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सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नयी दिल्ली में बुधवार को मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी के इस संबंध में अनुरोध को स्वीकार करते हुए गडकरी ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए ।
इस राष्ट्रीय राजमार्ग के बन जाने से ऊधमसिंह नगर जिले का सीमान्त क्षेत्र खटीमा, चंपावत का सीमांत क्षेत्र टनकपुर एवं पिथौरागढ़ जिले का सीमांत क्षेत्र राष्ट्रीय मुख्य धारा से जुड़ पायेंगे। खटीमा मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है ।
इसके अलावा, पर्यटन की दृष्टि से चंपावत में स्थित प्रसिद्ध मॉ पूर्णागिरी धाम एवं पिथौरागढ़ जिले से होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यातायात सुगम हो जाएगा । इसके अलावा, क्षेत्र का आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक विकास भी तीव्र गति से होगा।
प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में खटीमा से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले तक बनाया जायेगा जो राष्ट्रीय राजमार्ग- 74 से पीलीभीत में मिलेगा । इस राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई लगभग 38 किमी होगी जिसका 13 किमी भाग उत्तराखंड में और 25 किमी भाग उत्तर प्रदेश में होगा ।
यह राष्ट्रीय राजमार्ग सितारगंज-टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राज मार्ग संख्या 125 (नई संख्या नौ) से खटीमा में जुड़ेगा।
इसमें से भी खटीमा से पीलीभीत की ओर 13 किमी लंबाई तक मार्ग पूर्व से ही निर्मित है । इस क्षेत्र में रुद्रपुर—सितारगंज— पीलीभीत, सितारगंज— खटीमा-टनकपुर—पिथौरागढ़ पूर्व से ही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हैं और पीलीभीत से खटीमा तक 38 किमी की लंबाई राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो जाने के बाद इस क्षेत्र के सभी मुख्य मार्ग राष्ट्रीय राजमार्गों की श्रेणी में आ जायेंगे।
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