देहरादून विश्व हिंदू परिषद () ने उत्तराखंड सरकार द्वारा देवप्रयाग में (प्लांट) खोलने के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि उसे राज्य में हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा,‘राज्य सरकार को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। शराब माफियाओं के कारण उत्तराखंड क्षेत्र में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा है। धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। सरकार को लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।’ उत्तराखंड सरकार द्वारा देवप्रयाग जिले में शराब संयंत्र खोलने के लिए मंजूरी दी गई है। इस मंजूरी के बाद उनकी यह टिप्पणी आई। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बी. सी. खंडूरी ने भी मुख्यमंत्री द्वारा देवप्रयाग में खोले जाने वाले शराब के निजी संयंत्र को अनुमति देने के फैसले का विरोध किया है। देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदी मिलती हैं। इनके मिलने से ही गंगा नदी बनती है। उत्तराखंड के लिए इसे आत्मघाती कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि शराब बनाने के लिए पहाड़ी राज्य नहीं बनाया गया था। खंडूरी ने मीडिया से कहा, ‘उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में जाना जाता है और इसे ऐसा ही रहना चाहिए।’ वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री रावत ने संयंत्र का बचाव करते हुए कहा है कि संयंत्र स्थापित करने वाली कंपनी यहां केवल निर्यात करने वाली शराब का ही उत्पादन करेगी और यह इकाई नदियों के संगम से 40 किलोमीटर दूर है। रावत ने कहा कि संयंत्र रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ ही किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाने में मदद करेगा।
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