सोमवार, 22 जुलाई 2019

गंगा की लहरों से कांवड़ियों को बचाकर देवदूत की भूमिका में उत्तराखंड जल पुलिस के जवान

हरिद्वार सोमवार को केड्गी चौकी खड़कीतहसील गिनोद भिवानी हरियाणा निवासी 38 वर्षीय सुरेन्द्र कुमार पुत्र सूरजभान को हरिद्वार के भीमगौड़ा बैराज में डूबते हुए उत्तराखंड ने बचाया, जबकि यूपी के बुलंदशहर के हीरापुर निवासी 17 वर्षीय रोहन कुमार पुत्र जय प्रकाश को हरिद्वार के कांगड़ा घात में डूबने से बचाया। कांवड़ के मेले के शुरू होते ही के विभिन्न घाटों पर गंगा में नहाने वाले कावड़ियों के डूबने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पुलिस प्रशासन ने ऐसे में जल पुलिस के जो जवान गंगा किनारे तैनात किए हैं, वे इन कावड़ियों के लिए साबित हो रहे हैं। कांवड़ मेला शुरू होने से अब तक जल पुलिस के जवान पांच कांवडियों को डूबने से बचा चुके हैं। अपनी जान पर खेल कर ये जल पुलिस के जवान दिन रात गंगा की लहरों से बचाने को कांवडियों के संकटमोचक बने हुए हैं। हरिद्वार के सीओ सिटी अभय सिंह का कहना है कि शुक्रवार दोपहर कांगड़ा घाट पर गंगा में नहाते समय 18 वर्षीय हरियाणा निवासी विशाल गंगा के तेज बहाव में बह गया, जिसे घाट पर तैनात जल पुलिस के जवान सन्नी ने अपनी जान पर खेलकर समय रहते बचा लिया। इसी तरह गुरुवार को जल पुलिस ने हाथी पुल और खड़खड़ी क्षेत्र में गंगा में डूबते दो को बचाया गया था। कांगड़ा घाट में दिल्ली निवासी 13 वर्षीय शिवम पुत्र संजू और 19 वर्षीय मनीष सिंह पुत्र सुदामा स्नान करते वक्त गंगा में बह गए। कांगड़ा पुल के पास तैनात दो जल पुलिस के जवानों ने गंगा में छलांग लगा दोनों को सकुशल गंगा से बाहर निकाल लिया। दोनों को प्राथमिक उपचार देने पर दोपहर में ही दोनों की हालत सामान्य हो गई, जिसके बाद दोनों कांवड़िए सायंकाल में ही अपने गंतव्यों को रवाना हो गए। हरिद्वार के सीओ सिटी अभय सिंह ने बताया कि पुलिस ने गंगा किनारे कई जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं, मगर कावड़िए चेतावनी बोर्ड पर कोई ध्यान नहीं देते और तेज बहाव में स्नान के लिए चले जाते हैं इसलिए ऐसे हादसे हो रहे हैं। कांवड़ियों को इसका ध्यान रखना चाहिए। कांवड़ शुरू होते ही गंगा में डूबने के ऐसे वीडियो लगातार दिख रहे हैं, जिसमें जल पुलिस के जवान बड़ी मुस्तैदी से इन कावड़ियों की जान बचा रहे हैं। गंगा में डूबने वाले कांवड़ियों को बचाने वाले जल पुलिस के जवानों को एसएसपी रोजाना सम्मानित कर उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे कावड़ियों की संख्या बढ़ेगी वैसे-वैसे जल पुलिस के इन संकटमोचकों की जिम्मेदारी भी काफी बढ़ जाएगी। इसके अलावा कांवडियों को एक दुसरे से बिछुड़ने पर भी उनको मिलाने का प्रयास पुलिस कर रही है। पुलिस के अनुसार 33 ऐसे लोगों को पुलिस मिलवा चुकी है, जो कांवड़ मेले में अपनों से बिछुड गए थे। पुलिस का दावा है कि मेला शुरू होने से सोमवार 6 बजे टक कुल 58 लाख 40 हजार एक सौ कांवड़िए इस मेले में आ चुके हैं।


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