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अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में सुहाग से एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है, जिसमें नाकाम रहने पर उनके (सुहाग के) खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कालागढ़ वन संभाग के मोरघाटी, पाखरो और कांडी मार्ग क्षेत्र का दौरा करने के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एक टीम द्वारा पता लगाये गये तथ्यों की ओर सुहाग का ध्यान आकृष्ट करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा है कि इन इलाकों में क्रंकीट के ढांचों के अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई बगैर जरूरी मंजूरी के की गई।
नोटिस में कहा गया है, ‘‘यह पाया गया है कि आपने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आपको प्रदत्त शक्तियों का उपयोग इन गतिवधियों को रोकने में नहीं किया, जो कि एक गंभीर विषय है। ’’
कार्बेट के ‘बफर जोन’ में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई का विषय प्रकाश में आने के बाद सुहाग को इस साल नवंबर में मुख्य वन्यजीव वार्डन के अतिरिक्त प्रभार से सेवामुक्त कर दिया गया था।
वह क्षतिपूरक वनीकरण कार्यक्रम (सीएएमपीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।
कारण बताओ नोटिस में यह भी कहा गया है कि सीएएमपीए सीईओ के तौर पर उनके बयान देने में नाकाम रहना भी एक गंभीर अपराध है।
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