शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

विधायकों की कथित खरीद फरोख्त मामले में हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई अब 1 अक्टूबर को

नैनीताल पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ विधायकों के कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित मामले में शुक्रवार को नैनीताल हाई कोर्ट में हुई अहम सुनवाई में इस मामले की सुनवाई आगामी एक अक्‍टूबर को करने की तारीख हाई कोर्ट ने तय कर दी। सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाने के लिए हरीश रावत के अधिवक्‍ताओं ने अतिरिक्‍त समय कोर्ट से मांगा था। सुनवाई से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत स्वयं भी नैनीताल पहुंच गए थे। उन्होंने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा भी जताया है। साल 2017 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ पार्टी के विधायकों ने ही बगावत कर दी थी। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया तो मामला नैनीताल हाई कोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के केंद्र सरकार के धारा-356 के उपयोग को असंवैधानिक करार देते हुए रावत सरकार को बहाल कर दिया था। इसी बीच एक न्यूज चैनल ने राजधानी दिल्ली में स्टिंग जारी किया । इस स्टिंग के सामने आने के बाद राज्यपाल ने इस स्टिंग की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी जिसके बाद केंद्र ने मामला सीबीआई को सौंप दिया। सरकार के बहाल होते ही हालांकि सरकार ने कैबिनेट बैठक कर स्टिंग की जांच का यह मामला सीबीआई से हटाकर एसआईटी को सौंप दिया तो कांग्रेस के बागी नेता अब वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इसे याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि जब एक बार राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता। पिछले दिनों स्टिंग मामले की प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर सीबीआई ने कहा था कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रावत के खिलाफ मामला दर्ज करने जा रही है। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद सुनवाई के दौरान हरीश रावत के वकीलों द्वारा अतिरिक्त समय मांगने के बाद इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि एक अक्‍टूबर मिल गई।


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