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वन क्षेत्र में पड़ने वाली कोटद्वार की दोनों नदियों में लगातार हो रहे अवैध खनन को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे वन मंत्री रावत ने संवाददाताओं से बातचीत में स्वीकार किया कि नदियों में 'चैनलाइजेशन' के नाम पर नियमों को दरकिनार कर अवैध खनन किया गया।
उन्होंने बताया कि नदियों में लगातार अवैध खनन की शिकायतों को डीएफओ दीपक सिंह हमेशा नकराते रहे लेकिन प्राथमिकी जांच में ये शिकायतें सही पायी गयीं। रावत ने कहा कि जब उन्होंने खुद नदियों का निरीक्षण किया तो पाया कि नदियों में अवैध खनन हुआ है और जगह-जगह गहरे गड्ढे कर दिए गए हैं।
मंत्री ने बताया कि नियमानुसार खनन में निकलने वाले बडे़ पत्थरों तथा अन्य सामग्री को नदी के किनारे ही लगाया जाता है जिससे नदी अपना रास्ता न बदले और किनारे रहने वाले लोगों को कोई खतरा न हो।
उन्होंने कहा कि इन बातों का संज्ञान लेते हुए डीएफओ को मुख्यालय से संबद्ध करने के आदेश दिए गए।
रावत ने कहा कि अवैध खनन मामले की जांच की जाएगी और अगर सिंह दोषी पाए गए तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उधर, डीएफओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, विगत तीन महीनों में अवैध खनन में इस्तेमाल किए जा रहे 55 ट्रैक्टर विभाग द्वारा जब्त किए गए हैं।
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