शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

चमोली जिले के उर्गम घाटी में भूस्खलन से 50 मीटर लम्बा मुख्य मार्ग टूटा, 200 पर्यटक फंसे

रजनीश कुमार, चमोली जोशीमठ ब्लॉक के हेलंग उर्गम मुख्य मोटर मार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा गुरुवार शाम को अचानक टूट गया। बताया जा रहा है कि मार्ग खुलने में लगभग दो हफ्ते लग सकते हैं। मार्ग के टूटने पर लगभग आधा दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मार्ग कट गया है, जिससे 200 से अधिक स्थानीय लोग व पर्यटक फंस गए हैं। चमोली जिले में जोशीमठ ब्लॉक स्थित हेलंग उर्गम मोटर मार्ग हेलंग से 3 किलोमीटर आगे मुख्य मार्ग का 50 मीटर हिस्सा भारी भूस्खलन की चपेट में आने से ढह कर कल्पगंगा में समा गया। जिसके बाद से मुख्य मार्ग पर आवाजाही पूर्ण रूप में बंद हो गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि भूस्खलन का क्षेत्र बड़ा होने के कारण सड़क खुलने में लगभग दो सप्ताह का समय लग सकता है। वहीं, मार्ग को खोलने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। पैदल वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया जा रहा है। ग्राम प्रधान अनूप नेगी ने बताया कि सड़क बंद होने से उर्गम, डुमुक, कलगोठ, जखोला, सहित कई गांवों का सम्पर्क टूट गया है। ग्रामीणों के साथ-साथ में योगध्यान बदरी मंदिर और पंच केदार में कल्पेश्वर मंदिर के दर्शनों के लिए पहुंचे श्रदालुओं के सामने खासी दिक्कतें आ गई हैं। लगभग 200 से अधिक स्थानीय लोग और पर्यटक उर्गम घाटी में फंस गए हैं। जो अपने वाहनों में ही सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं।


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उत्तराखंड: दलित भोजनमाता की पुन: नियुक्ति, 31 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

पिथौरागढ़, 31 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के चंपावत के एक स्कूल में उस दलित महिला रसोइया को फिर से नियुक्त किया गया है, जिसे कुछ दिन पहले तब पद से हटा दिया गया था, जब अगड़ी जाति के कुछ छात्रों ने उसके द्वारा तैयार मध्याह्न भोजन करने से इनकार कर दिया था।

पुलिस ने 31 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से छह को प्राथमिकी में नामजद किया गया है। इन व्यक्तियों के खिलाफ मामला धमकी देने और जातिवादी टिप्पणी करने के लिए दर्ज किया गया है।

यह मुद्दा विवादों में घिर गया था और राज्य सरकार ने पहले इसकी जांच के आदेश दिए थे। उत्तराखंड अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी उसके लिए न्याय की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी थी।

चंपावत के मुख्य शिक्षा अधिकारी आर सी पुरोहित ने बताया कि शुक्रवार को स्कूल की प्रबंधन समिति की बैठक हुई, जिसने महिला को दोबारा नियुक्त किया।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (महिला को) फिर से नियुक्त करने का निर्णय एक सरकारी आदेश के आधार पर लिया गया, जिसमें कहा गया था कि अगर ऐसे मामलों में आम सहमति नहीं बनती है, तो अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’’

बैठक में स्कूल प्रबंधन समिति के 26 सदस्यों में से 21 सदस्य मौजूद थे, लेकिन उन सभी का विचार एक जैसा नहीं था। चूंकि आम सहमति नहीं बन पायी, इसलिए सरकार के आदेश के आधार पर निर्णय लिया गया।

सुनीता देवी को पद से हटाये जाने के बाद पुरोहित ने पहले कहा था कि उनकी नियुक्ति में ‘प्रक्रियागत खामियां’ थीं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।

पुलिस ने सुनीता देवी की शिकायत के आधार पर 31 व्यक्तियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया है।

चंपावत के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने कहा कि जिन व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें से छह की पहचान महेश चौराकोटी, दीपा जोशी, बबलू गहटोरी, सतीश चंद्र, नागेंद्र जोशी और शंकर दत्त के रूप में हुई है, जबकि 25 अन्य अज्ञात व्यक्ति हैं।



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उत्तराखंड: कार्बेट में अवैध निर्माण नहीं रोकने को लेकर पूर्व वन्यजीव वार्डन को कारण बताओ नोटिस

देहरादून,31 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के पूर्व मुख्य वन्यजीव वार्डन जे. एस. सुहाग को कार्बेट बाघ रिजर्व के ‘बफर जोन’ में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई रोकने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग नहीं करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में सुहाग से एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है, जिसमें नाकाम रहने पर उनके (सुहाग के) खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कालागढ़ वन संभाग के मोरघाटी, पाखरो और कांडी मार्ग क्षेत्र का दौरा करने के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एक टीम द्वारा पता लगाये गये तथ्यों की ओर सुहाग का ध्यान आकृष्ट करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा है कि इन इलाकों में क्रंकीट के ढांचों के अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई बगैर जरूरी मंजूरी के की गई।

नोटिस में कहा गया है, ‘‘यह पाया गया है कि आपने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आपको प्रदत्त शक्तियों का उपयोग इन गतिवधियों को रोकने में नहीं किया, जो कि एक गंभीर विषय है। ’’

कार्बेट के ‘बफर जोन’ में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई का विषय प्रकाश में आने के बाद सुहाग को इस साल नवंबर में मुख्य वन्यजीव वार्डन के अतिरिक्त प्रभार से सेवामुक्त कर दिया गया था।

वह क्षतिपूरक वनीकरण कार्यक्रम (सीएएमपीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।

कारण बताओ नोटिस में यह भी कहा गया है कि सीएएमपीए सीईओ के तौर पर उनके बयान देने में नाकाम रहना भी एक गंभीर अपराध है।



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New Year Celebration Masuri Full: नए साल के जश्न से पहले मसूरी फुल, देहरादून पुलिस ने किए हैं पुख्ता इंतजाम

देहरादून नए साल का स्वागत अगर आप मसूरी में करना चाहते हैं तो आपको यह विचार छोड़ना होगा। क्योंकि, मसूरी फुल है। भारी संख्या में पहले ही सैलानी वहां पहुंच चुके हैं। कोरोना और ओमीक्रोन के खतरे के बीच नए साल के स्वागत में भारी संख्या में पर्यटकों के आने को देखते हुए स्थानीय प्रशासन की ओर से तैयारियां तेज की गई है। साथ ही, जिन लोगों ने पहले से मसूरी और देहरादून में होटलों की बुकिंग करा रखी है, उनके लिए कोरोना वैक्सीन का डबल डोज लेना अनिवार्य किया गया है। कोरोना वैक्सीन का डबल डोज नहीं लेने वालों को मसूरी और देहरादून में नए साल के जश्न के लिए इंट्री नहीं मिलेगी। नई गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए देहरादून पुलिस सड़कों पर दिख रही। मसूरी में सख्ती साफ दिख रही है। कोविड नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी तैयारी है। साफ है कि नए साल के जश्न में अगर आप बहके तो देहरादून पुलिस की तैयारी पूरी है। न्यू ईयर नाइट पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त न्यू ईयर नाइट यानी 31 दिसंबर की रात नए साल के स्वागत के लिए जुटने वाले लोग कानून व्यवस्था बनाए रखें और कार्यक्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राजपुर से मसूरी जाने वाले कुठालगेट चेक पोस्ट पर सख्ती से पुलिस चेकिंग नियमों का पालन कराने में जुटी है। इसके लिए पीएसी, राजपुर थाना पुलिस, सिटी पेट्रोल यूनिट और अतिरिक्त पुलिस बल को ड्यूटी पर लगाया गया है। दरअसल, पिछले वर्ष न्यू ईयर सेलिब्रेशन के बाद होटलों में बुकिंग न कराने वाले सड़कों पर रात गुजारते नजर आए थे, इसको लेकर का बोर्ड पहले ही लगा दिया गया है। कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट की भी हो रही जांच देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक मसूरी पहुंच रहे हैं। उनके और स्थानीय लोगों के भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट के आधार पर भी मसूरी में प्रवेश को मंजूरी दी जा रही है। इसके अलावा कोविड-19 वैक्सीन के डबल डोज का सर्टिफिकेट भी जांचा जा रहा है। होटल की बुकिंग करा चुके लोगों को ही मसूरी में प्रवेश की इजाजत दी जा रही है। बाइकर्स को मसूरी में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बाइक से पहुंचने वालों के पास होटलों की बुकिंग नहीं है। ऐसे में उनको वापस भेजा जा रहा है। इससे उनका न्यू ईयर सेलिब्रेशन का तैयारी अधूरी रह गई है। पुलिस का कहना है कि बुकिंग कराने वाले लोगों से ही होटल भर जाएंगे, ऐसे में अन्य लोगों के वहां जाने से नाइट कर्फ्यू प्रभावित होगा। सोशल मीडिया पर खूब उठ रहा मुद्दा मसूरी फुल है का मुद्दा अब सोशल मीडिया पर खूब उठ रहा है। लोग ट्वीट कर इस मामले को जोर-शोर से उठा रहे हैं। पुलिस चेक पोस्ट के पास से बिना बुकिंग वाले लोगो को लौटाए जाने के दौरान उनकी नाराजगी भी सामने आई है। इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन का कहना है कि किसी भी स्थिति में लोगों को सड़कों पर रात गुजारने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इसलिए, बिना बुकिंग वाले लोगों को लौटाया जा रहा है। नए साल के जश्न के लिए मसूरी जाने वालों को आवश्यक नियमों का पालन करना ही होगा। कोविड और ओमीक्रोन के खतरे के बीच इस प्रकार के प्रयासों में सहयोग देना होगा।


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गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

उत्तराखंड रक्षा अभियान की ओवैसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

देहरादून, 30 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड रक्षा अभियान के संस्थापक दर्शन भारती ने एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कथित तौर पर हिंदू धर्म के खिलाफ लोगों को भड़काने और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुली धमकी देने के लिए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जन्मेजय खंडूरी को शिकायत की है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को बुधवार को सौंपे गए एक पत्र में भारती ने हैदराबाद के सांसद पर लोगों को हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काने और उसे मानने वालों को धमकाने का आरोप लगाया।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘ उन्होंने (ओवैसी) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुली धमकी दी है और उनकी जान को खतरे में डाला है।’’

भारती ने उस वीडियो क्लिप का उल्लेख किया जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष ओवैसी कथित तौर पर यह कहते सुने गए कि जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और अपने मठ या कहीं और होंगे... तो उन्हें कौन बचाएगा।

भारती ने कहा कि एआईएमआईएम के नेता देश में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा हैं। ओवैसी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

उत्तराखंड रक्षा अभियान वही संगठन है जिसने वेब सीरीज ‘तांडव’ के निर्माताओं के खिलाफ भी शिकायत की थी और दारुल उलूम देवबंद के उन दावों पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिसमें बद्रीनाथ को बदरुद्दीन की मजार बताया गया था।



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Uttarakhand Chunav 2022 : उत्तराखंड के इन गांवों में नहीं बनी सड़क, ग्रामीण करेंगे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार

रजनीश कुमार, उत्तरकाशीउत्तरकाशी के नौगांव प्रखंड में बनाल पट्टी स्थित जिले के अंतिम अरुण और गौल गांव के लोगों को देश की आजादी के बाद अब तक सड़क की सुविधा नहीं मिल पाई है। इससे आज भी ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोगों को कई किलोमीटर की पैदल दुर्गम यात्रा कर मरीजों को डंडे व कंबल में बांध कर सड़क मार्ग तक पहुंचाने को विवश हैं। इसी के चलते आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीणों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं, का फैसला किया है। बता दें कि बीते रोज गांव के एक 80 वर्षीय बुजुर्ग कुन्दन सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गई। परिजनों व ग्रामीणों ने कुन्दन सिंह को एक डंडे में कंबल बांध कर कई किलोमीटर के दुर्गम पैदल मार्ग को पार कर किसी तरह मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाया। जहां से वाहन की व्यवस्था कर कुन्दन सिंह को अस्पताल भिजवाया गया। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रोहित जुड़ियाल ने सरकार पर ग्रामीण क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तरकाशी जिले में बनाल पट्टी के अंतिम गांव गौल व अरुण तक सड़क न होने से ग्रामीणों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि वर्ष 2015 में तत्कालीन सरकार ने गांव तक के लिए सड़क मार्ग को स्वीकृति किया था। लेकिन संबंधित कार्यदायी विभाग व सरकार ने सड़क मार्ग की सुध नहीं ली। उन्होंने बताया कि गांव में गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रसव की सुविधा न होने के कारण कच्चे दुर्गम पैदल रास्तों पर पैदल चलकर परिजन व ग्रामीण डंडे में कंबल की डोली बनाकर गर्भवती महिलाओं को मुख्य मार्ग तक पहुंचाने को विवश है। नहीं देंगे विधानसभा चुनाव में वोटग्रामीणों ने बैठक कर सरकार पर वादाखिलाफी करने व उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अगामी विधानसभा चुनाव में सड़क नहीं तो वोट नहीं का निर्णय लिया है। बैठक में सुरेश जुड़ियाल, दीपेंद्र चौहान, कपिल चौहान, संदीप चौहान, खेमराज, मनमोहन, प्रकाश जुड़ियाल, रविंद्र जुड़ियाल, नरेश व अमित आदि ग्रामीण शामिल हुए।


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Uttarakhand News : राजस्व पुलिस की हड़ताल, ग्रामीण इलाकों में दर-दर भटक रहें लोग

ओम प्रकाश भट्ट, देहरादून में राजस्व पुलिस की अनोखी और देश की एकमात्र पुलिसिंग व्यवस्था इन दिनों लड़खड़ा गई है। इससे जुड़े अधिकारी और कर्मचारी पिछले सात दिनों से हड़ताल पर हैं। कलमबंद हड़ताल के चलते उत्तराखंड के आधे से अधिक क्षेत्रफल की पुलिस व्यवस्था लगभग ठप है। सरकार की तरफ से भी लोगों को हो रही दिक्कतों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे राजस्व पुलिस के क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों की कठिनाई बढ़ गई है। उत्तराखंड देश का अकेला राज्य है, जहां राजस्व पुलिस की यह व्यवस्था है। जो राजस्व से जुड़े कार्यो के साथ-साथ पुलिस और लॉ एंड आर्डर का कार्य भी देखती है। इसमें राजस्व पुलिस के उपनिरीक्षक का सहयोगी, राजस्व पुलिस उपनिरीक्षक, राजस्व पुलिस निरीक्षक और नायाब तहसीलदार जैसे अधिकारी और कर्मचारी है। नायब तहसीलदार को छोड़कर लगभग सभी अधिकारी कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल पर है। यह हड़ताल पूरे प्रदेश स्तर पर बने इन अधिकारियों के संगठन के आह्वान पर चल रही है। इसमें मुख्य मांग राजस्व निरीक्षक और रजिस्ट्रार कानूनगों के पदों के संविलियन की सरकार की योजना को रोकना, पुलिस के समान राजस्व पुलिस के अधिकारियों को वेतन व सुविधाए दिए जाना है। साथ ही प्रमोशन के लिए राजस्व निरीक्षक के 16वें बैच को शुरू किए जाने के साथ वेतनमान के सुधार से जुड़े मसले शामिल है। क्या कहते हैं आंदोलन में शामिल नेताआंदोलन को लीड कर रहे संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजयपाल सिंह मेहता का कहना है कि संगठन की चार में से तीन मांगों पर अगस्त माह में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से अपर सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी सहमति जता दी थी। वहीं राजस्व परिषद की ओर से इस पर कार्यवाही की जानी थी जो आज तक नहीं हो पाई है। इसी लिए पूरे प्रदेश के राजस्व पुलिस निरीक्षक, राजस्व पुलिस उपनिरीक्षक और राजस्व सेवक से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी मजबूरन हड़ताल पर है। अभी कलमबंद हड़ताल है, गुरूवार से सभी जिला मुख्यालयों पर संघ से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे। रेवन्यू क्षेत्र के आमजन है परेशान हड़ताल के चलते उत्तराखंड के आधे से अधिक गांवों में लोगों को पुलिस और राजस्व से जुड़े कार्य अटक गए हैं। अपराधों से जुड़े प्रकरणों की रिपोर्ट करने के लिए पटवारी चौकियों के बजाए तहसीलों में आना पड़ रहा है। वहां भी रिर्पोट और अन्य कागजातों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। देवाल के सुदूरवर्ती गांव ल्वाड़ी के मोहन सिंह बिष्ट पिछले छह दिनों से खेती और अन्य कार्यो से जुड़ी संस्तुतियों के लिए परेशान हैं। बिष्ट का कहना है कि छह दिन से लगातार पटवारी चौकी का चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन हड़ताल के कारण किसान निधि से जुडा प्रमाणपत्र नहीं बन पाया है। मोहन सिंह की तरह हजारों लोग पिछले छह दिनों से न तो राजस्व पुलिस चौकी में प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखा पा रहे हैं और नहीं जरूरी कागजात की प्रतियां प्राप्त कर पा रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति, जांचों की प्रति, मूल निवास के लिए अग्रसारण, दाखिल-खारिज से जुड़ी प्रक्रिया, सरकारी योजनाओं में लाभार्थी की पहचान से जुड़े प्रपत्र आदि मुख्य हैं। क्या कहते है अधिकारी चमोली के जिलाअधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि अन्य कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। तहसीलों में नायब तहसीलदार और तहसीलदार इस कार्य को देख रहे हैं। क्या है राजस्व पुलिस की व्यवस्था राजस्व पुलिस की यह व्यवस्था उत्तराखंड में नौंवी शताब्दी से चल रही है। 1847 के विद्रोह के बाद पूरे देश में अंग्रेजों ने रेगुलर पुलिस की व्यवस्था शुरू की थी, लेकिन पर्वतीय इलाकों में मितव्ययता और तत्कालीन कुमाऊ कमिश्नर हैनरी रैमजे की सलाह पर यहा राजस्व अधिकारियों को ही पुलिस और कानून-व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया था। इसमें राजस्व सेवक और पटवारी को पुलिस थाने की सभी शक्तियां समाहित थीं। इनके कार्यों को देखने के पर्यवेक्षण के लिए कानूनगों और फिर नायब तहसीलदार से लेकर तहसीलदार, उपजिला अधिकारी और जिलाअधिकारी को अधिकार मिले थे। शुरूआत में गढ़वाल में 86 और कुमाऊं में 125 पटवारी क्षेत्रों में राजस्व पुलिस चौकियां थीं। मेहता के अनुसार इस समय राजस्व उपनिरीक्षक के पद अब बढ़कर बारह सौ के आसपास हो गए हैं। इन राजस्व पुलिस चौकियों में पुलिस का सारा कार्य होता था और इसके लिए दो कर्मचारी तैनात होते थे। एक पटवारी और दूसरा उसका सेवक जिनका नाम अब बदल कर राजस्व उपनिरीक्षक और राजस्व सेवक कर दिया गया है। अपराधों की जांच से लेकर धरपकड़ तक इनके पास साधन के नाम पर एक हथकड़ी और डंडा होता था जो आज भी बदस्तूर जारी है। उत्तराखंड में कहा है यह राजस्व पुलिस व्यवस्था उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी 2018 में राजस्व पुलिस द्वारा जांच किए गए एक मामले पर फैसला देते समय इस व्यवस्था को बदलने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे। उत्तराखंड के सभी पर्वतीय जिलों के आधे से अधिक क्षेत्रफल अभी भी राजस्व पुलिस के तहत आता है। समय बदला है लेकिन इस व्यवस्था में बदलाव नहीं आ पाया है। राजस्व पुलिस के इन अधिकारियों की हड़ताल में मुख्य मसला समय के साथ संसाधनों से लैश किया जाना भी एक है।


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बुधवार, 29 दिसंबर 2021

Uttarakhand News: दलित और सवर्ण छात्रों ने एक-दूसरे की जाति के हाथ का बना खाना खाने से किया इनकार, बच्चों में कौन भर रहा यह जहर?

के चंपावत () में दलित भोजनमाता () को हटाए जाने के बाद विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री के आदेश पर हरकत में आए अधिकारियों ने यूं तो विवाद के निपटारे का दावा किया था। मगर अब इसी स्कूल के दलित विद्यार्थियों ने ऊंची जाति की कुक का बनाया खाना खाने से इनकार कर दिया है। पहले दलित महिला को भोजनमाता नियुक्त करने के बाद सवर्ण छात्र-छात्राओं ने भोजन करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसे हटा दिया गया था। यहीं से विवाद की जड़ पड़ी थी। मामले में उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने भी नाराजगी जताई है। ऐसे में सवाल उठता है कि मासूमों में यह जहर घोल कौन रहा है? बच्चों के मन में कौन भर रहा दलित-सवर्ण का जहर?जिले के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे नाबालिग हैं। जिस उम्र के पड़ाव पर ये बच्चे हैं, उसमें ऊंची-नीची जाति, राजनीति, छुआछूत आमतौर पर नहीं देखा जाता। हालांकि चंपावत विवाद के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इन बच्चों के मन में दलित-सवर्ण जैसा यह जहर भर कौन रहा है? प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद विवाद शांत नहीं हो रहा है। मामले में बच्चों के पैरंट्स ने भी दलित भोजनमाता की नियुक्ति को नियमों के खिलाफ बताया था। अधिकारियों ने साथ बैठकर खाया खाना, विवाद सुलझने का था दावासोमवार को जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित ने स्कूल के सभी दलित और सवर्ण बच्चों के साथ बैठकर भोजन माता विमला उप्रेती के हाथों से बना भोजन ग्रहण किया था। इस दौरान कक्षा 6 से 8 तक के 66 में से 61 बच्चे स्कूल में उपस्थित थे। अधिकारियों ने इसके बाद भोजन माता विवाद सुलझ जाने का दावा किया। अधिकारियों ने स्कूली बच्चों को आपसी सौहार्द बनाए रखने को भी कहा। दलित बच्चे घर से लाए टिफिन, मगर स्कूल में बना खाना खिलाया गयापिछले दिनों की तरह सोमवार को भी कुछ अनुसूचित जाति के बच्चे घर पर बना खाना लेकर आए थे, लेकिन मुख्य शिक्षा अधिकारी और अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को समझा-बुझाकर उन्हें स्कूल में बना भोजन खिलाया। गुरुवार और शुक्रवार को एससी वर्ग के बच्चों ने स्कूल में सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथ से बना भोजन खाने से इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि पहले सवर्ण बच्चों ने एक दलित भोजनमाता के हाथ बने भोजन को खाने से इनकार किया था। स्कूल के प्रिंसिपल ने हाथ खड़े किएस्कूल के प्रिंसिपल प्रेम सिंह की तरफ से शिक्षा विभाग को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि बच्चों के बीच इस तरह की चर्चा है कि अगर दलित कुक के पकाए भोजन से सामान्य वर्ग के छात्र नफरत करते हैं तो वे भी सामान्य वर्ग के कुक के हाथों से बना खाना नहीं खाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं के DIG नीलेश आनंद भरने को घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। 13 दिसंबर को दलित भोजनमाता की नियुक्ति के बाद विवाद230 छात्र-छात्राओं वाले इस स्कूल में 13 दिसंबर को दलित भोजनमाता की नियुक्ति हुई थी। लेकिन इसके अगले ही दिन कुछ सवर्ण छात्रों ने दलित भोजनमाता के हाथ का बना खाना खाने से इनकार कर दिया। चंपावत जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित मामले में कदम उठाते हुए भोजनमाता की नियुक्ति को अवैध बताते हुए उसे बर्खास्त कर दिया। उनकी पैरंट्स-टीचर असोसिएशन ने आरोप लगाया था कि बिना उप शिक्षा अधिकारी की मंजूरी लिए भोजनमाता की नियुक्ति हुई थी। उसी के बाद से ये मामला सुर्खियों में है। इलाके के ग्रामीण जातीय आधार पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं।


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Pithoragarh Earthquake: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.1

पिथौरागढ़ उत्तराखंड में एक महीने में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बुधवार रात को प्रदेश के आने की खबर है। हालांकि, यह ज्यादा खतरनाक नहीं था और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई। इससे पहले 5 दिसंबर को प्रदेश के दो जिलों उत्तरकाशी और टिहरी में भूकंप महसूस किया गया था। जानकारी के मुताबिक, बुधवार देर रात उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 4.1 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया। इससे किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महार ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूकंप देर रात 12 बजकर 39 मिनट पर आया और इसका केंद्र असकोट में 10 किलोमीटर की गहराई में था। महार ने बताया, 'भूकंप हल्की तीव्रता का था और इसके कारण अब तक किसी भी क्षति की खबर नहीं है।' बता दें कि भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड काफी संवेदनशील इलाका है। इससे पहले 5 दिसंबर को भी प्रदेश के उत्तरकाशी और टिहरी जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब इनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.8 थी।


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उत्तराखंड 2021: महामारी और प्राकृतिक आपदाओं ने खड़ी की मुसीबत

देहरादून, 29 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में इस महीने बुलंद हुए राजीतिक बगावत के सुर से भाजपा और कांग्रेस हिल गई हैं। लेकिन यह राज्य में इस साल पूर्व में आए उन झटकों की तुलना में कुछ भी नहीं है जब दो मुख्यमंत्रियों को बाहर का रास्ता देखना पड़ा और कुंभ मेले से कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के आरोप लगे तथा अचानक आई बाढ़ से 200 लोगों की मौत हो गई।

इस वर्ष उच्चतम न्यायालय ने चार धाम तीर्थ स्थलों के लिए सड़कों को चौड़ा करने के लिए केंद्र को मंजूरी दे दी और साथ ही पुजारियों ने प्रमुख मंदिरों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से गठित राज्य बोर्ड की स्थापना के खिलाफ लड़ाई जीत ली।

इसके साथ ही 150 साल पहले पेशावर के पठानों द्वारा तिब्बत जाने वाले मार्ग पर उत्तरकाशी में 11,000 फुट की ऊंचाई पर बनाए गए लकड़ी के पुल गरतांग गली का भी इस साल जीर्णोद्धार किया गया और चार धामों के पुराने, पारंपरिक ट्रेकिंग मार्गों को फिर से खोजा गया।

राज्य ने वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री पद पर एक के बाद एक फेरबदल देखा।

अपने कार्यकाल के चार साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने ऐसे समय हटा दिया जब राज्य 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रहा है।

पौड़ी गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत को मार्च में अचानक त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह लाया गया। अपने कार्यकाल के कुछ ही दिनों में, नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने ‘रिप्ड जींस’ पहनने वाली महिलाओं पर अपनी एक टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया और यह भी कहा कि भारत पर 200 साल से अधिक वर्ष तक ‘अमेरिका का शासन’ था।

तीरथ सिंह को पदभार ग्रहण करने के चार महीने से भी कम समय में पद से हटा दिया गया और उनकी जगह खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी को भाजपा आलाकमान ने नया मुख्यमंत्री बनाया।

कांग्रेस के दिवंगत नेता एनडी तिवारी को छोड़कर उत्तराखंड के किसी भी मुख्यमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। लेकिन तीरथ सिंह रावत ने सबसे छोटे कार्यकाल के साथ एक तरह का रिकॉर्ड बनाया। वह ऐसे समय मुख्यमंत्री थे जब सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के बीच हरिद्वार में कुंभ मेले को भव्य पैमाने पर आयोजित करने के अपने विवादास्पद फैसले को आगे बढ़ाया।

कुंभ के दौरान कोविड रोधी नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन देखने को मिला और श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते भौतिक दूरी बनाकर रखना लगभग असंभव हो गया। शाही स्नान के दिनों के बाद संक्रमण बढ़ गया।

इस पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेला संपन्न करने के लिए "अखाड़ों" से अपील की।

बाद में, एक कोविड परीक्षण घोटाला सामने आया। नोएडा स्थित एक निजी प्रयोगशाला ने कथित तौर पर श्रद्धालुओं पर एक लाख नकली कोविड परीक्षण किए। विशेष जांच दल द्वारा जांच के बाद प्रयोगशाला मालिकों को गिरफ्तार किया गया।

कोविड की वजह से लगातार दूसरे वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की चारधाम यात्रा पर प्रभाव पड़ा।

तीर्थयात्रा महीनों की देरी से शुरू हुई लेकिन जैसे ही कोविड की लहर थमी और प्रतिबंध हटे, वार्षिक यात्रा ने गति पकड़ ली। इस साल पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने मंदिरों में दर्शन किए।

पुजारियों के दबाव में, चार धाम सहित 51 मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए विवादास्पद उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को वापस ले लिया गया। पुजारियों ने कानून को अपने पारंपरिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए केदारनाथ का दौरा किया और 2013 में भूस्खलन तथा बाढ़ से तबाह हुए क्षेत्र के पुनर्निर्माण के दूसरे चरण की आधारशिला रखी।

उत्तराखंड के लिए साल 2021 भी प्राकृतिक आपदा लेकर आया। फरवरी में चमोली जिले में एक ग्लेशियर टूट गया, जिससे ऋषि गंगा और धौली गंगा नदियों में अचानक बाढ़ आ गई। इसके चलते कई टन मलबा गिरने से रैनी गांव में 13.2 मेगावाट की ऋषि गंगा जलविद्युत परियोजना और एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा और वहां काम कर रहे लोग एक सुरंग में फंस गए।

इस घटना में कुल मिलाकर, 204 लोग लापता हो गए। अवरुद्ध सुरंग से केवल 81 शव और 36 मानव अंग मिले।

नवंबर में, एक दूसरी आपदा आई। लगातार तीन दिन तक हुई बारिश से गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में घरों, सड़कों, पुलों और रेलवे पटरी को भारी नुकसान हुआ तथा इसमें ट्रेकर्स समेत करीब 80 लोग मारे गए।

राज्य ने देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) और उत्तराखंड के मूल निवासी जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी। इसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर शहीदों को भी याद किया।

राज्य में जब विधानसभा चुनाव अब कुछ ही हफ्ते दूर हैं, राजनीतिक दलों की नजर प्रदेश के सैन्य परिवारों के मतदाताओं पर है।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां देहरादून में स्मारक निर्माण के लिए शहीदों के घरों के प्रांगणों से मिट्टी इकट्ठा करने का भावनात्मक अभियान चलाया तो वहीं कांग्रेस ने पार्टी नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में एक रैली में पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया।

आम आदमी पार्टी, जो खुद को कांग्रेस और भाजपा के विकल्प के रूप में पेश कर रही है, पहले ही सेवानिवृत्त सेना अधिकारी अजय कोठियाल को अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश कर चुकी है।

हरक सिंह रावत ने अपने कोटद्वार निर्वाचन क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक को छोड़ दिया, जिससे उनके इस्तीफे की अटकलें लगने लगीं, लेकिन बाद में मामला सुलझ गया।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सिलसिलेवार ट्वीट कर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए और कहा, ‘‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेरकर खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’’



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मुख्यमंत्री धामी ने खटीमा में उत्तराखंड के पहले ‘क्रोकोडाइल ट्रेल’ का उद्घाटन किया

देहरादून, 29 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ककरा में राज्य के पहले ‘क्रोकोडाइल ट्रेल’ और खटीमा के तराई पूर्वी वन मंडल में ‘सुरई इको-टूरिज्म जोन’ में जंगल सफारी का उद्घाटन करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के अलावा स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

सुरई इको-टूरिज्म जोन के पश्चिमी किनारे पर स्थित, ककरा नहर दलदलीय मगरमच्छों का निवास स्थान है। मगरमच्छ की यह प्रजाति भूटान और म्यांमा जैसे देशों में विलुप्त हो गई है। यह नहर वर्तमान में 100 से अधिक दलदलीय मगरमच्छों का घर है।

‘ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल’ बनाने के लिए चार किलोमीटर तक नहर की घेराबंदी की गई है। मगरमच्छों को सुरक्षित रूप से देखने की सुविधा के लिए नहर के चारों ओर तीन स्थल और कई ‘वॉच टावर’ बनाए गए हैं। धामी ने ‘सुरई इको-टूरिज्म जोन’ के माध्यम से जंगल ‘सफारी ट्रेल’ का भी उद्घाटन किया जिसे समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। क्षेत्र की जैव विविधता का हवाला देते हुए धामी ने कहा कि यह स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोग 40 किलोमीटर वाले सफारी मार्ग के लिए जिप्सी के मालिक, ड्राइवर और गाइड बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि पक्षियों की 150 से अधिक प्रजातियां, स्तनपायी जंतुओं की 125 प्रजातियां और 20 प्रकार के सरीसृप 40 किलोमीटर के प्राकृतिक मार्ग में निवास करते हैं। खटीमा मुख्यमंत्री धामी का विधानसभा क्षेत्र है।



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Uttrakhand Elections: गुटबाजी कहां नहीं है, पर हम यह चुनाव कांग्रेस की नीतियों पर लड़ेंगे और जीतेंगे: प्रीतम सिंह

देहरादून उत्तराखंड में कांग्रेस के भीतर तलवारें खिंची हुई हैं। हरीश रावत खुद को सीएम उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते हैं लेकिन उनके खिलाफ तगड़ी गोलबंदी है। प्रीतम सिंह कांग्रेस के अंदर हरीश रावत विरोधी खेमे का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। प्रीतम सिंह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। कहा जाता है कि गुटबाजी की वजह से ही पार्टी आलाकमान राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की स्थिति में नहीं है। एनबीटी के नैशनल पॉलिटिकल एडिटर नदीम ने प्रीतम सिंह से राज्य के चुनावी परिदृश्य, हरीश रावत से उनके रिश्ते और गुटबाजी से पार्टी के चुनावी नतीजों पर पड़ने वाले असर को लेकर बात की। बातचीत के मुख्य अंश : उत्तराखंड में बीजेपी का सीएम का चेहरा तय है, आम आदमी पार्टी का तय है लेकिन कांग्रेस चेहरा तय करने से बच रही है, क्यों? हमारे यहां ऐसी कोई परंपरा नहीं रही है। हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ते हैं। बहुमत मिलने के बाद सीएम चुनने की एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया होती है विधानमंडल दल के जरिए, उसका पालन करते हैं। इस बार भी ऐसा ही होगा। कांग्रेस अगर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं कर रही है तो यह कोई अप्रत्याशित बात नहीं है। यही वजह है या असल बात यह है कि हरीश रावत को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना है? कौन मुख्यमंत्री बनेगा और कौन नहीं, यह तय करना मेरे अधिकार में नहीं है। मैं तो पार्टी का एक छोटा कार्यकर्ता हूं। पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देती है, मैं उसका पालन करता हूं। पार्टी की जो स्थापित परंपरा है, खासतौर पर उत्तराखंड को लेकर, वह मैंने बताया कि पहले से किसी को मुख्यमंत्री घोषित कर चुनाव नहीं लड़ा जाता है। कुछ वक्त पहले हमने हरीश रावत का एक बयान पढ़ा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस सीएम का चेहरा घोषित कर चुनाव के मैदान में जाएगी तो उसे फायदा होगा, तब चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर शिफ्ट नहीं होगा? पहली बात तो यह कि मुझे उस बयान की कोई जानकारी नहीं। कब दिया, किस संदर्भ में दिया, उसका भी मुझे कोई ज्ञान नहीं। किसी अन्य के बयान पर मुझे प्रतिक्रिया व्यक्त करने का अधिकार भी नहीं है। दूसरी बात यह है कि अहम यह नहीं कि कौन क्या चाहता है। अहम यह है कि आलाकमान क्या चाहता है? आलाकमान का फैसला अगर अंतिम फैसला न हो तो कोई फैसला ही न हो सकेगा, क्योंकि सबके भिन्न-भिन्न विचार हो सकते हैं। मेरा तो मानना है कि चेहरा घोषित कर चुनाव लड़ा जाए या बिना चेहरे के लड़ा जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हमें चुनाव कांग्रेस की नीतियों पर और बीजेपी के कुशासन के खिलाफ लड़ना है। वैसे हरीश रावत के साथ आपके रिश्ते कैसे हैं? वह हमारे वरिष्ठ हैं, पार्टी में वह हमारे नेता हैं। कहा तो यह जाता है कि आपके और उनके बीच 36 का रिश्ता है? ऐसा नहीं है। वैसे व्यक्तिगत स्तर पर तो कोई भी किसी को पसंद-नापसंद कर सकता है। हर किसी की अपनी चॉइस होती है। इसके लिए कोई किसी को बाध्य नहीं कर सकता। लेकिन जब पार्टी के स्तर पर बात करते हैं तो वहां आपकी कोई चॉइस नहीं चलती है। वहां सभी लोगों को पार्टी की नीतियों और नेतृत्व के प्रति प्रतिबद्ध होना होता है। यशपाल आर्य के बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में आने के बाद कई और नेताओं को लेकर कहा जाता है कि वे कांग्रेस में आना चाहते हैं, लेकिन हरीश रावत ने उनकी एंट्री पर रोक लगा रखी है? हर पॉलिटिकल पार्टी में एक ऐसा दरवाजा होता है, जो कभी बंद नहीं होता। लोग उस दरवाजे से बाहर जाते भी हैं, आते भी हैं। अगर कोई कांग्रेस में आना चाह रहा होगा और कांग्रेस आलाकमान उसे लेना चाह रहा होगा तो उसे आने से कोई नहीं रोक सकता। हरक सिंह रावत कब कांग्रेस में आ रहे हैं? मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर भी कुछ चल रहा है क्या? मुझे उसकी भी जानकारी नहीं है। ऐन चुनाव के समय पर कांग्रेस में जिस तरह की गुटबाजी दिख रही है क्या पार्टी को भारी नहीं पड़ेगी? गुटबाजी कहां नहीं है? क्या बीजेपी में नहीं है? लोकतंत्र में सभी व्यक्तिगत मत अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन चुनाव पार्टियों की नीतियों पर लड़ा जाता है। मैं यह बात दावे के साथ कह सकता हूं बीजेपी का प्रचार तंत्र चाहे जितना दुष्प्रचार कर ले, लेकिन सत्ता से उसका बेदखल होना तय है। वैसे उत्तराखंड का क्या चुनावी परिदृश्य आपको लग रहा है? उत्तराखंड के लोग चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि अब वे बीजेपी की सत्ता से मुक्ति चाहते हैं। ऐसी गैर जिम्मेदार और असफल सरकार तो उत्तराखंड में देखी ही नहीं गई। हर मोर्चे पर फेल सरकार को उत्तराखंड के लोग हटाना चाहते हैं। पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनने से बीजेपी के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर खत्म हो गया है, इस दावे में कितना दम है? उत्तराखंड के लोगों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री कौन है। वह सिर्फ यह जानते हैं कि बीजेपी की सरकार है। वही बीजेपी जो 2017 के चुनाव में धोखे और झूठ के बल पर सत्ता में आई। चुनाव आने से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे बदल कर बीजेपी आमजन की नाराजगी खत्म नहीं कर सकती है।


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धर्म संसद को लेकर कोर कमेटी की बैठक, साधु-संतों ने पुलिस को दी तहरीर

करन खुराना, हरिद्वारहरिद्वार में धर्म संसद को लेकर कोर कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि आगे भी धर्म संसद जारी रहेगी। धर्म संसद के प्रमुख वसीम रिज़वी अब जितेंद्र नारायण त्यागी, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतिनरसिंघनन्द, स्वामी अमृतानंद व अन्य लोगों ने अपनी जान का खतरा बताते हुए पुलिस को एक तहरीर भी सौंपी है। बता दें कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इस धर्म संसद में धर्म विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ ऐसे बयान दिए गए जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वसीम रिज़वी अब जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य दो साधुओं के विरुद्ध आईपीसी की धारा 153 क (धार्मिक उन्माद फैलाने) के अंतर्गत हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। मंगलवार को धर्म संसद की एक कोर कमेटी की बैठक आयोजित हुई, जिसमें जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतिनरसिंघनन्द, वसीम रिज़वी अब जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य महामंडलेश्वर समेत 30 लोगों की एक कोर कमेटी बनाई गई। इसमें फैसला किया गया कि अब धर्म संसद होती रहेगी। सीओ सिटी ने मामले में जांच के आदेश दिए वसीम रिज़वी अब जितेंद्र नारायण त्यागी ने नवभारतटाइम्स ऑनलाइन को बताया कि एक कोर कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें धर्म संसद जारी रखने का फैसला लिया गया है। साथ ही हरिद्वार कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राकेंद्र कठैत को एक तहरीर दी गई है। जितेंद्र नारायण त्यागी ने बताया की तहरीर में मस्जिदों के इमाम और अन्य लोग जो हमारी हत्या कराना चाहते है और हमारे ऊपर हमले का प्रयास भी कर चुके है, उन सब के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निवेदन किया गया है। सीओ सिटी नगर शेखर सुयाल ने बताया कि साधु संतों की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई है। हर बिंदु पर जांच के आदेश दिए गए है, जांच हो जाने के बाद मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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मंगलवार, 28 दिसंबर 2021

प्रधानमंत्री हल्द्वानी में 17,500 करोड़ रुपये की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 23 परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि 23 परियोजनाओं में से 14,100 करोड़ रुपये की 17 परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा और यह परियोजनाएं सिंचाई, सड़क, आवासीय, स्वास्थ्य ढांचा, उद्योग, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति सहित कई क्षेत्रों से संबंधित हैं।

पीएमओ नेकहा, ‘‘इस कार्यक्रम में छह परियोजनाओं का उद्घाटन होगा, जो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं, एक पिथौरागढ़ में पनबिजली परियोजना और नैनीताल में सीवरेज नेटवर्क में सुधार से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 3,400 करोड़ रुपये है।’’

प्रधानमंत्री लगभग 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली लखवार बहुउद्देशीय परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना की 1976 में पहली बार कल्पना की गई थी और कई वर्षों से लंबित पड़ी थी।

पीएमओ ने कहा, ‘‘बहुत अधिक समय से लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार ही इस परियोजना की आधारशिला रखी गई है। राष्ट्रीय महत्व की यह परियोजना, लगभग 34,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई, 300 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन और छह राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान को पेयजल की आपूर्ति करने में सक्षम बनाएगी।’’

इस दौरान प्रधानमंत्री लगभग 8700 करोड़ रुपये की कई सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी उनमें 4000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली 85 किलोमीटर मुरादाबाद-काशीपुर सड़क को चार लेन का बनाना, गदरपुर-दिनेशपुर-मडकोटा-हल्द्वानी रोड (एसएच-5) के 22 किलोमीटर के हिस्से को दो लेन का और किच्चा से पंतनगर (एसएच-44) तक 18 किलोमीटर के हिस्से को दो लेन का बनाना, ऊधमसिंह नगर में 8 किलोमीटर लंबे खटीमा बाइपास का निर्माण, 175 करोड़ से अधिक की लागत से चार लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 109-D) का निर्माण शामिल है।

पीएमओ ने कहा, ‘‘इन सड़क परियोजनाओं से गढ़वाल, कुमाऊं और तराई क्षेत्र में सड़क संपर्क तथा उत्तराखंड और नेपाल के बीच सड़क संपर्क में सुधार होगा। बेहतर सड़क संपर्क से जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंच में सुधार के अलावा रुद्रपुर और लालकुआं में औद्योगिक क्षेत्रों को भी फायदा होगा।’’

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पूरे राज्य में कई सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी प्रधानमंत्री द्वारा रखी जाएगी। इनमें 625 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कुल 1157 किलोमीटर की 133 ग्रामीण सड़कों का निर्माण और लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से 151 पुलों का निर्माण शामिल है।

प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली सड़क परियोजनाओं में, 2500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, नगीना से काशीपुर (एनएच-74) तक 99 किलोमीटर सड़क को चौड़ा करने की परियोजना और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तथा 780 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से सभी मौसम में उपयुक्त सड़क परियोजना के तहतनिर्मित टनकपुर-पिथौरागढ़ सड़क (एनएच 125) के तीन खंडो- च्युरानी से अंचोली (32 किलोमीटर), बिलखेत से चंपावत (29 किलोमीटर) और तिलोन से च्युरानी (28 किलोमीटर) को चौड़ा करने की परियोजनाएं शामिल हैं।

पीएमओ ने कहा, ‘‘सड़क चौड़ा करने की परियोजनाओं से न केवल दूर-दराज के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ़ सड़क से अब हर मौसम में संपर्क, सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की निर्बाध आवाजाही और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा प्राप्त होगी।’’

राज्य की चिकित्सा अवसंरचना का विस्तार करने और देश के सभी हिस्सों में लोगों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास के अंतर्गत, प्रधानमंत्री उधम सिंह नगर जिले में एम्स ऋषिकेश सैटलाइट सेंटर और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम सरकारी मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखेंगे।

इन दोनों अस्पतालों को क्रमश: 500 करोड़ रुपये और 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा है।

पीएमओ ने कहा कि इससे बेहतर चिकित्सा अवसंरचना सुविधा से न केवल कुमाऊं और तराई क्षेत्रों के लोगों को बल्कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज और काशीपुर इलाकों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए करीब 2400 मकानों के निर्माण की आधारशिला रखेंगे। इन घरों का निर्माण प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 170 करोड़ रुपए से अधिक की कुल लागत से किया जाएगा।

प्रधानमंत्री राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नल से जल की आपूर्ति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत राज्य के 13 जिलों में 73 जलापूर्ति योजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन योजनाओं पर कुल मिलाकर करीब 1250 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे राज्य के 1.3 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार लाभान्वित होंगे।

इसके अलावा हरिद्वार और नैनीताल के शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु प्रधानमंत्री इन दोनों शहरों के लिए जलापूर्ति योजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।

पीएमओ ने कहा, ‘‘इन परियोजनाओं से हरिद्वार में लगभग 14500 और हल्द्वानी में 2400 से अधिक नल जल कनेक्शन मिलेंगे, जिससे हरिद्वार की लगभग एक लाख आबादी तथा हल्द्वानी की लगभग 12000 आबादी को लाभ प्राप्त होगा।’’



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राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में सीमावर्ती पुलों का उद्घाटन किया

देहरादून, 28 दिसंबर (भाषा) रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित तीन पुलों का मंगलवार को डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया।

ये तीन पुल घासकू पुल, गौरीगढ़ पुल और बदामगढ़ हैं। घासकू पुल तवाघाट एवं घाटीबागर को जोड़ता है जबकि गौरीगढ़ पुल जौलजिबी एवं मुनस्यारी को तथा बदामगढ़ सेमली एवं ग्वालदम को जोड़ता है।

ये पुल उन 27 सीमा अवसंरचना परियोजनाओं का हिस्सा हैं जिनका सिंह ने मंगलवार को उद्घाटन किया।

सिंह ने इन परियोजनाओं का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद कहा कि अनियमित मौसम के बीच दुर्गम क्षेत्र में बीआरओ द्वारा बनायी जा रही सड़कों, पुलों एवं सुरंगों से स्थानों के बीच दूरियां घट रही हैं तथा सीमावर्ती क्षेत्र दिल्ली के करीब आ रहे हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी डिजिटल तरीके से इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए कहा कि बीआरओ द्वारा बनायी जा रही सड़कों एवं पुलों से आत्मनिर्भर भारत का प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार होगा।



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उत्तराखंड : करीब दो करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त, दो गिरफ्तार

उत्तरकाशी, 28 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में दो तस्करों के पास से करीब दो करोड़ रुपये मूल्य की हेरोइन जब्त की गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय ने बताया कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस पर्वतीय जिले से मादक पदार्थ की यह अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा के करनाल जिले के अमन और रुड़की के लियाकत को सोमवार को देवीधर के एक मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया।



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केदारनाथ एवं बदरीनाथ में हिमपात, मैदानी क्षेत्रों में आसमान में बादल छाये रहे

देहरादून, 28 दिसंबर (भाषा) बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों में मंगलवार को ताजा बर्फबारी हुई, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड और बढ़ गयी। वहीं, राज्य के मैदानी इलाकों में दिन में ज्यादातर समय आसमान में बादल छाए रहे।

देहरादून में भी ठंड का प्रकोप रहा, जहां सूर्य दोपहर के समय महज कुछ देर के लिए निकला।

आपदा प्रबंधन कार्यालय ने यहां बताया कि बदरीनाथ में बर्फबारी रुक- रुक कर होती रही, जबकि केदारनाथ में सुबह में हल्का हिमपात हुआ।

देहरादून समेत मैदानी इलाकों के ज्यादातर शहरों में आसमान में बादल छाये रहे। इन जगहों पर सर्दी से बचने के लिए शाम में लोगों ने अलाव जलाए।

मौसम विभाग ने बताया कि मुक्तेश्वर राज्य में सबसे ठंडा स्थान रहा। वहां न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अल्मोड़ा में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस रहा। टिहरी में न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, देहरादून में 6.1 डिग्री सेल्सियस और पंतनगर में 7.5 डिग्री सेल्सियस रहा।



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सोमवार, 27 दिसंबर 2021

प्रधानमंत्री 30 दिसंबर को हल्द्वानी में एम्स की आधारशिला रखेंगे : धामी

देहरादून, 27 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को उत्तराखंड के हल्द्वानी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोलीहाट में एक जनसभा में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उत्तराखंड में रिषीकेश के बाद यह दूसरा एम्स होगा।

धामी ने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र के लोगों के लिए एम्स स्थापित करने के उनके अनुरोध को स्वीकार करने को लेकर वह प्रधानमंत्री के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए एम्स, रिषीकेश जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

धामी, करीब 23 करोड़ रुपये मूल्य की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करने के लिए गंगोलीहाट में थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के तहत पिछले पांच वर्षों में राज्य के लिए एक लाख करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं।

धामी ने ‘मुख्य सेवक’ के तौर पर प्रभार संभालने के बाद अपने मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये फैसलों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इसने राज्य के लोगों के विकास एवं कल्याण के लिए करीब 700 फैसले लिए हैं।

उन्होंने देहरादून में एक रैली में देश के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का एक कट-आउट लगाने को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी ने एक समय उन्हें ‘‘गली का गुंडा’’ कहा था और सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा था।



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Night Curfew in Uttarakhand: उत्तराखंड में नाइट कर्फ्यू लागू, रात 11 से सुबह 5 बजे तक रहेंगी पाबंदियां

करन खुराना, देहरादून देश में बढ़ते कोरोना (Corona) के मामलों ने राज्यों को पाबंदियां लगाने पर मजबूर कर दिया है। अब उत्तराखंड शासन ने सोमवार रात से नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लगाने के आदेश जारी किए हैं। पिछले एक हफ्ते में उत्तराखंड में कोरोना के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसी कारण मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन की ओर से नाइट कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। शासन ने सोमवार सुबह एसओपी जारी की। एसओपी (SOP) के अनुसार, ओमीक्रोन (Omicron) के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तराखंड में भी नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। उत्तराखंड से पहले उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत अन्य राज्य में भी नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। उत्तराखंड में अब तक ओमीक्रोन का एक केस आ चुका है और पिछले एक हफ्ते में एक्टिव कोविड केस में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शासन द्वारा जारी एसओपी अनुसार, नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा, लेकिन इस दौरान सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं, पेट्रोल पम्प, एलपीजी गैस, बिजली का उत्पादन, डाक घर, इंटरनेत सेवा, स्टोरेज हाउस, राजकीय परिवहन आवागमन, माल वाहनों का आवागमन, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, टैक्सी, विक्रम, ऑटो, इंडस्ट्रियल यूनिट्स नाइट कर्फ्यू की पाबन्दियों से मुक्त रहेंगे।


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हरिद्वार धर्म संसद: नफरत फैलाने वाले भाषण देने के सिलसिले में दो और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

देहरादून, 27 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल में आयोजित एक धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के सिलसिले में दो और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

हरिद्वार कोतवाली थाना प्रभारी रकिंदर सिंह ने सोमवार को बताया कि कार्यक्रम की उपलब्ध फुटेज खंगालने के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में शनिवार को स्वामी धरमदास और साध्वी अन्नपूर्णा के नाम जोड़े गये।

पिछले बृहस्पतिवार को दर्ज की गई प्राथमिकी में शुरूआत में सिर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को नामजद किया गया था। इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने से पहले त्यागी का नाम वसीम रिजवी था।

प्राथमिकी, भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच धर्म, नस्ल, जन्म स्थान,निवास, भाषा के आधार पर वैमनस्य को बढ़ावा देने) के तहत दर्ज की गई थी।

हरिद्वार में 16 से 19 दिसंबर के बीच वेद निकेतन धाम में आयोजित धर्म संसद में वक्ताओं ने मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण दिये थे। इस कार्यक्रम का आयोजन गाजियाबाद में डासना मंदिर के पुरोहित यति नरसिंहानंद ने किया था।



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कोविड-19: उत्तराखंड में रात्रि कर्फ्यू लगाया गया

देहरादून, 27 दिसंबर (भाषा) कोविड-19 के अति संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप के खतरे के मद्देनजर उत्तराखंड में सोमवार से रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया।

राज्य के मुख्य सचिव एस एस संधू ने एक आदेश में कहा कि सोमवार से अगले आदेश तक रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू प्रभाव में रहेगा।

हालांकि, स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाएं, स्वास्थ्य कर्मियों को लेकर जाने वाले वाहनों, एंबुलेंस, डाक सेवाओं की आवाजाही को कर्फ्यू से छूट दी गयी है।

एलपीजी, पेट्रोल, डीजल के उत्पादन, परिवहन और वितरण को भी पाबंदी से छूट मिलेगी।



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पंखुड़ी श्रीवास्‍तव को नहीं मिला किराए का घर तो खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी, जानें उनके सफल Entrepreneur बनने की कहानी

पंखुड़ी श्रीवास्तव (Pankhuri Srivastava) ने 2012 में रेंटल स्टार्टअप ग्रैबहाउस (Grabhouse) की स्थापना की, जिसे साल 2016 में ऑनलाइन क्लासीफाइड कंपनी क्विकर (Quikr) ने खरीद लिया. इसके बाद साल 2019 में उन्होंने महिलाओं पर फोकस करने वाले प्लेटफॉर्म 'पंखुड़ी' को लॉन्च किया.

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Business Idea: बैंक की शानदार नौकरी छोड़ कपिल बना किसान, हो रही 50 लाख रुपये की कमाई

आज कपिल के खेतों के अमरूद की डिमांड सोनीपत ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों में है. देखते ही देखते खेत की आमदनी नौकरी से मिलने वाली सैलरी से 4 गुना ज्यादा हो गई.

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रविवार, 26 दिसंबर 2021

Uttarakhand Covid News: मसूरी, देहरादून में नए साल के जश्न पर प्रशासन का यू-टर्न, वापस लिया पाबंदी का फैसला

देहरादून उत्तराखंड के देहरादून और मसूरी में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट को देखते हुए नए साल के जश्न पर लगाई गई पाबंदियां एक दिन बाद ही वापस हो गई हैं। उत्तराखंड प्राधिकरण का कहना है कि वे सिर्फ कोविड उपयुक्त व्यवहार को ही लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि शनिवार को ही प्रशासन ने नए साल के जश्न में 100 से अधिक लोगों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया था। शनिवार को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे जिसके अनुसार, न्यू ईयर पार्टी को लेकर रात 10 बजे तक की ही अनुमति थी। फिलहाल प्रशासन ने इसे भी हटा दिया है। संयोग से, दूसरे राज्य जैसे दिल्ली और हरियाणा ने ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए नए साल पर जश्न पर बैन लगाया है जबकि उत्तर प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगना शुरू हो गया है जिसे दिल्ली में भी लागू किया गया है। केंद्र की गाइडलाइन का पालन उत्तराखंड में अधिकारियों का कहना है कि वे सिर्फ कोविड उपयुक्त व्यवहार को ही लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत लिया है। देहरादून डीएम आर राजेश कुमार ने कहा, 'हमारे ऑर्डर में स्पष्ट रूप से लिखा है कि हम केंद्र की गाइडलाइन का पालन करेंगे और इसलिए नए साल पर भीड़ और पार्टी के समय को लेकर सभी तरह की पाबंदियां हटा दी गई हैं।' डीएम ने आगे कहा कि लोगों को पूरे समय मास्क लगाना जरूरी होगा, साथ ही होटल व्यवसायियों को सोशल डिस्टेंसिंग का उचित पालन कराना होगा और किसी भी तरह की कोताही के लिए आयोजक जिम्मेदार होंगे। 'टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए अच्छा फैसला'फैसले का स्वागत करते हुए मसूरी के होटल व्यवसायियों ने कहा कि यह टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए अच्छा फैसला है और वे हर तरह के कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए तैयार हैं। हालांकि ताजा ऑर्डर अभी उन तक नहीं पहुंचा है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के संदीप साहनी ने कहा, 'हमें प्रशासन की तरफ से जारी नई दिशा-निर्देश के बारे में अभी पता नहीं है।' उधर, मसूरी में क्रिसमस के अगले दिन रविवार को पर्यटकों का हुजूम देखने को मिला।


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Uttrakhand News: 'CM धामी मेरे छोटे भाई, BJP की ही बनेगी सरकार...' दूर हो गई हरक सिंह रावत की नाराजगी

महेश पाण्डेय, देहरादूनउत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने इस्तीफे से जुड़ी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना छोटा भाई बताया। हरक सिंह रावत ने कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि अगले साल विधानसभा चुनाव में धामी के नेतृत्व में बीजेपी राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटे। इससे पहले, रावत ने शनिवार को धामी के आवास पर उनके साथ छह घंटे बैठक की थी। दोनों ने डिनर साथ किया था। रावत शुक्रवार को गुस्से में कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद उनके इस्तीफे की अटकलें लगने लगी थीं। एक वीडियो मैसेज में रावत ने कहा, ‘छोटे भाई पुष्कर पूरे मनोयोग से युवा, महिला, अनुसूचित जाति, पर्वतीय लोगों के काम कर रहे हैं। मेरा उन्हें आशीर्वाद है कि उनके नेतृत्व में बीजेपी पूरे बहुमत से फिर सरकार बनाए।’ रावत ने धामी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके हर बुरे वक्त में एक छोटे भाई की तरह उनका पूरा सहयोग किया। उनके बारे में कोई कुछ भी कहे पर उनका 35 साल का सियासी अनुभव कहता है कि वे कहीं गलत नहीं है। उनके दिल में दया है। वीडियो में हरक ने कहा कि भले ही कोटद्वार से चुनाव लड़ूं या ना लडूं लेकिन मेरी कोशिश थी कि कोटद्वार को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलनी चाहिए। लेकिन जब इसको लेकर बात आगे नहीं बढ़ रही थी तो मेरी नाराजगी बढ़ गई। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के देहरादून दौरे से पहले मंत्री हरक की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी नेताओं ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए 25 करोड़ की धनराशी जारी करने के आदेश भी कर दिया। रूठने के बाद हरक अपने आवास के बजाय आईटी पार्क के पास एक होटल में रहने चले गए थे। पार्टी नेता और मंत्री उनसे मुलाकात करने उनके आवास पर चक्कर काटते रहे लेकिन उनका पता नहीं चल पाया था। इस दौरान हरक सिंह से संपर्क की कोशिश में जुटे प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा ने मंत्री हरक सिंह को हरिद्वार बाईपास में उनके यलो रेस्तरां में स्पॉट किया गया। ये सभी उनको समझा बुझा कर सीएम आवास ले गए। यहां धामी और हरक रावत ने डिनर पर बात की। यह मुलाकात करीब 3 घंटे तक चली थी।


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Uttarakhand Assembly Election: योगी सरकार की राह चले धामी, ज्योतिर्मठ का नाम अब जोशीमठ होगा

देहरादून उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी भी उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार की राह पर चल पड़े हैं। उन्‍होंने भी नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। धामी सरकार ने राज्य के का नाम बदलने का ऐलान कर दिया है, इस मठ को अब के नाम से जाना जायेगा। रविवार को चमोली जिले के नंदानगर में आयोजित पार्टी के विजय संकल्प रैली में उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री ने ऐलान किया कि जोशीमठ का नाम अब ज्योतिर्मठ होगा। चुनावी मौसम को देखते हुए इस नामकरण को राज्य के पुरोहित और ब्राह्मण समाज के वोटरों से जोड़कर देखा जा रहा है। सीएम धामी ने थराली के पूर्व विधायक मगन लाल शाह के नाम पर थराली में एक कॉलेज बनाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने भाषण में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुये कहा क‍ि आज उन वाजपेयी जयंती है जिन्होंने पीएम रहते हुये हमें उत्तराखंड दिया और आज पीएम मोदी के आत्मीय लगाव से उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है। धामी ने भाजपा की नन्दानगर में आयोजित भाजपा विजय संकल्प रैली में कहा कि मोदी के निर्देशन और राज्य के मुख्य सेवक के रूप में हमारा संकल्प है कि जब हम राज्य की स्थापना का 25 वां स्थापना दिवस मनायेंगे। ज्योतिर्मठ की मान्‍यता क्‍या है?कहा जाता क‍ि है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने ज्योतिर्मठ में ही ज्ञान प्राप्त किया था और इसके बाद आदिगुरु शंकराचार्य ने भारत के चारों कोनों में चार मठों की स्थापना की थी। इसमें से एक मठ ज्योतिर्मठ भी है जहां शंकर भाष्य की रचना की थी।


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महिलाओं की विवाह योग्य आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करना प्रगतिशील कदम : नड्डा

देहरादून, 26 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को ‘प्रगतिशील’ करार दिया और इस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की।

नड्डा ने कहा कि इस निर्णय के लिए महिलाओं की सराहना उनके सशक्तिकरण के लिए और कदम उठाने के पार्टी के संकल्प को मजबूत करती है। महिलाओं द्वारा प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में नड्डा ने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया एक बहुत ही प्रगतिशील निर्णय है। महिलाओं के लिए विवाह योग्य आयु 18 से बढ़ाकर 21 करना और उन्हें पुरुषों के बराबर लाना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।’’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह ऐसा निर्णय है जो भारत में महिलाओं की विवाह योग्य उम्र के बहुत कम होने को लेकर स्वास्थ्य संगठनों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करता है।

महिलाओं की विवाह योग्य आयु बढ़ाने का विधेयक शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था और इसे जांच के लिए संसदीय समिति के पास भेजा गया है। राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों की समीक्षा के लिए यहां आए नड्डा ने 41 विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी और विस्तारकों से भी बात की और अपने-अपने क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।



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उत्तराखंड: दलित छात्रों ने अजा. की बावर्ची को हटाने के विरोध में मध्याह्न भोजन खाने से इनकार किया

पिथौरागढ़, 26 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के चंपावत जिले के एक सरकारी स्कूल में दलित छात्रों ने अनुसूचित जाति की बावर्ची को बर्खास्त किए जाने के बाद अगड़ी जाति की एक महिला द्वारा बनाया गया मध्याह्न भोजन खाने से इनकार कर दिया।

हालांकि, जिला प्रशासन ने रविवार को कहा कि दोनों समुदायों के सदस्यों के बीच आम सहमति के बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है।

चंपावत के जिला मजिस्ट्रेट विनीत तोमर ने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि दलित छात्र कल से नयी भोजन माता (रसोइया) द्वारा तैयार खाना फिर से खाना शुरू करेंगे।''

सुखीडांग में एक सरकारी इंटर कॉलेज में एक दलित बावर्ची को तब बर्खास्त कर दिया गया था, जब छठी से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अगड़ी जाति के 43 बच्चों ने उसके द्वारा पकाया हुआ खाना खाने से इनकार कर दिया था।

चंपावत शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने हालांकि उसे नौकरी से हटाए जाने का कारण नियुक्ति में प्रक्रियागत चूक को बताया था।

उसके बाद दलित महिला की जगह अगड़ी जाति की महिला को काम पर रखा गया था।

इसके जवाब में विद्यालय 23 दलित छात्रों ने नयी बावर्ची द्वारा बनाया गया भोजन खाने से इनकार कर दिया।

तोमर ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और एक सप्ताह में रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

दलित बावर्ची को हटाने की खबरें सामने आने के बाद कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि उनकी उनकी पार्टी महिला के संवैधानिक अधिकारों को बहाल करने के लिये एक अभियान शुरू करेगी।

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यदि दलित महिला को वापस काम पर नहीं रखा गया तो उनका संगठन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का घेराव करेगा।



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पुष्कर धामी मेरे छोटे भाई हैं: हरक रावत

देहरादून, 26 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने इस्तीफे संबंधी अटकलों पर विराम लगाते हुए रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके छोटे भाई हैं, जिन्होंने हर परिस्थिति में उनका साथ दिया।

रावत ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि अगले साल विधानसभा चुनाव में धामी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटे।

इससे पहले, रावत ने शनिवार को धामी के आवास पर उनके साथ छह घंटे बैठक की थी। दोनों ने रात का भोजन साथ किया था।

रावत शुक्रवार को गुस्से में मंत्रिमंडल की बैठक छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद उनके इस्तीफे की अटकलें लगने लगी थीं।

सूत्रों ने बताया कि रावत बैठक छोड़कर इसलिए चले गए, क्योंकि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने से नाराज थे।

भाजपा नेता एवं विधायक उमेश शर्मा काऊ को जिम्मेदारी दी गई थी कि वह रावत को इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाएं। काऊ ने शनिवार को कहा था कि मंत्री की शिकायत को दूर कर दिया गया है और ‘‘कोई कहीं नहीं जा रहा है।’’

रावत ने वीडियो में कहा, ‘‘पुष्कर मेरे छोटे भाई हैं, जो हर परिस्थिति में मेरे साथ रहे हैं। मैं एक बड़े भाई के तौर पर उन्हें आशीर्वाद देता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि उनके नेतृत्व में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में फिर से सत्ता में लौटे।’’

उन्होंने कहा कि धामी प्रदेश के लोगों और दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों के लिए निष्पक्ष तरीके से ईमानदारी से काम कर रहे हैं।

रावत ने कहा, ‘‘उनके रूप में राज्य को पहली बार ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जिसके दिल में गरीबों, युवाओं एवं महिलाओं के लिए सहानुभूति है।’’

रावत से शनिवार को मुलाकात करने से पहले धामी ने कहा था कि मंत्री की शिकायत‘‘परिवार का मामला’’ है और इसका जल्द समाधान निकाल लिया जाएगा।

धामी ने रावत का कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज संबंधी प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और उन्होंने सोमवार को परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी करने पर सहमति जताई।



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Uttarakhand Bhojanmata Vivad: अब दलित बच्चे नहीं खा रहे सवर्ण कुक का खाना, स्कूल में भोजनमाता पर क्यों छिड़ी जंग, पूरा विवाद जानिए

चंपावत उत्तराखंड के एक सरकारी स्कूल में दलित महिला को भोजनमाता नियुक्त करने के विवाद में नया मोड़ आ गया है।अब इसी स्कूल के दलित विद्यार्थियों ने ऊंची जाति की कुक का बनाया खाना खाने से इनकार कर दिया है। मामला चंपावत जिले के राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग का है। यहां अनुसूचित जाति की महिला को भोजनमाता नियुक्त करने के बाद सवर्ण छात्र-छात्राओं ने भोजन करने से इनकार कर दिया था। 'हम भी सवर्ण कुक के हाथ का खाना नहीं खाएंगे' दरअसल स्कूल के बच्चे दलित भोजनमाता को निकाले जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम सिंह की तरफ से शिक्षा विभाग को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि बच्चों के बीच इस तरह की चर्चा है कि अगर दलित कुक के पकाए भोजन से सामान्य वर्ग के छात्र नफरत करते हैं तो वे भी सामान्य वर्ग के कुक के हाथों से बना खाना नहीं खाएंगे। अब 23 दलित बच्चों ने खाना खाने से किया इनकार मिली जानकारी के अनुसार स्कूल में मौजूद 58 छात्र-छात्राओं में से अनुसूचित जाति के 23 बच्चों ने शुक्रवार को सवर्ण भोजनमाता के हाथों बना खाना खाने से इनकार कर दिया। मामले के सार्वजनिक होने के बाद शिक्षा विभाग ने इसकी जांच की जिम्मेदारी एडी बेसिक अजय नौटियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित और बीईओ अंशुल बिष्ट की टीम को दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं के DIG नीलेश आनंद भरने को घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब इस मामले में टनकपुर के एसडीएम हिमांशु काफलतिया से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, 'जिलाधिकारी ने एक कमिटी बनाई है, जो मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। इसके अलावा हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नियमों का पालन करते हुए भोजनमाता की नियुक्ति हो।' 13 दिसंबर को दलित भोजनमाता की नियुक्ति के बाद विवाद 230 छात्र-छात्राओं वाले इस स्कूल में 13 दिसंबर को दलित भोजनमाता की नियुक्ति हुई थी। लेकिन इसके अगले ही दिन कुछ सवर्ण छात्रों ने दलित भोजनमाता के हाथ का बना खाना खाने से इनकार कर दिया। चंपावत जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित मामले में कदम उठाते हुए भोजनमाता की नियुक्ति को अवैध बताते हुए उसे बर्खास्त कर दिया। पैरंट्स-टीचर असोसिएशन ने आरोप लगाया था कि बिना उप शिक्षा अधिकारी की मंजूरी लिए भोजनमाता की नियुक्ति हुई थी। उसी के बाद से ये मामला सुर्खियों में है। इलाके के ग्रामीण जातीय आधार पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं। दलित प्रधान के विरोध में उतरे ग्रामसभा सदस्य शनिवार को इस घटना को लेकर ग्रामसभा के सदस्यों में जातीय तनाव देखा जा रहा है। उच्च जाति के पांच ग्रामसभा सदस्यों ने गांव के दलित प्रधान का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया है। ग्रामसभा सदस्यों का कहना है कि फैसले करते वक्त प्रधान उनसे सलाह नहीं ले रहे थे। इसके बाद चंपावत जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की। समझाने-बुझाने के बाद ग्रामसभा के सदस्यों ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। (टाइम्स ऑफ इंडिया संवाददाता प्रेम पुनेठा से मिले इनपुट के साथ)


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शनिवार, 25 दिसंबर 2021

Harak Rawat: हरक रावत की इस्तीफे की अटकलों पर बोले धामी- यह परिवार का मामला है, हम साथ बैठक कर मामले को सुलझा लेंगे

देहरादून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने मंत्रिमंडल सहयोगी हरक सिंह रावत (harak singh rawat) के इस्तीफे को लेकर लग रही अटकलों को विराम देने की कोशिश करते हुए शनिवार को कहा कि यह ‘परिवार का मामला’ है और जल्द समाधान निकाल लिया जाएगा। रावत की नाराजगी के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर धामी ने कहा, ‘यह परिवार का मामला है, हम साथ बैठक कर मामले को सुलझा लेंगे।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह स्वभाविक है कि व्यक्ति अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के बारे में सोचे। हम अपने लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जो भी होगा उसे गंभीरता से विचार कर सुलझा लिया जाएगा।’ रावत इस्तीफा देंगे या नहीं इसको लेकर पैदा हुए संशय के बाद भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ (Umesh Sharma) को जिम्मेदारी दी गई कि वह रावत को इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाए। काऊ ने कहा कि कैबिनेट मंत्री की शिकायत को दूर कर लिया गया है और ‘कोई कहीं नहीं जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री धामी के हस्तक्षेप के बाद मामले को सुलझा लिया गया है। काऊ ने बताया कि रावत के उनके निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है और भरोसा दिया गया है कि परियोजना के लिए जल्द ही बजट आवंटित किया जाएगा। जब यह पूछा गया कि क्या रावत इस्तीफा नहीं देने पर सहमत हो गए हैं तो रायपुर से विधायक काऊ ने कहा, ‘कोई कहीं नहीं जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हम भाजपा के सच्चे सैनिक की तरह काम करेंगे।’ उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक (Madan Kaushik) ने भी अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘सब कुछ ठीक है, कोई इस्तीफा नहीं दे रहा।’ उल्लेखनीय है कि रावत शुक्रवार की रात मंत्रिमंडल की बैठक बीच में ही छोड़कर चले आए थे, जिससे कयास लगने लगे थे कि वह धामी सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, रावत ने नाराज होकर मंत्रिमंडल की बैठक बीच में छोड़ दी थी, क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार (Kotdwar) में चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के उनके प्रस्ताव को मंत्रिमंडल मंजूरी नहीं दे रहा था। काऊ के इस्तीफे की भी चर्चा चल रही थी, लेकिन उनके विधायक बेटे गौरव शर्मा ने इसका खंडन करते हुए शुक्रवार रात को कुछ टीवी चैनलों पर चली ऐसी खबरों पर आश्चर्य व्यक्ति किया। गौरतलब है कि रावत और काऊ उन 10 विधायकों में शामिल हैं, जो वर्ष 2016 में हरीश रावत (Harish Rawat) के खिलाफ बगावत कर भाजपा में शामिल हुए थे। रावत धामी मंत्रिमंडल में वन मंत्री हैं।


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ढोल पीटते आत्मविश्वास से लबरेज हरीश रावत दिल्ली से लौटे

देहरादून, 25 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मंजूरी के साथ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शनिवार को ढोल पीटते हुए यहां पहुंचे।

रावत के काफिले में उनकी कार की छत पर ड्रम रखा गया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के महासचिव मथुरा दत्त जोशी के अनुसार रावत का यह काफिला झबरेड़ा, मंगलौर, रुड़की, लक्सर, रानीपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश, डोईवाला, रायपुर और धर्मपुर सहित 10 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरा।

रावत ने अपनी भाव भंगिमा से आत्मविश्वास प्रदर्शित किया और कई मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी रावत के साथ थे। यहां पहुंचने के तुरंत बाद रावत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें राहुल गांधी ने राज्य में पार्टी के अभियान का नेतृत्व करने के लिए कहा है, जिसमें हर कोई उनकी सहायता करेगा।

उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भी भाजपा पर हमला किया और कहा कि भगवा पार्टी को बेनकाब करने के लिए ‘‘भाजपाई ढोल की पोल खोल’’ नाम से उनका अभियान अब पूरे जोर शोर से चलाया जाएगा और वह भाजपा की ‘‘नाकामियों’’ को सामने लाने के लिए कई चुनावी बैठकें करेंगे।

हाल में रावत ने ट्वीट कर पार्टी नेताओं के असहयोग के कारण संगठन को लेकर अपनी नाखुशी व्यक्त की थी, जिसके बाद पीसीसी के शीर्ष पदाधिकारियों को आलाकमान ने दिल्ली बुलाया था।

रावत, गोदियाल, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह और उत्तराखंड में पार्टी मामलों के एआईसीसी प्रभारी देवेंद्र यादव दिल्ली गए थे और उन्होंने राहुल गांधी के साथ बैठक की, जिन्होंने रावत को खुली छूट देते हुए मामले को सुलझा लिया।

नाम नहीं छापने का अनुरोध करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यहां कहा कि यादव के बहुत अधिक हस्तक्षेप करने से रावत नाराज थे।



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कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और मनीष तिवारी के तंज पर हरीश रावत का पलटवार, कहा- दोनों अपने मालिक की भाषा बोल रहे

देहरादून उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री प्रभारी ने पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और मनीष तिवारी के तंज का जवाब दिया है। हरीश रावत ने कहा कि मैं उनकी शुभकामनाएं स्वीकार करता हूं। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन्हें अभी भी लग रहा है कि उन्‍होंने कांग्रेस छोड़कर गलती की है। उन्‍होंने कहा कि मनीष तिवारी सिर्फ अपने मालिक की भाषा बोल रहे हैं, क्योंकि अमरिंदर सिंह अपने मालिक की भाषा बोल रहे हैं। अमरिंदर सिंह ने बुधवार को उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रचार प्रमुख हरीश रावत पर निशाना साधा था। उन्होंने रावत को टैग करते हुए ट्वीट किया था, ‘आप जो बोते हैं, वही काटते हैं। भविष्य की योजनाओं (यदि कोई हो तो) के लिये शुभकामनाएं हरीश रावत जी।’ मनीष तिवारी ने भी हरीश रावत के बयान की चुटकी लेते हुए कहा था कि पहले असम, फिर पंजाब और अब उत्तराखंड, भोग (मृतक की अंतिम रस्म) पूरा ही डालेंगे, कोई कसर न रह जाए। तब हरीश रावत ने क्‍या कहा थाहरीश रावत ने हाल ही में एक के बाद एक कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने लिखा-चुनाव_रूपी_समुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! इसके बाद कयास लगाये जा रहे थे क‍ि हरीश रावत कांग्रेस छोड़ सकते हैं। इसके बाद कांग्रेस हाई कमान ने उन्‍हें शुक्रवार को दिल्‍ली बुलाया था। कहा जा रहा है क‍ि वे मान गये हैं और पार्टी उनके चेहरे पर ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।


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Harak singh rawat resignation: हरक सिंह रावत की नाराजगी पर बोले उत्तराखंड सीएम पुष्कार धामी-'यह परिवार का मामला है'

देहरादून उत्तराखंड बीजेपी में घमासान की खबरों के बीच मंत्री हरक सिंह रावत के पद छोड़ने की जानकारी सामने आई थी। बहरहाल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक ने ऐसी खबरों से इनकार करते हुए ऑल इज़ वेल कहा। इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यह उनके परिवार की बात है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरक सिंह के नाराज होने जैसी कोई बात नहीं है, उन्होंने कैबिनेट में अपनी बात रखी थी। हम उनकी बात का हल निकाल रहे हैं। यह परिवार का मामला है ऐसी कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। मेडिकल कॉलेज के लिए जारी करेंगे बजट पुष्कार धामी ने कहा कि हम हरक सिंह निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का समाधान ढूंढ रहे हैं। हम परियोजना के लिए बजट की घोषणा करेंगे। नाराज बताए जा रहे हरक सिंह रावत और को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मना लिया है। कल रात शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी इस बात को स्वीकारा था कि हरक सिंह रावत कैबिनेट से नाराज होकर चले गए थे। उनकी मांग पर सरकार ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए। सुबह उमेश शर्मा काऊ ने दिया बयान और बताया की हरक सिंह रावत की कोटद्वार मेडिकल कॉलेज की बात को स्वीकार कर लिया गया है। अब सब सामान्य है। आंखों में आंसू वाली सियासत इससे पहले हरक सिंह रावत जब कैबिनेट की बैठक से तमतमाए बाहर निकले तो उन्होंने अपनी भड़ास मीडिया कैमरे पर निकाली। भाजपा पर भिखारी बना देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई सालों से कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहा हूं। कई बार यह मुद्दा सरकार के सामने उठाया, लेकिन हमारी कहीं नहीं सुनी गई। हरक ने आरोप लगाया कि धामी सरकार कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज को लटका रही है। ऐसे में वे काम नहीं कर सकते। गुस्से में तमतमाए रावत कैमरे के सामने ही रोने लगे। अब वे इसी आंसू वाली सियासत को चुनावी मैदान में लेकर जाने वाले हैं, इतना तो तय है। साफ है, भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं हरक सिंह रावत के इस प्रकार पद छोड़ने की घोषणा से साफ है कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं है। पार्टी की ओर से अब तक उनके इस्तीफे से इंकार किया जा रहा है। हालांकि, माना यह जा रहा है कि हरक सिंह रावत चुनाव से पहले भाजपा को झटका दे सकते हैं। वे पुराने कांग्रेसी रहे हैं। वर्ष 2016 में उन्होंने कांग्रेस को झटका देकर भाजपा ज्वाइन कर लिया था। विधानसभा चुनाव 2017 में बड़ी जीत के बाद उन्हें इसका ईनाम भी मिला। अब एक बार फिर उनकी कांग्रेस में जाने के चर्चे हैं।


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कांग्रेस पर उठाए सवाल पर अमरिंदर ने ली थी मौज, अब हरीश रावत का पलटवार, कहा- कैप्टन को गलती का एहसास

देहरादून उत्तराखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ने पंजाब के पूर्व सीएम के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, हरीश ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसको लेकर अमरिंदर ने उनकी मौज ले ली थी। रावत ने कहा है कि अमरिंदर को कांग्रेस छोड़ने की गलती का एहसास है। हरीश रावत ने कहा, 'मैं अमरिंदर सिंह जी की शुभकामनाओं को स्वीकार करता हूं। मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं उन्हें भी एहसास हो रहा है कि कांग्रेस छोड़ना एक गलती थी। और मनीष तिवारी केवल अपने गुरु (अमरिंदर) की बातों का अनुसरण कर रहे हैं। जैसे खुद अमरिंदर अपने गुरु की बातों का पालन कर रहे हैं।' हालांकि रावत वे स्पष्ट नहीं किया कि वह कैप्टन अमरिंदर के किस गुरु का जिक्र कर रहे हैं। दरअसल, हरीश रावत ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि संगठन चुनाव में सहयोग का हाथ बढ़ाने की बजाय या मुंह फेर ले रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। हरीश रावत के इन आरोपों पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तंज कसते हुए ट्वीट किया। ट्वीट में अमरिंदर ने लिखा- आप जो बोएंगे वही काटेंगे। आपको भविष्य की कोशिशों के लिए शुभकामनाएं। गौरतलब है कि हरीश रावत के पंजाब प्रभारी रहते ही अमरिंदर और सिद्धू का विवाद खूब बढ़ा था। पंजाब प्रभारी बनते ही हरीश रावत ने नाराज होकर घर बैठे नवजोत सिंह सिद्धू को सक्रिय किया था। जिसके बाद से पंजाब कांग्रेस में दो धड़ा बन गया था। विवाद इतना बढ़ा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि हरीश रावत ने हाल ही में एक के बाद एक कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने लिखा-चुनाव_रूपी_समुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!


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Uttarakhand Election 2022: चुनाव से पहले समझ लें उत्तराखंड विधानसभा का गणित, किस पार्टी के हैं कितने विधायक, क्‍या कहती है सर्वे रिपोर्ट?

देहरादून उत्‍तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव () होने हैं, लेकिन उससे पहले राज्‍य की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और भाजपा में घमासान मचा हुआ है। पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता हरीश रावत जहां पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं तो वहीं सतारूढ़ पार्टी भाजपा के मंत्री हरक सिंह ने कैब‍िनेट की बैठक में ही इस्‍तीफा देने का ऐलान कर दिया। हालांक‍ि अब दोनों दल विवाद खत्‍म का होने दावा कर रहे हैं, लेकिन इससे यह तो स्‍पष्‍ट है दोनों दलों में अंदरुनी कलह की स्‍थ‍िति है। चुनाव से ठीक पहले एक नजर डालते हैं उत्तराखंड विधानसभा की गणित क्‍या कह रही, किस पार्टी के कितने विधायक हैं। किस पार्टी के कितने विधायक वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उससे पहले वहां कांग्रेस की सरकार थी। इस तरह देखें तो प्रदेश में भाजपा के कुल 56 विधायक हैं। प्रदेश में कांग्रेस के 10 विधायक ही हैं। इसे अलावा दो सीटों पर निर्दलीय जबक‍ि दो सीटें रिक्‍त हैं। एक सीट पर एंग्लो इंडियन समुदायक के नामित विधायक हैं। इस बार भी लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार भी मुख्‍य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही दिख रही है। प्रदेश के युवाओं को साधने के लिए भाजपा ने इस साल 4 जुलाई को पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बना दिया। जानकार मानते हैं क‍ि पार्टी को जातीय समीकरण साधने के लिए राजपूत चेहरे की जरूरत थी। इस लिहाज से भी पुष्कर सिंह धामी पार्टी के सभी मानकों पर फिट बैठे, इसलिए उन्‍हें पार्टी की कमान सौंपी गयी, और वे कम उम्र की सीएम हैं, बीजेपी युवाओं को साधने में लगी है। धामी दावा कर रहे हैं क‍ि इस बार बीजेपी में प्रदेश की 60 सीटें जीतेगी। इसके लिए वे कई जिलों की यात्रा भी कर रहे हैं। उधर कांग्रेस ने हरीश रावत की नाराजगी खत्‍म करने का दावा कर रही है। खबरों की मानें तो इस चुनाव भी वे कांग्रेस की तरफ से मुख्‍यमंत्री चेहरा वही होंगे। सर्वे के अनुसार प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्‍करएबीपी और सी वोटर द्वारा 13 नवंबर से 9 दिसंबर के बीच कराये गये सर्वे की रिपोर्ट भाजपा की परेशानी बढ़ा सकती है। सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड के 40 फीसदी वोटर बीजेपी के पक्ष में हैं तो वहीं कांग्रेस के पक्ष में करीब 36 फीसदी मतदाता है। इसके अलावा 13 फीसदी मतदाता आम आदमी पार्टी की तरफ है। अन्य के खाते में करीब 11 फीसदी मतदाताओं का झुकाव है। सर्वे में साफ है कि उत्तराखंड के चुनावी रण में असल मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस के बीच ही है। रिपोर्ट बताती है कि बीजेपी के खाते में 33 से 39 सीटें जाती हुई दिखाई दे रही है। इसके अलावा कांग्रेस के हिस्से में 29 से 35 सीटों का अनुमान जताया जा रहा। 1-3 सीटें आप के खाते में, जबकि अन्य के खाते में 0-1 सीट जाने का अनुमान है।


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शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रचार अभियान की अगुवाई करुंगा: हरीश रावत ने राहुल से मुलाकात के बाद कहा

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच गतिरोध समाप्त होने का संकेत देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व करेंगे और पार्टी आला कमान के फैसले सभी को स्वीकार्य होंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को रावत से तथा प्रदेश कांग्रेस के अन्य नेताओं से मुलाकात कर मतभेदों को सुलझाने का प्रयास किया। दो दिन पहले ही रावत ने विद्रोह का संकेत देते हुए कहा था कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें अलग-थलग छोड़ दिया है।

राहुल गांधी से मुलाकात करके निकल रहे रावत ने कहा, ‘‘हम नेतृत्व के सामने अपनी समस्याओं को रखते हैं और वे जो भी फैसले लेते हैं, उन्हें स्वीकार करते हैं।’’

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उत्तराखंड चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभालूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कदम कदम बढ़ाये जा, कांग्रेस के गीत गाये जा।’’ रावत ने कहा कि वह उत्तराखंड के भले के लिए काम करते रहेंगे।

रावत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को निर्वाचित विधायकों से बात करने के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता पर फैसला करने का विशेषाधिकार है।

उन्होंने कहा कि सब इसका सम्मान करते हैं और सभी कांग्रेस अध्यक्ष के फैसले को मानेंगे।

इससे पहले राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल से मुलाकात की। प्रदेश इकाई में उभरे गतिरोध के दौरान गोदियाल को रावत के साथ खड़े देखा गया। समझा जा रहा है कि रावत चाहते हैं कि उन्हें राज्य में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जाए, लेकिन राहुल गांधी ने कहा है कि चुनाव के बाद निर्णय लिया जाएगा।

राहुल गांधी ने कांग्रेस के उत्तराखंड के प्रभारी देवेंद्र यादव से भी मुलाकात की। माना जाता है कि यादव के साथ रावत के संबंध ठीकठाक नहीं हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने राज्य से पार्टी के अन्य नेताओं से भी मुलाकात की, जिनमें राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह, पार्टी नेता यशपाल आर्य और उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय शामिल रहे।

बैठक में स्पष्ट किया गया कि चुनाव के बाद कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा, इस बारे में फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी।

यादव ने कहा कि बैठक में तय हुआ कि मुख्यमंत्री के बारे में फैसला बाद में किया जाएगा। गोदियाल ने कहा कि रावत को जैसा परिवेश चाहिए होगा, बनाया जाएगा और सब उनका समर्थन करेंगे।



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‘मुख्यमंत्री पद पर धामी की नियुक्ति के सकारात्मक नतीजे आए, विस चुनाव में करेंगे नेतृत्व’

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) चुनावी राज्य उत्तराखंड में कांग्रेस जहां नेताओं की आपसी गुटबाजी में उलझी हुई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है क्योंकि उसके केंद्रीय नेताओं को लगता है कि मुख्यमंत्री के रूप में युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी की नियुक्ति ने कुछ ही महीनों में दो बार मुख्यमंत्री बदलने से पैदा हुई नकारात्मक स्थिति की काट में मदद पहुंचाई।

केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा विधानसभा का अगला चुनाव धामी के ही नेतृत्व में लड़ेगी और 2022 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद वही राज्य की कमान संभालेंगे।

भाजपा के केंद्रीय नेता भी धामी की तारीफ के पुल बांध रहे हैं। पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी के प्रदर्शन की तुलना भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टी-20 मैचों में शानदार बल्लेबाजी के प्रदर्शन से की थी और जनता से उन्हें पूरे पांच साल के लिये मौका देने की अपील की थी।

पिछले दिनों उत्तराखंड में एक रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था कि धोनी जिस तरह टी-20 में धुआंधार बल्लेबाजी करते हैं, वैसा ही धुआंधार प्रदर्शन धामी भी कर रहे हैं और उन्हें ‘‘पूरे पांच साल तक’’ टेस्ट मैच का मौका मिलना चाहिए।

भाजपा महासचिव व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम से इस बारे में जब बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा विधानसभा का आगामी चुनाव धामी के नेतृत्व में लड़ेगी। बहुत कम समय में उन्होंने विभिन्न कदम उठाए हैं और राज्य में विकास की गति को रफ्तार दी है।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक युवा राज्य में एक युवा को मुख्यमंत्री बनाया है, जबकि कांग्रेस बंटी हुई है और उसमें चेहरे को लेकर आपसी खींचतान मची हुई है, वह भी विधानसभा चुनाव से पहले।

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रभावी प्रशासन और खासकर कुछ ही महीनों के भीतर दो बार मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद धामी ने जिस तरह से राजनीतिक स्थिति को संभाला, पार्टी में उनकी स्थिति मजबूत हुई है।

उक्त नेता ने कहा, ‘‘धामी ने जिस तरीके से राजनीतिक स्थितियों का प्रबंधन किया और वरिष्ठ नेताओं के साथ सामंजस्य बिठाया, इससे भाजपा फिर से मजबूत स्थिति मे आ गई है और सरकार बनाने की संभावना बढ़ गई है।’’

ज्ञात हो कि धामी इस साल जुलाई में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। वह राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने तीरथ सिंह रावत का स्थान लिया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद तीरथ सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन चार महीने के भीतर ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।

पार्टी नेताओं का कहना है कि उत्तराखंड की राजनीति में मुख्य तौर पर दो केंद्र हैं। कुमाऊं और गढ़वाल। धामी ने अभी तक के अपने कार्यकाल में दोनों ही क्षेत्रों का लगातार दौरा किया है और एक सामंजस्य बिठाने की कोशिश की है।

भाजपा के कई नेता पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह चुनावों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे और उम्मीदवारों के चयन में उन्हें महत्व दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह हल्द्वानी में एक रैली को संबोधित कर सकते हैं।



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चुनाव टालने के सुझाव पर सुशील चंद्रा ने कहा : अगले हफ्ते के उप्र दौरे के बाद उचित फैसला

देहरादून, 24 दिसंबर (भाषा) ओमीक्रोन के कारण कोविड की तीसरी लहर की आशंका के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टालने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुझाव के एक दिन बाद, मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को कहा कि अगले सप्ताह उनकी उप्र की यात्रा के बाद इस मुद्दे पर कोई उचित फैसला किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने उच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर यहां पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में संवाददाताओं से कहा, "मैं अगले हफ्ते उत्तर प्रदेश का दौरा करूंगा। स्थिति की समीक्षा करने के बाद स्थिति के अनुरूप उचित फैसला किया जाएगा।"

चंद्रा से पूछा गया था कि क्या चुनाव स्थगित करना संभव है क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जतायी है।

चंद्रा ने उत्तराखंड की स्थिति पर कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव एसएस संधू से राज्य में ओमीक्रोन के मामलों के बारे में पूछा था और उन्हें बताया गया कि राज्य में कोविड -19 के नवीनतम स्वरूप का केवल एक मामला था।

चंद्रा ने कोविड के कारण आयोग द्वारा उठाए गए विभिन्न सुरक्षा उपायों का भी जिक्र किया लेकिन यह आश्वासन भी दिया कि वायरस के प्रसार पर काबू पाने के लिए “संवैधानिक स्थिति” के अनुसार जो कुछ भी आवश्यक होगा, वह किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने तथा चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह किया है।



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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने दलित वर्ग की रसोइया को ‘हटाने’ के मामले की जांच के आदेश दिये

देहरादून, 24 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के सरकारी स्कूल में दलित वर्ग की एक महिला रसोइया को कथित तौर पर हटाए जाने के मामले की जांच के आदेश दिये। अगड़ी जाति के छात्रों ने महिला द्वारा पकाया गया खाना खाने से इनकार कर दिया था।

धामी ने कुमाऊं के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) नीलेश आनंद भरने से सुखीढांग में स्कूल का दौरा कर घटना की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि डीआईजी को घटना के बारे में अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने को भी कहा गया है।

इस महीने की शुरुआत में ‘भोजनमाता’ के रूप में नियुक्ति के एक दिन बाद अगड़ी जाति के छात्रों ने महिला की जाति के कारण उनके द्वारा बनाया गया भोजन ग्रहण करना बंद कर दिया और घर से अपना खाना टिफिन बॉक्स में लाना शुरू कर दिया। छात्रों के अभिभावकों ने भी ‘भोजनमाता’ के रूप में दलित वर्ग की महिला की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी।

अधिकारियों ने पूर्व में कहा कि महिला की नियुक्ति रद्द कर दी गई क्योंकि यह पाया गया कि नियुक्ति में मानदंडों का पालन नहीं किया गया था।



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हरिद्वार में धर्म संसद में नफरत भरे भाषण दिये जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज

देहरादून, 24 दिसंबर (भाषा) हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के सिलसिले में जितेन्द्र नारायण त्यागी एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह जानकारी शुक्रवार को पुलिस ने दी।

इस महीने की शुरुआत में धर्म परिवर्तन करने के बाद हिंदू बने त्यागी एवं अन्य वक्ताओं पर आरोप है कि पिछले हफ्ते आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अत्यंत भड़काऊ भाषण दिए और इसके कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर डाले गए हैं। हिंदू बनने से पहले त्यागी का नाम वसीम रिजवी था।

हरिद्वार कोतवाली थाने के एसएचओ रकिंदर सिंह ने कहा कि भादंसं की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके के एक निवासी की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप साझा किए जाने के बारे में पूछने पर अधिकारी ने कहा कि पुलिस के पास अभी तक घटना की कोई फुटेज नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक वरिष्ठ नेता ने बृहस्पतिवार को कार्यक्रम के आयोजकों एवं वक्ताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की थी। पिछले हफ्ते हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में तीन दिनों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ था।

टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने ज्वालापुर थाने में इस सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई और एसएचओ से कहा कि मामले में 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज की जाए।

गोखले ने शिकायत की प्रति ट्विटर पर साझा की और धर्म संसद के आयोजकों तथा कार्यक्रम में मुसलमानों एवं अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वालों को 27 दिसंबर तक गिरफ्तार करने की समय सीमा दी थी।

एसएचओ को दी गई शिकायत में गोखले ने कहा कि इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ अगर 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है, तो न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दी जाएगी।

कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ एवं उत्तेजक भाषण दिए और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने लोगों से हथियार उठाने और एक पूर्व प्रधानमंत्री को गोली मारने की भी अपील की।

धर्म संसद का कथित तौर पर आयोजन जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरि ने की थी, जिन पर विगत में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने और हिंसा भड़काने के आरोप हैं।



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गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

Uttarakhand election: उत्तराखंड में कांग्रेस की 'संकट मोचन' बनीं प्रियंका गांधी, बगावती हरीश रावत से की बात, मनाया

देहरादून उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत के तल्‍ख तेवरों के बाद कांग्रेस हाईकमान डैमेज कंट्रोल में जुट गया। बगावती हुए हरीश रावत के अचानक सुर बदल गए। इसके पीछे प्रियंका गांधी का हाथ बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बिगड़ते हालात में प्रियंका गांधी ने कमान संभाली, हरीश रावत से बात की और उन्हें मना लिया। इस तरह प्रियंका गांधी एक बार फिर से कांग्रेस के लिए संकट मोचन बनीं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को तीन कड़े ट्वीट किए। 'समुद्र में तैरना है, हाथ बंध गए हैं, सोच रहा हूं कि समुद्र में उतरूं कि नहीं, विश्राम करूं'। एक तरह से बेबसी व्यक्त करने वाले इन ट्वीट से साफ जाहिर हुआ कि रावत के सम्मान को ठेस लगी है। प्रियंका ने की बात पार्टी के दिग्गज और उत्तराखंड अभियान समिति के प्रमुख हरीश रावत को फ्री हैंड नहीं देने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधने के एक दिन बाद, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को उनसे बात की। 'कैप्टन जैसी हालत करने का प्रयास' हरीश रावत के करीबी कह रहे हैं कि उन्हें पंजाब प्रभारी के तौर पर कैप्टन अमरिंदर की विदाई के लिए यूज भर किया गया, लेकिन अब उनकी भी हालत कैप्टन जैसी करने की कोशिशों में पार्टी के ही कुछ लोग लगे हुए हैं। नाराजगी इस बात की भी है कि राज्य में दो रैलियों में रावत के पोस्टर कुछ लोगों ने हटवा दिए। उनमें एक रैली में देवेंद्र यादव भी मौजूद थे। हरीश रावत चाहते हैं घोषित हो सीएम का चेहरा पार्टी सूत्रों का कहना है कि रावत विधानसभा चुनाव में सीएम का चेहरा बनना चाहते हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व इससे बचना चाहता है। इसलिए कि अन्य नेता नाराज न हो जाएं। रावत समर्थकों का मानना है कि रावत को फेस नहीं बनाया गया, तो चुनाव कांग्रेस बनाम मोदी हो जाएगा। रावत बनाम धामी होने पर ही कांग्रेस जीत सकती है। प्रियंका से हुई फोन पर बात सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी से बात होने के बाद हरीश रावत के तेवर ठंडे पड़ गए। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मेरा ट्वीट रोजमर्रा जैसा ही ट्वीट है, मगर आज अखबार पढ़ने के बाद लगा कि कुछ खास है, क्योंकि भाजपा और आप पार्टी को मेरी ट्वीट को पढ़कर बड़ी मिर्ची लग गई है और इसलिए बड़े नमक-मिर्च लगाए हुए बयान दे रहे हैं।' दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात सूत्रों के मुताबिक, रावत टिकट बंटवारे को लेकर खफा हैं और पार्टी मामलों में अपनी बात रखना चाहते हैं। कांग्रेस ने रावत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है जो उनके समर्थकों की प्रमुख मांग है। शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले हैं। उत्तराखंड में शुरू हुई गुटबाजी उत्तराखंड कांग्रेस गुटबाजी से घिरी हुई है, जिसमें प्रीतम सिंह एक समूह का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि हरीश रावत दूसरे खेमे में हैं। इसके अलावा राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का अपना समूह है। प्रीतम सिंह और उपाध्याय के नेतृत्व वाले रावत विरोधी खेमे ने पार्टी नेतृत्व से चुनाव से पहले सीएम चेहरे की घोषणा नहीं करने को कहा है, और इससे रावत नाराज हैं जो टिकट वितरण में उचित हिस्सा चाहते हैं। ...इसलिए उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए खास हैं हरीश रावत हरीश रावत के नए वार से उत्तराखंड में पार्टी के लिए परेशानी पैदा होने की उम्मीद है क्योंकि नारायण दत्त तिवारी और इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उनके पास रावत के अलावा कोई चेहरा नहीं है, जिनकी पूरे राज्य में उपस्थिति है।


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उत्तराखंड कांग्रेस प्रमुख ने अपनी भी भावना हरीश रावत के समान होने की बात कही

देहरादून,23 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के प्रचार प्रमुख द्वारा पार्टी संगठन पर उनसे सहयोग नहीं करने का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के प्रमुख गणेश गोडियाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता की भावनाओं को साझा करते हैं लेकिन यह एक संगठनात्मक विषय है जिसका हल एक-दो दिनों में पार्टी आलाकमान के साथ परामर्श कर किया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस समिति प्रमुख ने कहा कि राज्य के कांग्रेस नेता, पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए शुक्रवार को दिल्ली जाएंगे।

प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक ट्वीट में कहा था, ‘‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर कर खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’’

रावत के ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए गोडियाल ने कहा कि उनकी भी समान भावनाएं हैं।

उन्होंने रावत के ट्वीट में व्यक्त किये गये विचारों का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘मैं भी यह महसूस करता हूं। लेकिन मैं संबद्ध व्यक्ति को खुद को ठीक करने के लिए पर्याप्त समय देता हूं। ’’

उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन इस बात से अवगत है और ‘‘हमारे द्वारा उठाये गये मुद्दों का हल करने की प्रक्रिया जारी है।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि, यदि उनका पहले ही हल हो जाता तो इस तरह के ट्वीट नहीं किये जाते।

गोडियाल ने कहा, ‘‘हम पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से और जरूरत पड़ी तो राहुल गांधी से भी मिलेंगे तथा उनके समक्ष विषय को रखेंगे। मुझे उम्मीद है कि समाधान हो जाएगा।’’

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि रावत को दरकिनार करने के बारे में किसी का सोचना बेवकूफी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘उनके जैसा नेता, जिन्हें लोगों का स्नेह प्राप्त है और सभी को स्वीकार्य हैं, उत्तराखंड में किसी पार्टी में नहीं है। ’’

गोडियाल ने इस बात से इनकार किया कि पार्टी में कई गुट हैं। उन्होंने कहा,‘‘पूरी कांग्रेस हरीश रावत के साथ खड़ी है। पार्टी में कोई गुटबंदी नहीं है। ’’

उत्तराखंड में पार्टी मामलों के कांग्रेस प्रभारी से रावत के मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर गोडियाल ने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि सभी को साथ लेकर चलना पार्टी प्रभारी की जिम्मेदारी है।



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बुधवार, 22 दिसंबर 2021

Uttarakhand: पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखंड...हरीश रावत पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का तंज

देहरादूनकांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री () के बयान के बाद राजनीत‍िक गलियारों में बवाल बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां प्रदेश के दिग्‍गज कांग्रेसी नेताओं को पार्टी ने दिल्‍ली तलब किया है तो वहीं दूसरी (Manish Tewari) ने हरीश रावत पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है। वे लिखते हैं- पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखंड...भोग पूरा ही पाऊं गे, कसर न रह जावे कोई'। तिवारी इससे पहले पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिद्धू को लेकर भी कांग्रेस हाईकमान पर निशाने साधते रहे हैं। हरीश रावत ने क्‍या लिखा था?बुधवार 22 दिसंबर को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा था क‍ि है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। दिल्‍ली बुलाए गये कई नेताकांग्रेस विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल शपाल आर्य और हरीश रावत को शुक्रवार 24 दिसंबर को पार्टी ने नई दिल्‍ली बुलाया है। कयास लगाये जा रहे हैं क‍ि पार्टी इस बैठक में हरीश रावत को लेकर बड़े फैसले ले सकती है।


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Uttarakhand: हरीश रावत के ट्वीट के बाद उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज, प्रदेश के कई बड़े कांग्रेसी नेता दिल्‍ली तलब

देहरादून उत्‍तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) से पहले राजनीत‍िक उठापठक तेज हो गयी है। एक तरफ जहां दूसरे राजनीति‍क दल चुनाव की तैयारी में लगे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस दूसरी मुसीबतों का सामना कर रही है, और मुश्‍क‍िल बढ़ी पूर्व मुख्यमंत्री () के उस ट्वीट के बाद जिसमें उन्‍होंने संंगठन के कामकाज को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इसे लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल शपाल आर्य और हरीश रावत को शुक्रवार 24 दिसंबर को पार्टी ने नई दिल्‍ली बुलाया है। बुधवार 22 दिसंबर को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा था क‍ि है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। उन्‍होंने एक के बाद एक ट्वीट किए, जिसके बाद से प्रदेश की राजनीत‍ि में हलचल बढ़ गयी है। उन्‍होंने अपने अगले ट्वीट में कहा, 'सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं, मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए अब विश्राम का समय है।' कैप्टन अमरिंदर ने कहा- आप जो बोएंगे वही काटेंगेबुधवार को हरीश रावत के ट्वीट के बाद पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तंज कसते हुए ट्वीट किया। ट्वीट में अमरिंदर ने लिखा- आप जो बोएंगे वही काटेंगे। आपको भविष्य की कोशिशों के लिए शुभकामनाएं। हरीश रावत के पंजाब प्रभारी रहते ही अमरिंदर और सिद्धू का विवाद खूब बढ़ा था। पंजाब प्रभारी बनते ही हरीश रावत ने नाराज होकर घर बैठे नवजोत सिंह सिद्धू को सक्रिय किया था। जिसके बाद से पंजाब कांग्रेस में दो धड़ा बन गया था। विवाद इतना बढ़ा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।


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Omicron Cases In Uttarakhand: उत्तराखंड में म‍िला ओमीक्रोन का पहला मामला, स्कॉटलैंड से आई थी युवती

करन खुराना, देहरादून कोरोना वायरस का संक्रमण अब डराने लगा है। कोरोना वायरस के खतरनाक वेर‍िएंट 'ओमीक्रोन' ने (First case of ) उत्तराखंड में दस्तक दे दी है। बुधवार को ओमीक्रोन का पहला मामला राजधानी देहरादून में सामने आया। इसमें 23 साल की युवती ओमीक्रोन वायरस से संक्रमित मिली। देहरादून में कांवली रोड निवासी युवती हाल ही में विदेश से लौटी थी। उसमें ओमीक्रोन वायरस पाया गया है। महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया क‍ि 8 दिसंबर को एक युवती स्कॉटलैंड से वापस आई थी। इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर युवती की आरटीपीसीआर जांच की गई। इसमें युवती की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई। जांच रिपोर्ट आने के बाद युवती अपने माता-पिता के साथ देहरादून वापस आ गई। 12 दिसंबर को फिर से उस युवती की जांच की गई। इसमें उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। होम आइसोलेशन में है युवती युवती की जांच रिपोर्ट जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजी गई। इसमें आई.डी.एस.पी यूनिट की ओर से ओमीक्रोन वायरस की पुष्टि कर दी गई है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि जिला आई.डी.एस.पी यूनिट युवती के संपर्क में है और लगातार निगरानी रखी जा रही है। युवती होम आइसोलेशन में है। साथ ही युवती के माता-पिता का सैंपल भी भेज दिया गया है। मास्‍क और दो गज दूरी का करें पालन स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने कहा क‍ि राज्य में पहला केस मिलने के बाद राज्य के लोग परेशान और चिंतित न हो। मास्क जरूर पहने और दो गज की दूरी बनाए रखें। साथ ही भीड़ भाड़ वाली जगह में जाने से बचे।


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केंद्र में सत्ता पाने के लिए कांग्रेस को भी भाजपा की तकनीक अपनानी होगी : रावत

देहरादून, 22 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में वापसी चाहती है तो उसे भी अपने क्षेत्रीय नेताओं को मजबूत करने की भाजपा की तकनीक अपनानी होगी।

अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष रावत ने ‘टाइम्स नाउ नवभारत नवनिर्माण मंच’ द्वारा यहां आयोजित एक कानक्लेव में कहा कि भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अपने स्थानीय और क्षेत्रीय नेताओं को मजबूत किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें भी यही तकनीक अपनानी होगी जिससे राहुल गांधी 2024 में प्रधानमंत्री बन सकें।’’

रावत ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जीत की राह बनाने के लिए कांग्रेस को पहले राज्यों में भाजपा को हराना होगा। इस विचार के पीछे का तर्क स्पष्ट करते हुए रावत ने कहा कि यह राजनीति की उनकी समझ है।

उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा देखने के अलावा मतदाता अपना प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति को भी देखते हैं जिससे पांच साल के लिए जनता से वादे करने वाले को वे जवाबदेह बना सकें ।



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