गुरुवार, 25 जुलाई 2019

गांव में नहीं थी सड़क, खून से लथपथ पत्नी को अस्पताल पहुंचाने में लगे 14 घंटे

इशिता मिश्रा, देहरादून 38 वर्षीय रीना की डिलिवरी के बाद से तबीयत काफी खराब है। करीब 9 दिन पहले उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया था। इसके बाद अनीमिया के चलते रीना को 15 जुलाई को हद से ज्यादा रक्तस्राव और इन्फेक्शन हो गया। मंगलवार को उनके पति रमेश चौहान उन्हें ले गए। हालांकि अस्पताल तक का रास्ता ही असली परीक्षा लेने वाला था। दरअसल रमेश जिस बुरयाला गांव में रहते हैं वह चकराता से 37 किमी की दूरी पर है और अस्पताल तक जाने का रास्ता बेहद दुर्गम है। अपने कुछ पड़ोसियों की मदद से रमेश ने बांस के दो डंडों में चादर बांधकर स्ट्रेचर बनाया और पत्नी को कंधे पर लादकर अस्पताल के लिए निकल पड़े। 13 किमी की दूरी पर रोड थी, वहां तक पहुंचने इन लोगों को 4 घंटे का समय लगा। पूरे रास्ते रीना के रक्तस्राव होता रहा। वहां पहुंचने के दो घंटे बाद ऐंबुलेंस आ पाई और रात के करीब 8 बजे रीना को अस्पताल में भर्ती कराया जा सका। डॉक्टर ने बताया कि इलाज में देरी की वजह से रीना का इन्फेक्शन फैल गया है और अब उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। रमेश ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'हम रीना को सुबह साढ़े पांच बजे अस्पताल के लिए लेकर निकले थे, मगर खराब रास्ते की वजह से 14 घंटे में वहां तक पहुंच पाए। रास्ते में वह कई बार बेहोश हुई और मुझे लगा कि मैं उसे खो दूंगा।' उन्होंने कहा, 'यह पहली बार नहीं है जब हमारे गांव में किसी को अस्पताल तक पहुंचने में इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ा हो। बच्चों को भी स्कूल तक पहुंचने में 10 से 15 किमी चलना पड़ता है।' प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिशासी अभियंता बीसी पंत ने कहा कि केंद्र सरकार ने 42 किमी लंबी सड़क के लिए 24 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इस योजना में बुरयाला गांव भी शामिल है।


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