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देहरादून उत्तर की काशी माने जाने वाले पहाड़ी शहर उत्तरकाशी की वरुणावत पहाड़ी का ट्रीटमेंट जून माह तक होना तय किया गया था। कार्य मॉनसून सीजन शुरू होने से पहले पूरा न करने को लेकर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था और के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि ट्रीटमेंट कार्य के दौरान यदि वरुणावत पर्वत से शहर की ओर पत्थर गिरे तो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यह चेतावनी स्थानीय निवासियों की इस चिंता के बाद जारी की गई कि वरुणावत ट्रीटमेंट के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य का मलबा शहर के ऊपर गिर सकता है। गौरतलब है कि साल 2003 में वरुणावत पर्वत से भारी भूस्खलन हुआ था। तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने इसे देखते हुए इसका ट्रीटमेंट कराने की स्वीकृति जारी की थी। अब भी उत्तरकाशी शहर के ऊपरी हिस्से में 6.62 करोड़ रुपये की लागत से ट्रीटमेंट का काम चल रहा है। वरुणावत पर्वत के इस ट्रीटमेंट स्थल पर अब तक मलबा पड़ा होने से बारिश के कारण इसके शहर के ऊपर गिरने की संभावना जताई जा रही है। इस संभावना की तरफ जब स्थानीय लोगों ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान का ध्यान आकृष्ट कराया तो उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जल्द से जल्द काम खत्म करने और मलबा हटाने का निर्देश दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर वरुणावत से एक भी पत्थर शहर में गिरता है तो कार्यदायी संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा और उसके संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होगी।
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