बुधवार, 22 दिसंबर 2021

Harish Rawat: पंजाब संभालते-सभालते बागी क्यों हो गए हरीश रावत?

देहरादून दिसंबर का महीना और बढ़ती ठंड जहां एक ओर लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सियासी गलियारों में माहौल गरम है। बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर सियासी गर्मी बढ़ा दी है। हालांकि, यह हरीश रावत की ओर बगावती तेवर पहली बार नहीं दिया है। हरीश रावत को जब से पंजाब की कमान मिली है, तब से उनके बगावती तेवर दिखाई दे रहे हैं। बगावती तेवर के चलते हरीश रावत को पंजाब प्रभारी के पद से भी कांग्रेस को हटाना पड़ा था। आखिर ऐसा क्यों हैं कि हरीश रावत पंजाब संभालते-संभालते बागी हो गए हैं? साल 2022 में यूपी, उत्तराखंड और पंजाब सहित सात राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस का फोकस प्रमुख तीन राज्यों में है। इसमें यूपी, उत्तराखंड और पंजाब है। उत्तराखंड में जहां बीजेपी जीत के लिए तीन बार अपने सीएम बदल चुकी है तो वहीं माना जा रहा था कि कांग्रेस हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी, लेकिन जब हरीश उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाया गया तो अटकलों का दौर शुरू हो गया। वहीं, पंजाब देखते-देखते अचानक से हरीश रावत के बगावती वाले बयान आने लगे हैं। हरीश रावत की नाराजगी की वजह हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाए जाना माना जा रहा है। हरीश रावत कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू की लड़ाई को संभाल नहीं पाए थे। इससे कांग्रेस हाईकमान उनसे नाराज हो गया था और उनकी जगह पर हरीश चौधरी को जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद से हरीश रावत की नाराजगी उनके बयान में देखी जाती रही है। पंजाब प्रभारी बनते ही हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू को सक्रिय किया था। साथ ही हरीश रावत ने सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस का भविष्य बताया था। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच लड़ाई शुरू हो गई। जब अमरिंदर और सिद्धू का मामला ज्यादा बढ़ा तो हरीश रावत से कांग्रेस हाईकमान नाराज हो गया। इसी के चलते हरीश रावत की जगह हरीश चौधरी को कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब की जिम्मेदारी दे दी। ये फैसला हरीश रावत को अंदर ही अंदर पंसद नहीं आया और हरीश रावत के बगावती तेवर दिखाई देने लगे। हरीश रावत के बगावती बयान अक्सर सामने आते रहे हैं, लेकिन बुधवार को रावत ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर बगावत को पूरी तरह से साफ कर दिया। पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लिखा, 'है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है।' हरीश रावत यही नहीं रुके। इसके बाद उन्होंने कई ट्वीट किए।


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