सुरई इको-टूरिज्म जोन के पश्चिमी किनारे पर स्थित, ककरा नहर दलदलीय मगरमच्छों का निवास स्थान है। मगरमच्छ की यह प्रजाति भूटान और म्यांमा जैसे देशों में विलुप्त हो गई है। यह नहर वर्तमान में 100 से अधिक दलदलीय मगरमच्छों का घर है।
‘ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल’ बनाने के लिए चार किलोमीटर तक नहर की घेराबंदी की गई है। मगरमच्छों को सुरक्षित रूप से देखने की सुविधा के लिए नहर के चारों ओर तीन स्थल और कई ‘वॉच टावर’ बनाए गए हैं। धामी ने ‘सुरई इको-टूरिज्म जोन’ के माध्यम से जंगल ‘सफारी ट्रेल’ का भी उद्घाटन किया जिसे समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। क्षेत्र की जैव विविधता का हवाला देते हुए धामी ने कहा कि यह स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोग 40 किलोमीटर वाले सफारी मार्ग के लिए जिप्सी के मालिक, ड्राइवर और गाइड बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि पक्षियों की 150 से अधिक प्रजातियां, स्तनपायी जंतुओं की 125 प्रजातियां और 20 प्रकार के सरीसृप 40 किलोमीटर के प्राकृतिक मार्ग में निवास करते हैं। खटीमा मुख्यमंत्री धामी का विधानसभा क्षेत्र है।
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