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देहरादून उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ चारधाम के तीर्थपुरोहितों का आंदोलन और तेज हो गया है। यह बोर्ड 2019 में राज्य सरकार की ओर से गठित किया गया था। केदारनाथ मंदिर के तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से खत लिखकर देवस्थानम बोर्ड को तत्काल रूप से भंग करने की मांग की। चारों धाम के तीर्थपुरोहित और मंदिर कमिटी के सदस्य 12 जून से बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर जानबूझकर लेटलतीफी और बोर्ड को खत्म करने के लिए कोई फैसला न लेने का आरोप लगाया। हाई लेवल कमिटी गठित करने के आदेश हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले में हाई लेवल कमिटी गठित करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सारे विवाद का हल होने तक देवस्थानम बोर्ड का काम रोका गया है। गुरुवार को केदारनाथ के तीर्थपुरोहितों ने केदार सभा के चेयरमेन विनोद शुक्ला के नेतृत्व में 58वें दिन भी मंदिर के सामने इकट्ठा हुए और नारेबाजी की। बीजेपी छोड़ रहे हैं पार्टी से जुड़े तीर्थपुरोहित आचार्य त्रिवेदी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को गठित कर राज्य ने अपना जिद्दी रवैया दिखाया है और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने आगे कहा, 'वे सभी पुजारी जो बीजेपी से जुड़े हुए हैं वे चरणबद्ध तरीके से पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।' प्रदर्शनरत तीर्थपुरोहितों ने राज्य सरकार पर चार धाम के तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं सुधारने के बजाय परंपरा को बदलने की कोशिश का आरोप लगाया। केदारनाथ के तीर्थपुरोहितों ने चेतावनी दी कि वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ रुद्रप्रयाग में 1 सितंबर से प्रदर्शन करेंगे।
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