गुरुवार, 26 सितंबर 2019

साधु स्वाध्याय संगम: संतों के आचरण पर हुई चर्चा, मोहन भावगत और रामदेव भी पहुंचे

हरिद्वार ऐसे वक्त पर जबकि कई साधु-संतों को जेल जाना पड़ा है, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के धर्म जागरण समन्वय मंच ने हरिद्वार के संस्थान में का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संत समाज के आचरण और कार्य व्यवहार पर चर्चा की गई। हरिद्वार के पतंजलि संस्थान और के धर्म जागरण समन्वय मंच की ओर से आयोजित साधु स्वाध्याय संगम में गुरुवार को संघ प्रमुख समत, स्वामी और अन्य संत भी शामिल हुए। पतंजलि पीठ पहुंचने पर स्वामी रामदेव ने संघ प्रमुख का स्वागत किया। इस संगम में मोहन भागवत ने साधु समाज और हिंदू संस्कृति के उत्थान और राष्ट्र के निर्माण को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि साधु समाज भारत को विश्व गुरु के स्थान पर पहुंचाने की शक्ति रखता है। देश के अंदर संतों का सम्मान सर्वोपरि है। आज हमारी पहली जरूरत है कि देश के अंदर साधु समाज समरसता को स्थापित करें। मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म के अंदर अनादि काल से पर्यावरण को पूजा जाता रहा है लेकिन विश्व में ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण आज पर्यावरण खतरे में है। उस पर्यावरण की रक्षा अपने देश के साधु-संत कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में 799 संत, 145 महिला संत, 34 प्रांतों से 21 मत पंथ संप्रदाय के संत उपस्थित रहे। वहीं, बाबा रामदेव ने भी देश के विकास के लिए संत समाज को अग्रणी होकर अपना सहयोग देने के लिए आह्वान किया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह भी कहा कि साधु या संत होना ही पर्याप्त नहीं है, इसके अनुरूप आचरण की गरिमा का पालन भी होना चाहिए। तभी धर्म और धार्मिक संस्थाओं के प्रति लोगों की आस्था बनी रहेगी। साधु समाज को अपने आचरण से धर्म की रक्षा करनी चाहिए।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2lXxJz2

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें