![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/70055130/photo-70055130.jpg)
पिथौरागढ़, तीन जुलाई (भाषा) करीब सवा महीना पहले उत्तराखंड में नंदा देवी पूर्व चोटी पर चढ़ने के दौरान हिमस्खलन का शिकार हुए आठ पर्वतारोहियों में से सात के शव भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से बुधवार को यहां लाये गये । पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने यहां बताया कि शवों को 15600 फुट की उंचाई पर स्थित कैंप वन से चीता हेलीकाप्टरों द्वारा पहले मुनस्यारी हेलीपैड पहुंचाया गया। वहां से उन्हें दूसरे हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ के नैनीसैंनी हवाई अड्डे लाया गया । जिलाधिकारी ने बताया कि यहां से शवों को पोस्टमार्टम के लिये हल्द्वानी मेडिकल कालेज ले जाया जायेगा। इसके बाद उनकी पहचान की जायेगी। इसके लिये संबंधित देशों के दूतावासों और मृतकों के परिजन की आवश्यकता पड़ेगी । गत 23 जून को आइटीबीपी के जवानों ने बर्फ से खोद कर शवों को बाहर निकाला था और उन्हें 600 मीटर नीचे 17500 फुट की उंचाई पर स्थित शिविर में ले आये थे। लेकिन भारतीय वायुसेना के चीता हेलीकाप्टरों के इतनी ऊंचाई तक उड़ पाने के प्रयास विफल रहने के बाद उन्हें टीम द्वारा 15600 फुट तक नीचे लाया गया । जाने माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में गयी टीम आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित 7434 मीटर ऊंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतह करने निकली थी लेकिन रास्ते में ही लापता हो गयी थी। मोरान पहले भी दो बार इस चोटी को फतह कर चुके हैं । लापता पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली स्थित इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन :आइएमएफ: के लाइजन अफसर चेतन पांडे भी शामिल हैं। सात शवों को आइटीबीपी की टीम ने बरामद कर लिया लेकिन लगातार खराब मौसम के कारण टीम को आठवें शव की तलाश का काम बीच में छोडना पड़ा । टीम 13 मई को मुनस्यारी से निकली थी लेकिन 25 मई की तय तारीख तक वापस नहीं लौटी ।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/308gNnW
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें