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देहरादून उत्तराखंड के चमोली जिले में त्रिशुल-1 पर्वत की ट्रैकिंग पर निकला 6 सदस्यीय विदेशी पर्यटकों के दल में से एक सदस्य रास्ते से लापता हो गया है। इंडियन माउंटेनरिंग फाउंडेशन द्वारा सोमवार को जिला आपदा कन्ट्रोल रूम को दी गई जानकारी के अनुसार पर्यटकों का यह 6 सदस्यीय दल 13 सितंबर से 8 अक्टूबर तक हिमालय की त्रिशूल-1 की ट्रैकिंग पर निकला था। इसमें से हंगरी निवासी विदेशी पर्यटक पीटर वीटेक रास्ते से लापता हो गया है। इस घटना की जानकारी के बाद एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन एवं वन विभाग के कार्मिकों की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भेजी गई हैं। रेस्क्यू दल ने सुतोल बेस कैम्प से आगे लापता पर्यटक की खोजबीन शुरू कर दी है। हिमस्खलन के कारण बिछड़ा साथी बताया जा रहा है कि चमोली जिले में पिछले दो दिनों से निचले क्षेत्रों में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण ट्रेकरों का यह दल हिमस्खलन होने के कारण एक दूसरे से बिछड़ गया है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन विदेशी ट्रेकरों की ओर से त्रिशूल ट्रेक पर जाने के लिए वन विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। कंट्रोल रूम की ओर से बदरीनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी को सूचना दिए जाने के बाद वन विभाग ने ट्रेकरों के बारे में जानकारी जुटाई तो यह जानकारी सामने आई। 10 सदस्यीय टीम रवाना बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ के अनुसार त्रिशूल पर्वत पर गए छह ट्रेकरों के दल में शामिल ट्रेकर निकोलस ची ने फोन से अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र को सूचना दी कि उनका साथी पीटर विट्टेक हिमस्खलन होने से उनसे बिछड़ गया है। इसी सूचना के चलते ट्रेकर की खोज के लिए एनडीआरएफ की 10 सदस्यीय टीम त्रिशूल पर्वत की ओर रवाना हो गई है।
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