![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/88430278/photo-88430278.jpg)
देहरादून उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बुधवार दोपहर को अचानक एक के बाद एक कई ऐसे ट्वीट किए जिससे उनके और पार्टी के बीच तल्खियां बयां हो रही हैं। पूर्व सीएम ने लिखा, 'है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है।' 'मन में आ रहे विचार' हरिश रावत ने लिखा, 'जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!' 'नया साल दिखाएगा रास्ता?' इसके बाद हरीश रावत ने दूसरा ट्वीट किया और उन्होंने लिखा, 'फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं। नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।' 'विश्राम का समय' 'सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!' हरीश रावत के इस ट्वीट के बाद खलबली मच गई। कुछ बड़े नेताओं से मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा कि हरीश रावत के ये ट्वीट किस संदर्भ में हैं, ये वे लोग नहीं जानते हैं।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3qgLd6n
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें