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नौ हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासी ग्रामीणों का एक संगठन ‘मल्ला जौहर विकास समिति’ के अध्यक्ष श्री राम सिंह धर्मशक्तु ने कहा, "हमें इस साल अक्टूबर तक राशन मिलना है, लेकिन पिछले महीने भारी भूस्खलन के कारण मपांग और मल्ला जौहर मार्ग पर घोड़ा लौटाना में सड़क टूट जाने के बाद ठेकेदार ने आपूर्ति बंद कर दी।"
उन्होंने कहा कि बर्फू के जिस गोदाम पर 15 गांव अपने मासिक राशन के लिए निर्भर हैं, उसका स्टॉक खत्म हो गया है क्योंकि उसे पिछले महीने कोई आपूर्ति नहीं मिली थी।
बर्फू गांव के एक निवासी कुंदन सिंह ने कहा, "हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अगर खाद्यान्न की तत्काल आपूर्ति नहीं की गई तो हमें जल्द ही उनकी भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। जिन सड़कों से उन्हें लाया जाता है, वे टूटी हुई हैं, हम चाहते हैं कि राशन की आपूर्ति हेलीकॉप्टरों से की जाए।"
धर्मशक्तु ने कहा कि जिन गांवों को राशन की कमी का सामना करना पड़ सकता है उनमें लस्पा, बर्फू, बिल्जू, मापा, गंगहर, खिलंच, मिलाम टोला, मार्टोली और रालम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि लस्पा में 20 परिवार रह रहे हैं, जबकि अन्य गांवों में प्रत्येक में 15 से 20 परिवार हैं।
जिला प्रशासन ने कहा कि वह ग्रामीणों को समय पर राशन भेजेगा और आपूर्ति ठेकेदार के खिलाफ पहले ही लापरवाही का मामला दर्ज किया जा चुका है।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कहा, ‘‘मैंने मुनस्यारी के एसडीएम और पिथौरागढ़ के जिला आपूर्ति अधिकारी को ग्रामीणों को राशन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह हमारा प्रमुख कर्तव्य है।’’
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