शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

उत्तराखंडः समय पर पंचायत चुनाव न कराने पर सरकार और ईसी को फटकार, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

नैनीताल नैनीताल हाईकोर्ट ने तय समय पर न करा पाने पर सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई है। सरकार ने 31 जुलाई तक मामले में सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब दाखिल करने को कहा है। हाई कोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। इसके अलावा द्वारा पंचायत में नियुक्त प्रशासकों के नीतिगत फैसलों पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि वे (पंचायत प्रशासक) काम तो करेंगे लेकिन कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते। हाईकोर्ट ने कहा है कि बुधवार यानी 31 जुलाई तक सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग शपथ-पत्र के साथ जवाब दाखिल करे। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि 4 महीनों के भीतर राज्य में पंचायत चुनाव करा दिया जाएगा लेकिन कोर्ट इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि जब 15 जुलाई को पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था तो संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट में याचिका दाखिल क्यों नहीं की? मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी टिप्पणी की कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है पर संवैधानिक दायित्व निभाने पर चुप रहा। गौरतलब है कि राज्य में 15 जुलाई को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया। संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, कार्यकाल पूरा होने तक चुनाव कराया जाना अनिवार्य है लेकिन सरकार ने चुनाव कराने की बजाए राज्य में 6 जुलाई को ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी। इसके बाद गूलरभोज ऊधम सिंह नगर के रहने वाले नईम अहमद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर सरकार को संवैधानिक कर्तव्य निभाने में नाकाम बताते हुए याचिका में मांग की कि राज्य में संविधान के अनुछेद 356 के तहत सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2GwvKsu

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें