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धामी ने कहा कि नेगी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को अपनी संस्तुति प्रेषित की जायेगी। लोकगायक को समाज का सफल नायक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश-दुनिया तक पहुंचाने का कार्य किया है।
धामी ने कहा कि उनके गीत राज्यवासियों को अपनी परंपराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं और उन्होंने गढ़वाल, कुमाऊं तथा जौनसार सहित पूरे उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है जिससे राज्य की अलग पहचान बनी है। धामी ने नरेंद्र सिंह नेगी के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘सृजन से साक्षात्कार’ का विमोचन भी किया।
उन्होंने इस मौके पर नेगी सहित प्रदेश के अन्य लोक संस्कृति के रचनाकारों तथा लोक गायकों जैसे मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी 'गिरदा', हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चंद्र सिंह राही के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर उन्हें पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्य सूचना विभाग या संस्कृति विभाग द्वारा किया जायेगा।
वहीं, नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि समाज के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का उनका प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका सदैव प्रयास रहा है कि अपने प्रदेश में रहकर अपने लोगों की दुश्वारियों और पीड़ा को समाज के सामने ला सकूं।
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