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पिथौरागढ उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आई जल प्रलय ने तीन बच्चों को लील लिया। अभी भी कई लोग लापता है। मामला धारचूला क्षेत्र के जुम्मा गांव का है, जहां रविवार रात को बदल फटने के बाद भारी बारिश हुई। बताया जा रहा है कि तीन मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गए और तीन बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मलबे के साथ बहकर कई अन्य लोग अभी भी लापता हैं। पिथौरागढ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि जुम्मा गांव में रविवार देर रात हुई इस घटना में प्रभावित स्थल से तीन बच्चों के शवों को बरामद कर लिया गया है जबकि लापता लोगों की तलाश जारी है । दूर ऊंची पहाड़ी पर है गांव चौहान ने कहा कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि प्रभावित गांव सबसे दूर इलाके में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। राहत कार्य चल रहा है और लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है। हेलिकॉप्टर से प्रभावित इलाके का हुआ हवाई सर्वेक्षण डीएम ने कहा, 'हमने हेलिकॉप्टर से गांव का हवाई सर्वेक्षण किया है और पुलिस और राजस्व टीमों के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों को भी गांव में भेजा गया है। वहां युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है। सीएम ने डीएम को दिए निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जुम्मा गांव में भारी बारिश से हुए नुकसान के बारे में पता करने के लिए पिथौरागढ के जिलाधिकारी से बात की और उन्हें प्रभावित लोगों तक तत्काल हर संभव मदद पहुंचाने को कहा। राहत कार्य के लिए बन रहा हेलिपैड जिलाधिकारी ने जिला आपातकालीन केंद्र में अधिकारियों के साथ एक बैठक कर ग्रामीणों तक राहत सामग्री पहुंचाने को कहा। प्रभावित क्षेत्र में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत और बचाव कार्य संचालित करने के लिए एक हेलिपैड बनाया जा रहा है।
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