रविवार, 28 जुलाई 2019

हिमालयन कॉन्क्लेवः पहाड़ी राज्यों की मांग- हिल स्टेट्स के लिए केंद्र में बने अलग मंत्रालय, ग्रीन बोनस भी मिले

मसूरी उत्तराखंड के मसूरी में 10 राज्यों के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में शामिल सभी सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई है कि हिमालयी क्षेत्रों के मामलों को देखने के लिए केंद्र में एक अलग मंत्रालय का गठन किया जाना चाहिए। सम्मेलन में हिमालयी राज्यों को देने की भी मांग की गई है। इसके अलावा पर्यटन के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए हिमालयी क्षेत्रों में नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने की योजना पर भी चर्चा की गई। भी हुईं शामिल गौरतलब है कि पहाड़ी राज्यों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्तराखंड के मसूरी में 'हिमालयन कॉन्क्लेव' आयोजित किया गया है। इसमें 10 राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय वित्त मंत्री के अलावा हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम रमेश, मेघालय के सीएम केसी संगमा, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, वित्त आयोग के चेयरपर्सन एनके सिंह और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार इस सम्मेलन में शामिल हैं। मीटिंग में खासतौर पर पहाड़ी राज्यों की मुद्दों और समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। विस्थापन पर चिंता अलग-अलग राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने सीमावर्ती इलाकों से विस्थापन पर चिंता व्यक्त की। वहीं, पहाड़ी राज्यों में पर्यटन केंद्रों पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए नए डेस्टिनेशन्स के विकास की योजना पर जोर दिया गया। इसके अलावा, पहाड़ी राज्यों के मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार में एक अलग मंत्रालय बनाने पर सभी सदस्यों ने एक स्वर में सहमति जताई। साथ ही, सम्मेलन में इकलॉजिकल सर्विस देने के लिए पहाड़ी राज्यों को ग्रीन बोनस देने की केंद्र सरकार से मांग भी की गई। असम के प्रतिनिधि नहीं हुए शामिल सम्मेलन में शामिल सदस्यों ने मीटिंग को सफल करार देते हुए कहा कि की समस्याओं से निपटने के लिए इस तरह के कॉन्क्लेव का आयोजन साल में एक बार जरूर किया जाना चाहिए। सम्मेलन में असम के अलावा सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम और जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। असम में बाढ़ की भयावह स्थिति की वजह से वहां के प्रतिनिधि सम्मेलन में मौजूदगी दर्ज नहीं करा सके।


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