नैनीताल उत्तराखंड में क्षेत्र में पॉलिथीन चबाते तेंदुए की एक ने पर्यावरण के जानकारों को चिंता में डाल दिया है। यह अहम इसलिए भी है कि इस पहाड़ी राज्य में तीन साल पहले ही से ही पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। डॉ. पराग ने खुद सोशल मीडिया पर इस फोटो को शेयर किया है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पराग ने कहा, 'यह काफी चिंताजनक है। ऐसा कोई भी मामला इससे पहले हमारे संज्ञान में नहीं आया था। हम इसकी जांच कर रहे हैं।' कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल भी मानते हैं कि यह काफी गंभीर मामला है। उन्होंने कहा, 'यह चिंता का विषय है। हालांकि यह तस्वीर कार्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र की नहीं है, इसके बावजूद पर्यावरण की दृष्टि से हम बात करें तो यह खतरनाक संकेत है। इस मामले की जांच जरूरी है और ऐसा दोबारा ना हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।' 'सरकार उठाए सख्त कदम' पर्यावरणविद् अनुप शाह कहते हैं, 'यह तस्वीर बेहद तकलीफदेह है। यह दर्शाता है कि कैसे मानव के हस्तक्षेप ने जानवरों की आदतों को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। ऐसे में अब सरकार को सख्त कदम उठाना होगा। पर्यावरण और वन्य जीवों की रक्षा के लिए यह बेहद ही जरूरी है।' 2016 में हाई कोर्ट ने लगाया था प्रतिबंध एक अन्य पर्यावरणविद् एजी अंसारी कहते हैं, 'आरक्षित वन क्षेत्र में कचरा डंप करना जंगली जानवरों के जीवन को खतरे में डाल रहा है। यह इसी का परिणाम है।' बता दें कि वर्ष 2016 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य में प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इस बारे में सरकारी अधिसूचना 2017 में जारी की गई। हाई कोर्ट द्वारा कई सख्त आदेशों के बावजूद पहाड़ी राज्य में प्लास्टिक का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है।
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