राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही दिवंगत जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुई जहां नेता सदन व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्रियों एवं सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए।
धामी ने कहा कि जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले 11 अन्य सपूतों के निधन का समाचार पाकर वह व्यथित हैं ।
उन्होंने जनरल रावत के निधन को देश के लिए ‘अपूरणीय क्षति’ बताते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड को विशेष रूप से आघात पहुंचा है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के सर्वोच्च अधिकारी होने के साथ ही वह विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ भी थे और उत्तराखंड से जुड़े सभी मुद्दों पर विशेष रूचि लेते थे ।
इस संबंध में धामी ने बताया कि उनके कहने पर जनरल रावत ने सामरिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन परियोजना पर सेना की तरफ से तत्काल एक प्रस्ताव भिजवाया जिसके बाद 155 किलीमीटर लंबी रेल लाइन के ब्रॉड गेज के निर्माण के वास्ते सर्वेक्षण के लिए 29 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द ही उत्तराखंड में रहने वाले सैनिकों और उनके परिवारों के साथ उनके कुछ कार्यक्रम भी होने वाले थे जिसके लिए लैंसडाउन, देहरादून, बनबसा और रानीखेत जैसे स्थानों का चयन भी कर लिया गया था।
जनरल रावत की सादगी और आत्मीयता को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनकी सैन्य पृष्ठभूमि को जानते थे और उन्हें उनके पिता की मध्य प्रदेश के सागर में स्थित महार रेजीमेंट ले जाना चाहते थे । धामी ने कहा कि कई बार इस संबंध में जनरल रावत ने उनसे बात की, लेकिन दुर्भाग्यवश यह कार्यक्रम टलता रहा ।
उन्होंने कहा, “हमने अब 30 दिसंबर से पहले सागर जाने का कार्यक्रम बनाया था।” अफसोस भरे लहजे में धामी ने कहा, '‘मुझे क्या पता था कि नियति को क्या मंजूर है। बार-बार उनका वह गंभीर चेहरा मेरे सामने आ रहा है....जनरल साहब, आप बहुत याद आओगे।”
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि उनके निधन की भरपाई निकट भविष्य में हो पाना असंभव है । उन्होंने कहा कि जनरल रावत ने एक ऐसा मुकाम हासिल किया जो हर व्यक्ति हासिल नहीं कर सकता और अंत तक वह राष्ट्र की सेवा में लगे रहे।
देवप्रयाग के विधायक विनोद कंडारी ने जनरल रावत की स्मृति को चिरस्थाई रखने के लिए देवप्रयाग में बनाए जा रहे संस्कृत विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर रखे जाने का सुझाव दिया । इस पर संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने सदन की ओर से उसे माने जाने को सहमति दे दी ।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने भी दिवंगत शीर्ष सैन्य अधिकारी को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह सदन की भावनाओं को उनके परिजनों तक प्रेषित करेंगे।
इससे पहले, मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित पार्टी नेताओं ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत सैन्य अधिकारी को उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि बुधवार को एक सैन्य हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हेलीकॉप्टर में सवार जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की हादसे में मौत हो गई।
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