शनिवार, 25 दिसंबर 2021

Harak singh rawat resignation: हरक सिंह रावत की नाराजगी पर बोले उत्तराखंड सीएम पुष्कार धामी-'यह परिवार का मामला है'

देहरादून उत्तराखंड बीजेपी में घमासान की खबरों के बीच मंत्री हरक सिंह रावत के पद छोड़ने की जानकारी सामने आई थी। बहरहाल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक ने ऐसी खबरों से इनकार करते हुए ऑल इज़ वेल कहा। इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यह उनके परिवार की बात है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरक सिंह के नाराज होने जैसी कोई बात नहीं है, उन्होंने कैबिनेट में अपनी बात रखी थी। हम उनकी बात का हल निकाल रहे हैं। यह परिवार का मामला है ऐसी कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। मेडिकल कॉलेज के लिए जारी करेंगे बजट पुष्कार धामी ने कहा कि हम हरक सिंह निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का समाधान ढूंढ रहे हैं। हम परियोजना के लिए बजट की घोषणा करेंगे। नाराज बताए जा रहे हरक सिंह रावत और को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मना लिया है। कल रात शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी इस बात को स्वीकारा था कि हरक सिंह रावत कैबिनेट से नाराज होकर चले गए थे। उनकी मांग पर सरकार ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए। सुबह उमेश शर्मा काऊ ने दिया बयान और बताया की हरक सिंह रावत की कोटद्वार मेडिकल कॉलेज की बात को स्वीकार कर लिया गया है। अब सब सामान्य है। आंखों में आंसू वाली सियासत इससे पहले हरक सिंह रावत जब कैबिनेट की बैठक से तमतमाए बाहर निकले तो उन्होंने अपनी भड़ास मीडिया कैमरे पर निकाली। भाजपा पर भिखारी बना देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई सालों से कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहा हूं। कई बार यह मुद्दा सरकार के सामने उठाया, लेकिन हमारी कहीं नहीं सुनी गई। हरक ने आरोप लगाया कि धामी सरकार कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज को लटका रही है। ऐसे में वे काम नहीं कर सकते। गुस्से में तमतमाए रावत कैमरे के सामने ही रोने लगे। अब वे इसी आंसू वाली सियासत को चुनावी मैदान में लेकर जाने वाले हैं, इतना तो तय है। साफ है, भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं हरक सिंह रावत के इस प्रकार पद छोड़ने की घोषणा से साफ है कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं है। पार्टी की ओर से अब तक उनके इस्तीफे से इंकार किया जा रहा है। हालांकि, माना यह जा रहा है कि हरक सिंह रावत चुनाव से पहले भाजपा को झटका दे सकते हैं। वे पुराने कांग्रेसी रहे हैं। वर्ष 2016 में उन्होंने कांग्रेस को झटका देकर भाजपा ज्वाइन कर लिया था। विधानसभा चुनाव 2017 में बड़ी जीत के बाद उन्हें इसका ईनाम भी मिला। अब एक बार फिर उनकी कांग्रेस में जाने के चर्चे हैं।


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