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नैनीताल नैनीताल के सविन बंसल की पत्नी सुरभि बंसल आम नागरिक की तरह बिना अपनी पहचान बताए अपने 8-10 माह के बच्चे को दिखाने जिला मुख्यालय स्थित बीडी पांडे जिला पुरुष चिकित्सालय क्या पहुंचीं, अस्पताल की तमाम अनियमितताएं बेपर्दा हो गईं। यह सामने आ गया कि चिकित्सक किस तरह अपने कक्ष से नदारद रहते हैं और दुःख-तकलीफ की स्थितियों में पहुंचे आम नागरिकों से किस तरह का दुर्व्यवहार करते हैं। यहां तक कि अपने कक्ष से गायब एक चिकित्सक, जिन्हें अपनी पर गैरहाजिर पाया गया, वह अपने गैरजिम्मेदाराना रवैये से बाज आने की बजाय डीएम की पत्नी पर ही इस बात के लिए बरस पड़े कि जब कक्ष में चिकित्सक नहीं थे, तो वे कक्ष में भीतर आ कैसे गईं। यह सब तब हुआ जबक डीएम सविन बंसल के पुत्र सनव को बाल रोग चिकित्सक को दिखाने के लिए बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ केवल एक सुरक्षा कर्मी बिना वर्दी के था। डीएम के भी अभी जनपद में नए आए होने की वजह से भी उन्हें चिकित्सालय में कोई नहीं जानता था। इस दौरान उन्होंने आम नागरिकों की तरह जिला पुरुष चिकित्सालय के पंजीकरण काउंटर में लाइन में खड़े होकर बच्चे के नाम की पर्ची ली। यहां से उन्हें बताया गया कि बच्चे को दिखाने के लिए नीचे, गेट के पास के ब्लड बैंक वाले खंड के निचले तल में बाल रोग को दिखाएं। सुरभि वहां पहुंचीं तो बाल रोग विशेषज्ञ अपने कक्ष में नहीं थे। वहां से पूछे जाने पर बताया गया कि ऊपर मुख्य भवन में पर्ची काउंटर के सामने ही बाल रोग विशेषज्ञ डा. एमएस रावत देखेंगे। यानी पर्ची काउंटर से सही जानकारी नहीं मिली। यहां डॉक्टर रावत को दिखाने के बाद उन्हें बच्चे को एलर्जी की शिकायत चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी गई। पर्ची काउंटर के बगल के कक्ष के बाहर चर्म रोग विशेषज्ञ का बोर्ड लगा था, लेकिन वहां चिकित्सक नहीं थे। पूछने पर बताया गया कि चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अजय नैथानी नए वाले खंड में बैठते हैं। बच्चे को गोद में लेकर वे वहां गईं तो वहां भी चिकित्सक अपने कक्ष में नहीं थे। तब तक बाल रोग विशेषज्ञ को अंदाजा हो गया था कि महिला कोई ‘वीआईपी’ हैं। पता चलने पर वे खुद डा. नैथानी को कहीं से ढूंढ-बुला कर अपनी सीट पर ले कर आए, लेकिन डॉक्टर नैथानी ने सुरभि को यह कहते हुए डपट दिया कि जब चिकित्सक कक्ष में नहीं थे तो वे भीतर कैसे चली आईं। इस पूरे वाकये के बाद डीएम सविन बंसल ने कहा कि जिला चिकित्सालय का इसी तरह औचक निरीक्षण करवाएंगे। इस घटना से पता चलता है कि चिकित्सालय की व्यवस्थाएं तथा चिकित्सकों का आम मरीजों के प्रति कैसा व्यवहार है। डीएम ने फिलहाल चेताया कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। इसलिए डॉक्टरों को अब सावधान हो जाना चाहिए।
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