शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

अशोधित मलजल जल गंगा में नहीं बहाया जाना चाहिए: जिलाधिकारी

ऋषिकेश, 19 जुलाई (भाषा) देहरादून के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने गंगा को प्राचीन तीर्थनगरी ऋषिकेश की पहचान बताते हुए शुक्रवार को अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अशोधित मलजल गंगा नदी में न बहाया जाये । जिलाधिकारी ने मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ के तहत मलजल शोधन कार्यों की ऋषिकेश नगर निगम में समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि गंगाजल को प्रदूषण मुक्त करने के लिए यहां ऋषिकेश में 129 करोड़ रुपये की लागत से मलजल शोधन संयंत्र और सीवर लाइन का कार्य अक्टूबर 2018 में शुरू किया गया था जिसे इसी साल नवम्बर में पूरा होना है । उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि नवंबर के बाद गंगा में अशोधित मलजल न बहने दिया जाये । जिलाधिकारी ने कहा कि इस संयंत्र में प्रतिदिन दो करोड़ 60 लाख लीटर मलजल साफ किया जाएगा और उसके बाद उसे गंगा नदी में छोड़ा जाएगा । रविशंकर ने नगर निगम ऋषिकेश के नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान को गंगा नदी में मिलने वाले उन प्रदूषक कारणों के मूल स्रोत को भी नियंत्रित करने को कहा जिनकी वजह से गंगाजल में जैविक ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है और जल की गुणवत्ता कम हो जाती है।


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