प्रसार करने को कहा । आदेश में जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि राशन की दुकानों पर चावल, गेहूं, चीनी, दालें और कैरोसीन तेल के अलावा रोजाना इस्तेमाल में आने वाले आवश्यक सामान जैसे गेहूं के आटे, आयोडीन युक्त नमक, खाद्य तेल, टूथपेस्ट, साबुन, सैनेटाइजर और मास्क आदि उपलब्ध रहें । यह आदेश राज्य सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा है जिसके तहत कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि के दौरान लोगों को जरूरी सामान आसानी से उपलब्ध होता रहे और वे अपने घरों में ही रहें ।


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कोरोना के खौफ के बीच 'लॉकडाउन' में काटने लगा चालान, फर्जी दारोगा अरेस्ट

देहरादून कोरोना जैसी त्रासदी में भी शातिर दिमाग लोग हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। इसकी बानगी बुधवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देखने को मिली। लॉकडाउन के दौरान परेशान लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर एक फर्जी दारोगा सड़कों पर उतर आया। फर्जी दारोगा रोजमर्रा की चीजें इकट्ठी करने निकले लोगों को धमकाकर उनके फर्जी चालान काटकर वसूली करने लगा। संदिग्ध मामला संज्ञान में आते ही देहरादून नगर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने तुरंत आरोपी को गिरफ्तार करवा लिया। देहरादून एसपी सिटी ने बताया, 'हेमंत अग्रवाल नाम के शख्स को इस फर्जी दारोगा की हरकतों पर शक हुआ। चूंकि फर्जी दारोगा खाकी वर्दी पहने था। डील-डौल से भी पुलिस अफसर लग रहा था। लिहाजा शक होने के बाद भी पीड़ित ने उससे उलझने के बजाये देहरादून कैंट थाने से शिकायत करना ज्यादा मुनासिब समझा।' एसपी सिटी के मुताबिक, 'हेमंत अग्रवाल की शिकायत पर 24 मार्च (मंगलवार) को संदिग्ध कथित दारोगा के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे दबोचने के लिए टीमें बना दी गयीं। पड़ताल के दौरान क्षेत्राधिकारी (सर्किल अफसर) मसूरी को इस फर्जी दारोगा के बारे में कई खास जानकारी मिल गयीं।' बुधवार को दबोचा गया फर्जी दारोगा सीओ मसूरी नरेंद्र पंत, थानाध्यक्ष देहरादून कैंट संजय मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर राजेश सिंह और सिपाही सुभाष की अलग अलग टीमों ने संदिग्ध दारोगा को दबोचने के लिए घेराबंदी कर दी। इसी बीच 25 मार्च यानि बुधवार को पुलिस टीमों को पता चला कि आरोपी ने अनार वाला सर्किट हाउस इलाके में भी कई लोगों को उत्तराखंड पुलिस का दारोगा बनकर ठगा है। टीमों ने 25 मार्च को आरोपी को घेरकर दबोच लिया। पंजाब नारकोटिक्स में काम करता है आरोपी का भाईदेहरादून पुलिस प्रवक्ता ने कहा, 'गिरफ्तार फर्जी दारोगा राजेंद्र उर्फ राजन (32) मूलत: पंजाब के पुराना दाना मंडी मोगा का रहने वाला है। वर्तमान में कैंट थाना क्षेत्र देहरादून में रह रहा था। आरोपी के पास से देहरादून पुलिस ने ठगी से हासिल 4 हजार से ज्यादा रुपये, सब इंस्पेक्टर की वर्दी, स्कूटी भी जब्त कर ली है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि उसका एक भाई पंजाब नारकोटिक्स विभाग में तैनात है।' देहरादून पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, 'लॉकडाउन के दौरान जिला पुलिस आमजन की हरसंभव मदद की कोशिश में जुटी है। कोरोना के चलते लॉकडाउन में नागरिकों ने खुद को घरों में बंद कर रखा है। ऐसे में पुलिस उनके लिए दवाई, घरेलू रोजमर्रा की जरुरत और इस्तेमाल की वस्तुएं खुद दरवाजे पर पहुंचाने में जुटी है। जिले के हर थाने की पुलिस के इस बाबत सहयोग करने के निर्देश देहरादून के उप-महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पहले ही दिए जा चुके हैं।'


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बुधवार, 25 मार्च 2020

लॉकडाउन ग्राउंड रिपोर्ट: खाने को कुछ नहीं, 800 किलोमीटर दूर घर, साइकल से ही चल पड़े...

हरिद्वार के संक्रमण को रोकने के लिए हुए में अचानक ठप हुई जिंदगी की वजह से देहरादून में मजदूरी करने वाले मूरत को खाने के लाले पड़ गए। वह 800 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित अपने घर के लिए साइकल लेकर निकल पड़े हैं। अपने 8 अन्य सदस्यों के साथ निकले मूरत अभी हरिद्वार पहुंचे हैं और 700 किलोमीटर का उनका सफर अभी बाकी है। मूरत लाल ने बताया, 'हमने पिछले दो दिनों में केवल एक बार ही कुछ खाया है। हम रोज कमाकर खाने वाले लोग हैं। हम सभी 8 लोगों के पास मिलाकर 2 हजार रुपये ही हैं। अगर रास्ते में रोका नहीं जाता है तो हमें घर पहुंचने में शायद 5 दिन और लगें। लेकिन अब हम वापस नहीं जा सकते हैं। देहरादून में हमारे लिए कुछ भी नहीं बचा है।' पढ़ें: रोज कमाने खाने वालों की आफत 30 साल के मूरत लाल सहित आठों मजदूर देहरादून में प्लंबर, इलेक्ट्रिशन, कारपेंटिंग का काम करते हैं। सभी ने बुधवार की रात तक 90 किलोमीटर का सफर तय कर लिया था और हरिद्वार के लकसर तक पहुंचे हैं। इसी तरह मेरठ में लेबर का काम करने वाले अंकित कुमार पूरी रात करीब 10 घंटे का सफर तय कर 135 किलोमीटर दूर सहारनपुर अपने घर पहुंचे। बच्चे को खिलाने के लिए कुछ नहीं, कैसे रहूं? इसी तरह रुद्रपुर में रहने वाले मदन अपने 5 महीने के बच्चे के साथ बरेली अपने घर जाने के लिए निकले लेकिन पुलिस ने बीच रास्ते से ही उन्हें लौटा दिया। उन्होंने बताया, 'पिछले 5 दिनों से मेरे पास पैसा नहीं है क्योंकि कोई काम नहीं मिला। मेरे पास बीवी-बच्चे को खिलाने के लिए कुछ भी नहीं है।' इसी तरह कुछ लोग दूध के खाली टैंकरों में बैठकर नजीबाबाद पहुंचे। पढ़ें: वैसे तो यह पलायन चार-पांच दिन पहले से ही शुरू हो गया था, लेकिन मंगलवार की रात जब प्रधानमंत्री ने पूरे देश में 21 दिनों के कंप्लीट लॉकडाउन की घोषणा की, तो उसके बाद इन लोगों की उम्मीद ही टूट गई। मंगलवार रात से ही बड़ी तादाद में लोग अपना बिस्तर बांधकर यूपी, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में स्थित अपने घरों के लिए निकल पड़े। ऐसे लोगों का कहना था कि अगर यहां रहे, तो कोरोना से पहले भूख से मर जाएंगे। अभी निकलेंगे, तो कम से कम जिंदा अपने गांव तक तो पहुंच जाएंगे। जब हालात सुधर जाएंगे, तो वापस आ जाएंगे।


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लॉकडाउन के चलते दुकानों में उमड़ी भीड़ को कंट्रोल के लिए पुलिस की अनूठी पहल

हरिद्वार के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए हरिद्वार पुलिस ने अनूठी पहल की है। पुलिस ने किराना दुकानों के बाहर गोल घेरे बनाए हैं, ताकि लोग एक-दूसरे से दूरी बनाकर खड़े हों। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकेगा। दरअसल, सोमवार को जब शहर में दुकानें खुली तो वहां भीड़ उमड़ पड़ी। ऐसे में पुलिस ने इस अनूठी पहल को अंजाम दिया। दरअसल पुलिस द्वारा ज्यादातर भीड़भाड़ वाली किराना दुकानों के आगे थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चूने की सहायता से सर्किल बना दिये गए हैं। लोगों को उनमें खड़ा रहकर ही दुकान पर अपना नंबर आने तक प्रतीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। इससे लोग जरूरी सामानों की खरीदारी के समय भीड़भाड़ में भी एकदूसरे से निश्चित दूरी बनाए रहेंगे। गौरतलब है कि आज सुबह जब लोग जरूरी सामान की खरीदारी करने निकले तो दुकानों के बाहर बने गोल सफेद घेरों को देखकर चौंके लेकिन बाद में जब पुलिस ने लोगों को अपने घेरे में खड़े होने के निर्देश दिये तब लोगों को चूने के गोल घेरों का मतलब समझ आया। पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों में भी सोशल डिस्टेंस का पालन करा रही है। उन्हे चूने के गोल घेरों में बैठाया जा रहा है। सभी लोग इस नियम का पालन कर कोरोना वायरस को हराने में अहम भूमिका निभा रहें हैं। पीएम मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद सरकार की ओर से ये एडवाइजरी भी जारी की गई थी कि किसी भी देशवासी को जरूरी समान लेने से नहीं रोका जाएगा,फिर भी लोगों की भीड़ दुकानों पर देखी गई। जरूरी चीजों में लोग आटा, चावल और तेल जैसी चीजें इकट्ठा किया जाने लगा। जिसके बाद पुलिस को कार्रवाई के लिए उतरना पड़ा।


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नैनीतालः लॉकडाउन के बाद दवा और राशन की दुकानों पर उमड़े लोग

नैनीताल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार रात आठ बजे 21 दिन के पूर्ण राष्ट्रीय लॉकडाउन के फैसले के बाद बुधवार सुबह लोग राशन, सब्जी और दवाएं लेने के लिए उमड़ पड़े। नैनीताल में लॉकडाउन के चलते लोग दुकानें बंद होने को लेकर आशंकित थे। ऐसे में भीड़ की बेकाबू स्थिति देखकर पुलिस और प्रशासन ने मोर्चा संभाला लिया। मल्लीताल और तल्लीताल बाजार में ग्राहक कुछ इस तरह खरीददारी करते दिखे जैसे आज के बाद बाजार बंद हो जाएगा। सब्जी मंडी में सब्जी खत्म हो गई।राशन की दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें लग गईं। दवाओं की दुकान में लोग ऐसे झपटे मानों दवाएं फ्री में मिल रही हों। प्रशासन और व्यापारियों के माल की नियमित आपूर्ति होने के लाख ऐलान के बावजूद ग्राहक अपने को रोक नहीं सके। उन्हें यह डर लगा रहा कि सामान खत्म न हो जाए। जिला प्रशासन का इंतजाम व्यापारियों का कहना है कि सामान की आपूर्ति ठीक नहीं होने के कारण माल खत्म हो रहा है। ग्राहकों की भीड़ बढ़ने से उन्हें भी वायरस का खतरा हो गया है। इस स्थिति के बाद जिला प्रशासन भी जागा और अब उसने गुरुवार से सब्जीमंडी के लिए नैनीताल में फ्लैट्स मैदान को अधिग्रहीत कर लिया है। इसके बाद ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अब खरीददारी के दौरान सोशल डिस्टेंस कायम किया जा सकेगा।


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उत्तराखंड में सम्पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद किराना दुकानों, सब्जी मंडी में उमड़ी भीड़

देहरादून, 25 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में बुधवार सुबह दस बजे के बाद सम्पूर्ण लॉकडाउन रहा लेकिन उससे पहले किराना दुकानों और सब्जी मंडियों में लोग सामाजिक मेल-जोल को कम करने की सलाह को दरकिनार करते भीड़ लगाए दिखे। गुरुवार से किराना दुकानों और सब्जी मंडियों के खुलने के लिए सुबह सात से दस बजे तक केवल तीन घंटे का समय निर्धारित किये जाने के कारण लोग इस दौरान जरूरी सामान खरीदने के लिए निकल पड़े। बडी संख्या में लोग सब्जी और फल खरीदने के लिए सब्जी मंडी की संकरी गलियों में बिना मास्क पहने एक दूसरे से धक्का—मुक्की भी करते नजर आये। हालांकि, दस बजते ही जैसे दुकानों ने अपने शटर नीचे किए, सड़कों पर फिर वीरानी छा गयी। सड़कों पर आज वाहनों का आवागमन भी बहुत कम रहा और हर बैरीकेड पर पुलिस प्रत्येक वाहन को रोककर पूछताछ करती रही। पुलिस आज कालोनियों में भी पहुंची और गलियों में बेवजह घूम रहे लोगों को घरों के भीतर जाने को कहा। लोगों द्वारा सामाजिक मेल-जोल कम करने के निर्देश का पालन नहीं करने और जरूरी सामान खरीदने के लिए दुकानों में भीड़ लगाने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज एक बार फिर लोगों से घर में रहने की अपील की। कोरोना वायरस से बचाव के लिए उन्होंने लोगों से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर सरकार द्वारा जारी परामर्श का पालन करने को कहा।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों संख्या पांच हुई

देहरादून, 25 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में बुधवार को और एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के साथ ही प्रदेश में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर पांच हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण का पांचवां मामला कोटद्वार निवासी 25 वर्षीय युवक का है, जो 13 मार्च को स्पेन से लौटा है। उसमें कहा गया है, ‘‘युवक को संदिग्ध लक्षणों के आधार पर 16 मार्च को बेस चिकित्सालय, कोटद्वार के पृथक वार्ड में भर्ती किया गया था। बाद में हालत गंभीर हो जाने पर 21 मार्च को उसका नमूना जांच के लिए भेजा गया। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।’’ मंगलवार तक उत्तराखंड में सामने आये कोरोना वायरस संक्रमण के तीन मामले भारतीय वन सेवा :आईएफएस: प्रशिक्षुओं के थे जो अपने अध्ययन टूर के सिलसिले में स्पेन गए थे जबकि चौथा मामला एक अमेरिकी नागरिक का था। सभी दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक डा अमिता उप्रेती ने बताया कि तीन प्रशिक्षुओं में से एक के दोबारा भेजे गये नमूने की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है लेकिन उसे अगले 14 दिन तक पृथक वार्ड में निगरानी में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु की फिर से जांच करायी जाएगी।


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कोरोना वायरस : महामारी के वक्त आवश्यक सेवाओं में जुटे लोगों का होगा जीवन बीमा : सरकार

देहरादून, 25 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस महामारी को परास्त करने की प्रतिबद्धिता दोहराते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को घोषणा की कि 'लॉकडाउन' के दौरान खतरा उठाकर मेडिकल और सफाई कार्य सहित सभी आवश्यक सेवाओें में जुटे कर्मचारियों का जीवन बीमा किया जायेगा। 2021—22 का बजट पारित कराने के लिये बुलाए गये विधानसभा के एक घंटे के विशेष सत्र में कोरोना वायरस संकट पर अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच मेडिकल, पैरामेडिकल स्टॉफ, सफाईकर्मी, मीडियाकर्मी तथा अन्य आवश्यक सामान की आपूर्ति में लगे लोगों यानी 'कोविड-19 वारियर्स' को वह साधुवाद देते हैं और उनके लिए जीवन बीमा की घोषणा करते हैं।’’ कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित करने, प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट टास्क फोर्स बनाने, कैबिनेट की दो आपात बैठकें करनें, भारत—नेपाल सहित सभी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील करने, संपूर्ण राज्य में पर्यटकों का प्रवेश वर्जित करने, कोरोना से निपटने के लिए कैबिनेट से 50 करोड़ रुपये तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रुपये निर्गत करने, लॉकडाउन की अवधि के दौरान पंजीकृत श्रमिकों को 1000 रुपये प्रति माह देने तथा अपंजीकृत श्रमिकों के लिये जिलाधिकारियों को कुल 30 करोड़ रुपये देने, घातक वायरस से बचाव के लिए प्रचार—प्रसार करने, सभी जिलों में पर्याप्त पृथक केन्द्रों, चारों सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के लिये आरक्षित रखने, प्रदेश में दो कोरोना वायरस जांच लैब को मंजूरी दिलवाने, डाक्टरों और नर्सों की नियुक्ति का अधिकार मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाध्यापकों को देने सहित सरकार के सभी प्रभावी कदमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। हालांकि, उन्होंने इसमें जनसहभागिता को जरूरी बताते हुए कहा कि सरकार के इन उपायों को सफलता तभी मिलेगी जब इसमें लोगों का सहयोग भी हो। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन की अवधि में घर में ही रहने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘21 दिनों के इस महायज्ञ में अपना संकल्प और आहुति दें।’’ उन्होंने अन्य राज्यों में कार्यरत उत्तराखंड वासियों से अपील किया कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और देश के जिस भी कोने में हैं, फिलहाल वहीं रहें। उन्होंने कहा, ‘‘आप जहां भी रह रहे हैं वहीं रहें। देश हमारा है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के चार मामले सामने आए हैं, इनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की भी निगरानी की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने सभी विधायकों से आग्रह किया कि वह कोरोना से स्वयं को और अपने परिवार को बचाने के अलावा अपनी क्षेत्र की जनता में भी इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूकता फैलायें।


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उत्तराखंड : रावत ने सदन में विधायकों से अपना फोन नंबर साझा किया

देहरादून, 25 मार्च :भाषा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सदन में विधायकों के साथ अपना फोन नम्बर साझा करते हुए कहा कि वह अपना फोन खुद रिसीव करते हैं और जरूरत पडने पर उनसे संपर्क किया जा सकता है । कोरोना संकट के बीच वर्ष 2021—22 के लिए प्रदेश का बजट पारित करने के लिये बुलाए गये राज्य विधानसभा के एक घंटे के विशेष सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश तथा अन्य विपक्षी सदस्यों ने जिलाधिकारियों के फोन न रिसीव करने का मामला उठाते हुए सरकार से इस संबंध में उन्हें परामर्श जारी करने कहा । इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका फोन नंबर तो सब :सभी विधायकों: के पास होगा और जरूरत पडने पर उनसे संपर्क किया जा सकता है । विपक्षी विधायकों के यह कहने पर कि उनके पास उनका नंबर नहीं हैं, रावत ने कहा, ‘‘मेरे पास एक ही नंबर है । मेरा नंबर नोट कीजिए । मैं खुद अपना फोन उठाता हूं । अगर न उठे तो आप अपने नाम के साथ मैसेज कर दें । मैं खुद संपर्क करूंगा और मामले को देखूंगा ।'’ इससे पहले, ह्रदयेश ने मुख्यमंत्री रावत से आग्रह किया कि कोरोना संकट के चलते कई लोग अपने घर वापस आ रहे हैं लेकिन उन्हें यातायात का साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है । उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को जब इस संबंध में फोन किया जाता है तो वे फोन नहीं उठता ।


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मंगलवार, 24 मार्च 2020

उत्तराखंड के चारों सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 मरीजों के लिए रिजर्व रखा जायेगा

देहरादून, 24 मार्च (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए प्रदेश के चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए आरक्षित रखने सहित कई निर्णय लिए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों, देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोडा को मुख्य रूप से कोरोना के मरीजों के उपचार के लिये रखा जाएगा जबकि शेष विभागों को फिलहाल अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, श्रीनगर ,हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों को आगामी तीन माह के लिये पदों के सापेक्ष इंटरव्यू द्वारा डॉक्टर की भर्ती करने का अधिकार भी दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में 555 अस्थाई पदों के सापेक्ष विज्ञापित 314 पदों का इंटरव्यू चल रहा है जबकि शेष पदों पर भर्ती के लिये विज्ञापन निकालने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, सृजित 958 रिक्त पदों के सापेक्ष 479 सर्जन को 11 माह के लिए रखने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के निजी अस्पतालों को भी जरूरत पड़ने पर कोविड-19 के मरीजों के लिए उपलब्ध कराने को तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं और उनके साथ लगातार इस विषय पर बैठकें हो रही हैं । उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के टेस्ट के लिये दो अन्य सेंटरों, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) और एम्स के लिये भी केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है । उन्होंने उम्मीद जतायी कि एक दो दिन में यह अनुमति मिल जायेगी । कौशिक ने बताया कि उधमसिंह नगर,हरिद्वार ,नैनीताल और देहरादून जनपदों के जिलाधिकारियों को तीन करोड़ रुपये और अन्य जनपदों के जिलाधिकारियों को दो करोड़ रुपये असंगठित मजदूरों तथा अन्य जरूरतमंद जनता की तात्कालिक मदद के लिये दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने गेहूं की खरीद मूल्य 1925 प्रति क्विंटल पर 20 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि करने का फैसला किया है।


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ऋषिकेश में स्कूल भवन में तेंदुआ घुसा, बचाव के प्रयास जारी

ऋषिकेश, 24 मार्च (भाषा) ऋषिकेश तहसील की गुमानीवाला ग्राम सभा स्थित एक बड़े आवासीय स्कूल में मंगलवार को एक तेंदुआ घुस गयाा जिसे बचाने के लिए वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंच गयी है। देहरादून के वन प्रभागीय अधिकारी :डीएफओ: राजीव धीमान ने बताया कि तेंदुआ संभवत: पास के जंगल से भटककर स्कूल में आ गया और इसके स्कूल की बिल्डिंग में घुसने का पता चौकीदार को सुबह लगा। धीमान ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण स्कूल के बंद होने के चलते फिलहाल स्कूल में कक्षाएं नहीं चल रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी से तेंदुए को बेहोश कर पिंजरे में डालने की अनुमति ले ली गयी है लेकिन स्कूल की बिल्डिंग और उसके कॉरिडोर व बॉलकनी बहुत बड़ी होने के कारण उसे बेहोश करने में काफी जोखिम है। उन्होंने कहा कि तेंदुए को रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है और उसे बेहोश करने की दवा, उपकरण, जाल इत्यादि सामान व संसाधनों को मौके पर मंगा लिया गया है। इससे पहले, सूचना मिलने पर सुबह मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के वाहन चालक आनन्द बहुगुणा पर तेंदुए ने पँजे से झपट्टा मारा जिससे बहुगुणा के चेहरे व सिर पर चोटें आईं। रेंज अधिकारी आरपीएस नेगी ने बताया कि बहुगुणा को तुरंत एम्स ऋषिकेश की इमरजेंसी में लाकर उपचार करवाया गया जहाँ उसकी हालत ख़तरे से बाहर है।


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उत्तराखंड में सख्ती से हो रहा है लॉकडाउन का पालन

देहरादून, 24 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में प्रशासन ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये लागू राज्यव्यापी लॉकडाउन का मंगलवार को सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाते हुए किराना दुकानों और निजी यातायात को सुबह 10 बजे के बाद संचालित नहीं होने दिया। हालांकि, जनता की सुविधा को देखते हुए पहले जरूरी सामान वाली दुकानों और निजी वाहनों को लॉकडाउन के दायरे से बाहर रखा गया था लेकिन कल सड़कों पर लोगों की भीड़ देखने के बाद सरकार ने दुकानों के खुलने का समय तीन घंटे यानि सुबह 7 बजे से 10 बजे तक के लिए निर्धारित कर दिया है। सरकार ने यह भी फैसला किया कि निजी वाहनों को भी सुबह 10 बजे के बाद सड़कों पर नहीं आने दिया जायेगा। अंतरराज्यीय सीमाओं के अलावा शहरों और नगरों में भी जनता को इकट्ठा होने से रोकने और उन्हें वापस घर भेजने के लिए पर्याप्त बैरीकेडिंग और पुलिस की तैनाती की गयी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिये अपने घरों में ही रहने को कहा है। रावत ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘अपने घर पर बैठें, अपने परिवार के साथ हंसी-ठिठोली करें। अगले 10 दिन तक प्रण करें कि घर से बाहर नहीं निकलेंगे और अपने परिवार के साथ समय गुजारेंगे। अच्छे क्षण अपने मोबाइल पर कैप्चर करें और साझा करें। घर से बाहर न निकलें, समाज नहीं तो कम से कम अपने परिवार के लिए।'’ उत्तराखंड में अभी तक एक अमेरिकी नागरिक सहित चार मामलों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है।


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सोमवार, 23 मार्च 2020

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री रावत ने कहा, राज्य में मंगलवार से पूरी तरह लॉकडाउन

देहरादूनकोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए में का उल्लंघन करते लोगों के बाहर सड़कों पर निकलने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि कल से राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लागू किया जायेगा। लोगों से घरों में रहने की फिर अपील करते हुए रावत ने कहा, ‘आवश्यक वस्तुओं की दुकानें भी कल से केवल सुबह सात बजे से दस बजे तक खुलेंगी और उसके बाद निजी वाहनों को भी पूर्ण रूप से सड़कों पर चलने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।’ इसके अलावा प्रदेश सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस को लेकर तैयारियों की समीक्षा करते हुए प्रदेश के निजी अस्पतालों के 25 प्रतिशत बेड कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस से बचाव के लिए राज्य में 23 मार्च से 31 मार्च तक लॉकडाउन किया गया है, लेकिन जानकारी मिल रही है कि मार्केट बंद रहने के बावजूद भी कुछ लोग सड़कों पर आ रहे हैं, यह बहुत ही भयावह स्थिति की ओर ले जा सकता है।’ मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा जीवन तभी सुरक्षित रह सकता है, जब हम सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें। (भाषा से इनपुट्स के साथ)


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मंगलवार से उत्तराखंड में पूरा लॉकडाउन लागू होगा—रावत

देहरादून, 23 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उत्तराखंड में'लॉकडाउन' का उल्लंघन करते लोगों के बाहर सडकों पर निकलने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि कल से राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लागू किया जायेगा । लोगों से घरों में रहने की फिर अपील करते हुए रावत ने कहा, ‘‘आवश्यक वस्तुओं की दुकानें भी कल से केवल सुबह सात बजे से दस बजे तक खुलेंगी और उसके बाद निजी वाहनों को भी पूर्ण रूप से सडकों पर चलने से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस से बचाव के लिए राज्य में 23 मार्च से 31 मार्च तक लॉक डाउन किया गया है परंतु जानकारी मिल रही है कि मार्केट बंद रहने के बावजूद भी कुछ लोग सड़कों पर आ रहे हैं, यह बहुत ही भयावह स्थिति की ओर ले जा सकता है ।’’ मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन में सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा जीवन तभी सुरक्षित रह सकता है, जब हम सरकार के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करें।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस का एक और मामला, मरीजों की संख्या 4 हुई

देहरादून में के संक्रमण का एक और मामला सामने आया है। सोमवार को एक अमेरिकी नागरिक में संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह नागरिक दून अस्पताल में भर्ती है। अब इस मामले के बाद उत्तराखंड में चार लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। 49 वर्षीय अमेरिकी नागरिक बीते 20 मार्च को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया था। वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। यहां वह कमरा लेने राजपुर रोड स्थित एक होटल में पहुंचा। जहां उसकी थर्मल स्कैनर से जांच होने पर मामला उसे बुखार की पुष्टि हुई जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडेय के अनुसार यह अमेरिकी नागरिक कुछ दिन पहले उत्तराखंड आया था। इससे पहले इंदिरा गांधी नैशनल फॉरेस्ट अकादमी के तीन आईएफएस अधिकारियों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या बढ़कर चार हुई

देहरादून, 23 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के और एक मामले की पुष्टि होने के साथ ही प्रदेश में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर चार हो गयी है। प्रभारी निदेशक, स्वास्थ्य, एसके गुप्ता ने बताया कि 49 वर्षीय अमेरिकी नागरिक को 21 मार्च को यहां के सरकारी दून अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया था। गुप्ता ने बताया कि उसके नमूने जांच के लिए हल्द्वानी की प्रयोगशाला में भेजे गये थे जिसकी आज आयी रिपोर्ट में उसके कोविड—19 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी नागरिक के संपर्क में आये लोगों की भी पहचान हो गयी है और उन्हें भी पृथक रखा जा रहा है। इस ताजा मामले के सामने आने के बाद उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से पीड़ितों की संख्या बढ़कर चार हो गयी है। इससे पहले इस रोग से पीड़ित तीन अन्य मामले यहां भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) के परिसर के अंदर स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) में प्रशिक्षु वन अधिकारियों के हैं। अकादमी से 28 प्रशिक्षुओं का एक दल हाल में स्पेन की यात्रा करके लौटा था जिसके बाद उनके नमूने जांच के लिये भेजे गये थे। इनमें से एक प्रशिक्षु का नमूना 15 मार्च को कोरोना वायरस पॉजिटिव आया था जबकि अन्य दो मामलों की पुष्टि उनके दूसरे नमूने भेजे जाने के बाद 19 मार्च को हुई थी। कोरोना वायरस पीड़ित सभी मरीज दून मेडिकल कॉलेज में बने पृथक वार्डों में भर्ती हैं।


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रावत ने लॉकडाउन को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए

देहरादून, 23 मार्च (भाषा) उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को अधिकारियों से कहा कि वे लॉकडाउन को सख्ती से लागू करें। साथ ही प्रदेशवासियों से इसमें सहयोग देने की अपील की। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए राज्य में 31 मार्च तक लॉकडाउन किया गया है। आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। आपको आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। अतः आप इस अवधि तक अपना सहयोग दें। कृपया इस अवधि में अपने घर में ही रहें।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की नई चुनौती से निपटने के लिए सरकार को पूरी तरह से तैयार बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सफाई, परिवहन जैसी आवश्यक सुविधाएं पहले की ही तरह उपलब्ध हैं और खाद्यान्न, तेल, सब्जियाँ, फल, पेट्रोल, डीजल आदि रोजमर्रा की जरूरतों की आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि आगे भी सभी आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। रावत ने कहा, ‘‘हमारे लिए आप सभी का सहयोग बहुत जरूरी है। सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें। अफवाहों पर ध्यान ना दें। केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर विश्वास रखें।’’ कोरोना से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर कल जनता कर्फ्यू के बाद मुख्यमंत्री रावत ने 31 मार्च तक पूरे प्रदेश को लॉकडाउन करने की घोषणा की थी। प्रदेश को लॉकडाउन किये जाने के बाद से अन्तरराज्यीय सीमाओं सहित शहरों के बाहरी इलाकों में भी बैरीकेडिंग कर दी गयी है और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों के अलावा अन्य वाहनों के प्रवेश को रोका जा रहा है।


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उत्तराखंड में घर जाने के लिए वाहनों की मांग को लेकर युवकों का प्रदर्शन

ऋषिकेश, 23 मार्च :भाषा: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा उत्तराखंड को लॉकडाउन करने के बावजूद अन्य राज्यों में कार्यरत सैंकड़ों राज्यवासी यहां पहुंच गये और उन्होंने अपने घर जाने के लिए वाहनों की मांग को लेकर सोमवार को यहां प्रदर्शन किया । केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कोरोना वायरस के खतरे के मददेनजर यात्रा न करने की सलाह देने और अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करने के बावजूद अपने घरों से दूर अन्यत्र काम करने वाले लोगों का आना जारी है । अपने घर जाने के लिए वाहनों की मांग को लेकर सुबह देहरादून मार्ग स्थित नटराज चौक पर युवकों ने प्रदर्शन किया। बाद में, देहरादून के जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन एवं परिवहन विभाग ने अन्य राज्यों में काम करने वाले उत्तराखंड वासियों को संयुक्त बस अड्डे पर बुलवाया और उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर उन्हें गढ़वाल मंडल के जिला मुख्यालयों तक पहुंचाने की व्यवस्था की। उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लॉकडाउन की स्थिति के बीच अन्यत्र राज्यों में कार्यरत बड़ी संख्या में युवक अपने घरों का रुख करते हुए ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी लॉकडाउन होने से सार्वजनिक यातायात बंद है जिसके कारण ये सभी यहीं अटक गए। प्रेमलाल ने बताया कि अब इनका विवरण लेकर ऋषिकेश प्रशासन इन्हें परिवहन निगम की बसों से गढ़वाल मंडल के जनपद मुख्यालयों तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहा है। उन्होंने आशंका जतायी कि गढ़वाल मंडल का प्रमुख प्रवेश द्वार होने के कारण ऋषिकेश में इस तरह की स्थिति आगे भी बनी रह सकती हैं।


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रविवार, 22 मार्च 2020

उत्तराखंड : स्वास्थ्य कर्मियों का आभार जताने के लिये लोगों ने थालियां, तालियां बजाईं

देहरादून, 22 मार्च :भाषा: शाम के पांच बजते ही उत्तराखंड के लोग अपनी छत पर चढे और कोरोना वायरस के खतरे के बीच मानवता के लिए अपनी सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य और सफाई कर्मियों के प्रति अपना आभार जताने के लिए थालियां, शंख, घंटियां और तालियां बजाईं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज आयोजित जनता कर्फ्यू के दौरान लोग दिन में अपने घरों पर ही रहे और शाम को अपनी छतों पर चढकर थालियां, शंख, घंटियां और तालियां बजायीं । इस महामारी से लड़ने के लिये एकजुटता दिखाते हुए वयस्कों के साथ—साथ बच्चों ने भी बढ़चढ़ कर थालियां और घंटियां बजाईं और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति देने वाले स्वास्थ्य और सफाई कर्मियों के प्रति आभार जताया ।


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उत्‍तराखंड: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले- 31 मार्च तक लॉकउाउन, कठोर कदमों के लिए तैयार रहे जनता

देहरादून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए 31 मार्च तक के लिए पूरे प्रदेश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। मुख्‍यमंत्री ने रविवार को सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। लॉकडाउन के दौरान आवश्‍यक सेवाएं छोड़ बाकी सभी सेवाएं स्‍थगित रहेंगी। मुख्‍यमंत्री रावत ने कहा, ' से बचाव के लिए प्रदेश की जनता का घरों में रहना और सरकार के साथ सहयोग करना जरूरी है।' मुख्यमंत्री रावत ने जनता को भरोसा दिलाया है कि इस दौरान खाद्यान्‍न और स्वास्थ्य जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा। उत्तराखंड में लॉकडाउन ऐसे दिन घोषित किया गया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन किया जा रहा है। कठोर कदम उठाने के संकेत इससे पहले जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए लोगों को दिये गए अपने धन्यवाद संदेश में मुख्यमंत्री ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिये थे कि कोरोना वायरस के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। रावत ने कहा, ‘किसी भी प्रकार से खाद्यान्‍न और दवाओं की कमी हम नहीं होने देंगे और अगर आवश्यकता पड़ी तो हम घर-घर जाकर भी खाद्यान्‍न व दवाएं पहुंचाएंगे।’ अभी तक संक्रमण के तीन मामले उत्तराखंड में अभी तक कोरोना संक्रमण के तीन मामले सामने आए हैं और ये सभी देहरादून में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु वन अधिकारी हैं। ये सभी उन 28 अधिकारियों के दल में शामिल थे जिन्होंने हाल में स्पेन की यात्रा की थी।


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कोविड-19 : उत्तराखंड 31 मार्च तक लॉकडाउन

देहरादून, 22 मार्च :भाषा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 31 मार्च तक के लिये संपूर्ण प्रदेश में रविवार को लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है । सोशल मीडिया पर यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘ प्रदेश में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है और आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर बाक़ी सभी सेवाएँ स्थगित कर दी गयी हैं ।'’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेश की जनता का घरों में रहना और सरकार के साथ सहयोग करना जरूरी है । मुख्यमंत्री रावत ने जनता को भरोसा दिलाया है कि इस दौरान खाद्यान्न और स्वास्थ्य ज़रूरतों का ध्यान रखा जाएगा। उत्तराखंड में लॉकडाउन ऐसे दिन घोषित किया गया है जब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सुबह सात बजे से लेकर रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन किया जा रहा है । इससे पहले जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए लोगों को दिये गए अपने धन्यवाद संदेश में मुख्यमंत्री ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिये थे कि कोरोना वायरस के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत कठोर कदम उठाये जा सकते हैं । रावत ने कहा, ‘‘किसी भी प्रकार से खाद्यान्न और औषधियों की कमी हम नहीं होने देंगे और अगर आवश्यकता पडी तो हम घर—घर जाकर भी खाद्यान्न तथा औषधियां पहुंचायेंगे ।’’ उत्तराखंड में अभी तक कोरोना संक्रमण के तीन मामले सामने आए हैं और ये सभी देहरादून में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु वन अधिकारी हैं । ये सभी उन 28 अधिकारियों के दल में शामिल थे जिन्होंने हाल में स्पेन की यात्रा की थी ।


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शनिवार, 21 मार्च 2020

उत्तराखंड में ‘जनता कर्फ्यू’ का सड़कों पर दिखा असर

देहरादून, 22 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज देहरादून तथा उत्तराखंड की अन्य जगहों पर 'जनता कर्फ्यू' का कड़ाई से पालन किया जा रहा है । सुबह से ही देहरादून में सन्नाटा पसरा हुआ है और सात बजे से ही लोग कर्फ्यू का मुस्तैदी से पालन कर रहे हैं। सड़कों पर भी इक्का—दुक्का वाहन ही दिखाई पड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू को सफल बनाने का संकल्प लेते हुए जनता से इसका कड़ाई से पालन करने की अपील की थी। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अशोक कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में जनता कर्फ्यू का पालन कड़ाई से हो रहा है और पुलिस अपनी सहयोगात्मक भूमिका निभा रही है । अभी तक प्रदेश में सिर्फ तीन कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं और ये सभी देहरादून में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु वन अधिकारी हैं। ये सभी उन 28 अधिकारियों के दल में शामिल थे जिन्होंने हाल में स्पेन की यात्रा की थी।


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कोरोना के चलते उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं अग्रिम आदेशों तक स्थगित

देहरादून कोरोना वायरस के कारण बनी स्थिति के चलते देशभर के तमाम स्कूली शिक्षा बोर्ड ने अपने यहां की तमाम परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इसी कड़ी में ने भी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। उत्तराखंड सरकार के शिक्षा विभाग ने प्रदेश में होने वाली उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया है । कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच ये फैसला लिया गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की पहल पर यह निर्णय हो पाया है। शिक्षा मंत्री ने शनिवार को सीएम से बात कर परीक्षाएं स्थगित कराने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। कोरोना वायरस के चलते शिक्षा् विभाग ने यह फैसला लिया है। इसके चलते 23,24 और 25 मार्च को होने वाली हाईस्कूल इंटरमीडिएट होने वाली परीक्षाओं की अगली तिथि अलग से निर्धारित होगी। परीक्षाओं के मूल्यांकन को लेकर भी अलग तारीख निर्धारित की जाएगी । बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक होना था । पढ़ेंः बता दें कि उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के तीन मरीज सामने आए हैं। तीनों पॉजिटिव मरीज भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु हैं जो विदेश में ट्रेनिंग के लिए गए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने वन अनुसंधान संस्थान को सील करने के लिए कहा गया है। किसी बाहरी व्यक्ति को एफआरआई के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।


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शुक्रवार, 20 मार्च 2020

उत्तराखंड में बाहर से आने वाले घरेलू समेत विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर लगी रोक

देहरादून में बाहर से आने वाले समेत विदेशी पर्यटकों के उत्तराखंड प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड रोडवेज ने दिल्ली मार्ग समेत अन्य मार्गों पर संचालित की जा रही अपनी कुछ बसों के संचालन में फिलहाल कमी कर दी है। ऐसा इन रूट्स पर यात्रियों की संख्या गिरावट के चलते लिया गया है। सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों का प्रवेश उत्तराखंड में बैन किया गया है। उत्तराखंड शासन ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है। एक दिन पूर्व हिमाचल सरकार भी ऐसा एक आदेश जारी कर चुकी है। देहरादून स्थित उत्तराखंड राज्य बीजेपी मुख्यालय भी लॉक डाउन कर दिया गया है। हरिद्वार का प्रमुख भारत माता मंदिर भी आगामी 31 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। इस संबंध में मंदिर की देखरेख करने वाले मंदिर की प्रबंधन समिति की बैठक जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया।


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उत्तराखंड में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध

देहरादून, 20 मार्च (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर शुक्रवार को घरेलू और विदेशी पर्यटकों के राज्य में प्रवेश पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नितेश झा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पहले भी कई परामर्श जारी कर लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा जा चुका है। इस बात को ध्यान में रखते हुए घरेलू और विदेशी पर्यटकों के राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत महसूस की गयी ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके। एक अन्य परामर्श में, झा ने दस साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों से 31 मार्च तक घर में रहने और बाहर न निकलने की अपील की है।


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रावत ने जनता से कर्फ्यू में सहयोग मांगा

देहरादून, 20 मार्च :भाषा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 22 मार्च को कर्फ्यू में सहयोग देने के लिए आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए यह बहुत जरूरी है। यहां जारी एक संदेश में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सभी लोग प्रधानमंत्री के साथ हैं और उनके सभी दिशा निर्देशों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से देश को कोरोना वायरस से मुक्त करने में जरूर कामयाबी मिलेगी । उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जो सावधानियां बरतीं और समय से तैयारियां कीं, उसका परिणाम है कि अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना वायरस नियंत्रित अवस्था में है।’’ कोरोना वायरस को एक नई चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है । उन्होंने कहा कि इस रोग से घबराने की नहीं, बल्कि थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत है और कुछ साधारण बातों का ध्यान रखकर इसे फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली, पानी, स्वास्थ्य, स्वच्छता और परिवहन जैसी आवश्यक सुविधाएं पहले की ही तरह उपलब्ध हैं जबकि खाद्यान्न, तेल, सब्जियाँ, फल, पेट्रोल, डीजल आदि रोजमर्रा की जरूरतों की आपूर्ति में भी किसी तरह की कमी नहीं है। रावत ने आम जनता से अपील की, ‘‘हमारे लिए आप सभी का सहयोग बहुत जरूरी है। हमें आपका केवल इतना सहयोग चाहिए कि सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें। कुछ समय के लिए भीड़भाड़ से बचें और सामाजिक दूरी बनाए रखें। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर विश्वास रखें।’’


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