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देहरादून उत्तराखंड में पहुंचना हो या हेमकुंट साहिब, आने वाले समय में इनकी यात्रा सुगम और किफायती हो सकती है। सरकार की योजना है कि इन जैसे प्रमुख धामों तक रोपवे की सुविधा शुरू की जाए। अभी केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सुविधा है। मगर कई लोगों के लिए यह महंगी होती है। नैशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आठ रोपवे लिंक शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश के तारा देवी मंदिर, हत्तू पीक, चुंजा ग्लेशियर, भारमणी मंदिर शामिल हैं। इन सभी के रोपवे लिंक की कुल मिलाकर लंबाई 42.5 किलोमीटर होने का अनुमान है। वहीं उत्तराखंड में तीन रोपवे लिंक शुरू करने योजना है, जिनकी कुल लंबाई 29 किलोमीटर होने की संभावना है। इनमें नैनीताल के हनुमान मंदिर के लिए 12 किलोमीटर लंबा रोपवे लिंक प्रस्तावित है। गोविंदघाट-घांघरिया-हेमकुंट के लिए 8.8 किलोमीटर का रोप वे प्रस्तावित है। वहीं सोनप्रयाग/गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर के लिए 8.5 किलोमीटर का रोपवे लिंक प्रस्तावित है। हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर सरकार से अपील की थी कि वे टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए और रोपवे लिंक शुरू करने की सोचें।
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