देहरादून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने मंत्रिमंडल सहयोगी हरक सिंह रावत (harak singh rawat) के इस्तीफे को लेकर लग रही अटकलों को विराम देने की कोशिश करते हुए शनिवार को कहा कि यह ‘परिवार का मामला’ है और जल्द समाधान निकाल लिया जाएगा। रावत की नाराजगी के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर धामी ने कहा, ‘यह परिवार का मामला है, हम साथ बैठक कर मामले को सुलझा लेंगे।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह स्वभाविक है कि व्यक्ति अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के बारे में सोचे। हम अपने लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जो भी होगा उसे गंभीरता से विचार कर सुलझा लिया जाएगा।’ रावत इस्तीफा देंगे या नहीं इसको लेकर पैदा हुए संशय के बाद भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ (Umesh Sharma) को जिम्मेदारी दी गई कि वह रावत को इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाए। काऊ ने कहा कि कैबिनेट मंत्री की शिकायत को दूर कर लिया गया है और ‘कोई कहीं नहीं जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री धामी के हस्तक्षेप के बाद मामले को सुलझा लिया गया है। काऊ ने बताया कि रावत के उनके निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है और भरोसा दिया गया है कि परियोजना के लिए जल्द ही बजट आवंटित किया जाएगा। जब यह पूछा गया कि क्या रावत इस्तीफा नहीं देने पर सहमत हो गए हैं तो रायपुर से विधायक काऊ ने कहा, ‘कोई कहीं नहीं जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हम भाजपा के सच्चे सैनिक की तरह काम करेंगे।’ उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक (Madan Kaushik) ने भी अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘सब कुछ ठीक है, कोई इस्तीफा नहीं दे रहा।’ उल्लेखनीय है कि रावत शुक्रवार की रात मंत्रिमंडल की बैठक बीच में ही छोड़कर चले आए थे, जिससे कयास लगने लगे थे कि वह धामी सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, रावत ने नाराज होकर मंत्रिमंडल की बैठक बीच में छोड़ दी थी, क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार (Kotdwar) में चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के उनके प्रस्ताव को मंत्रिमंडल मंजूरी नहीं दे रहा था। काऊ के इस्तीफे की भी चर्चा चल रही थी, लेकिन उनके विधायक बेटे गौरव शर्मा ने इसका खंडन करते हुए शुक्रवार रात को कुछ टीवी चैनलों पर चली ऐसी खबरों पर आश्चर्य व्यक्ति किया। गौरतलब है कि रावत और काऊ उन 10 विधायकों में शामिल हैं, जो वर्ष 2016 में हरीश रावत (Harish Rawat) के खिलाफ बगावत कर भाजपा में शामिल हुए थे। रावत धामी मंत्रिमंडल में वन मंत्री हैं।
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