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देहरादून पीएम ने कहा कि 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। इससे देश का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। पीएम ने कहा कि साल 2007 से 2014 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए। जबकि हमारी सरकार ने अपने सात साल में उत्तराखंड में 2 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया है। सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पहले की सरकारों ने उतनी गंभीरता से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था। बॉर्डर के पास सड़कें बनें, पुल बनें, इस ओर उन्होंने ध्यान नहीं दिया '10 साल की सरकार ने समय किया बर्बाद' मोदी ने कहा कि इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का, बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया। हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं। आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। आज भारत की नीति, गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है। 'सिर्फ तिजोरी भरने का होता था काम' वर्षों तक जो सरकार में रहे उनकी नीति में चिंतन दूर-दूर तक नहीं था। उनके लिए उत्तराखंड हो या हिंदुस्तान के अन्य क्षेत्र, उनका बस एक काम होता था, अपने घर भरना, अपनी तिजोरी भरना और सिर्फ अपने परिवार का ख्याल रखना। हमारे लिए उत्तराखंड तप और तपस्या का मार्ग है। पहले की केंद्र सरकार ने सात साल में उत्तराखंड में सिर्फ 288 किलोमीटर हाईवे बनाया। हमारी सरकार ने सात साल में 2000 से ज्यादा किलोमीटर का हाइवे बनाया। पहले की सरकार ने उत्तराखंड के नैशनल हाईवे पर सिर्फ छह सौ करोड़ रुपये सात साल में खर्च किए। हमारी सरकार ने इन सात सालों में 12000 करोड़ से ज्यादा रुपये अब तक खर्च किए हैं। कहां 600 करोड़ कहां 12000 करोड़ रुपया। हमारे लिए उत्तराखंड प्राथमिकता है। 'रेकॉर्ड संख्या में केदारनाथ के लोग कर रहे दर्शन' पीएम ने कहा कि केदारधाम के पुनर्निर्माण ने ना सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाई बल्कि वहां के लोगों को रोजगार-स्वरोजगार के भी अनेकों अवसर उपलब्ध कराए हैं। केदारनाथ त्रासदी से पहले, 2012 में 5 लाख 70 हजार लोगों ने दर्शन किया था। ये उस समय एक रिकॉर्ड था। जबकि कोरोना काल शुरू होने से पहले, 2019 में 10 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ जी के दर्शन करने पहुंचे थे। 'दिल्ली से देहरादून पहुंचने का समय होगा आधा' मोदी ने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है। जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वो करीब-करीब आधा हो जाएगा। हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं। पहाड़ों में रहने वालों का जीवन सुगम बनाना देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। दुर्भाग्य से दशकों तक जो सरकार में रहे, उनकी नीति-रणनीति में दूर-दूर तक ये चिंतन कहीं था ही नहीं। 'सूरत और सीरत बदलने का जुनून' पीएम ने कहा कि हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम पर चलने वाले लोग हैं। सीमा पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़के बनाई हैं। काम तेजी से चल रहा है। पहाड़ पर रहने वाले लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का सपना देखते रह जाते थे। पीढ़ियां बीत जाती हैं। बिजली कब मिलेगी, गांव तक सड़क कब बनेगी, अच्छी मेडिकल सुविधा मिलेगी या नहीं, पलायन कब रुकेगा? जैसे तमाम प्रश्न आते थे। लेकिन जब कुछ करने का जुनून हो तो सूरत भी बदलती है और सीरत भी बदलती है। हम आपका सपना पूरा करने के लिए मेहनत कर रही है।
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