यहां आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि बिष्ट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में जांच के आदेश भी दिए हैं ।
बिष्ट ने आठ दिसंबर को अपने लैटर हेड पर कथित तौर पर बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश का हवाला देते हुए उनसे 29 नवंबर को काटे गए तीन वाहनों के चालान निरस्त करने के लिये कहा थ । पत्र में तीनों वाहनों के नंबर भी दिए गए हैं ।
बिष्ट के दस्तखत से जारी इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आदेश जारी कर वहां तैनात सभी जनसंपर्क अधिकारियों, को आर्डिनेटरों, मुख्य को आर्डिनेटरों के लैटर हैड प्रयोग पर पूरी पाबंदी लगा दी गयी है। आदेश के अनुसार, अब वे अपने हस्ताक्षर से कोई सरकारी पत्र या निर्देश जारी नहीं कर सकेंगे ।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने चालान हुए वाहनों में अवैध खनन सामग्री होने तथा सरकार पर खनन माफिया को प्रश्रय देने का आरोप लगाया । राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही कह रही है कि राज्य सरकार खनन माफिया को प्रश्रय दे रही है और मुख्यमंत्री के पीआरओ के पत्र से उनके इन आरोपों की ही पुष्टि हुई है ।
इस बीच, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि जब कांग्रेस का स्टिंग सामने आया था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत बगलें झाकते रहें और कोई कार्रवाई नहीं की । उन्होंने कहा कि पत्र की विश्वसनीयता की पुष्टि के बगैर कांग्रेस हल्ला मचा रही है ।
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