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दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए साल के ढ़ाई हजार से अधिक वृक्षों के कथित कटान को लेकर दायर की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने प्राधिकरण से पूछा कि सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए क्या किसी और तरीके से वृक्षों के कटान की भरपाई की जा सकती है ।
अदालत ने प्राधिकरण से दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर वृक्षों को बचाने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में भी पूछा और उन्हें इस संबंध में 25 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा ।
जनहित याचिका में कहा गया है कि देहरादून के निकट राजाजी राष्ट्रीय पार्क का हिस्सा मोहंड एक जलागम क्षेत्र है और पूरी दून घाटी को साल भर पेयजल की आपूर्ति करता है ।
दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग इस क्षेत्र से सटा हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए सरकार द्वारा करीब 2500 वृक्ष काटे जा रहे हैं ।
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