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देहरादून उत्तराखंड में सियासी गर्मी रोज-ब-रोज बढ़ती जा रही है। अगले छह महीनों में वहां विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले बीजेपी को पिछले चार महीनों में दो मुख्यमंत्री बदलने पड़े हैं, लेकिन उसने नारा दिया है- इस बार 60 पार, बीजेपी बार-बार। उधर, कांग्रेस का आरोप है कि राज्य में अपनी हार देखकर बीजेपी धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण पर आमादा है, इसके लिए वह राज्य के सद्भाव को नष्ट कर रही है। दो-दो मुख्यमंत्री बदलने से पड़ने वाले असर से लेकर धार्मिक ध्रुवीकरण के आरोपों तक- ऐसे तमाम मसलों पर बीजेपी क्या कहती है, यह जानने के लिए एनबीटी के नैशनल पॉलिटिकल एडिटर नदीम ने उत्तराखंड के बीजेपी प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम से बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश : सवाल- 'इस बार 60 पार, बीजेपी बार-बार', इस नारे पर आप लोग खुद कितना यकीन कर पा रहे हैं? जवाब- अगर यकीन नहीं होता तो हम लोग यह नारा देते ही क्यों? 2014 के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के राजनीतिक परिदृश्य में जो बदलाव आया, उसके बाद राज्यों में जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, एक-दो अपवाद छोड़कर ज्यादातर में बीजेपी ही जीत दर्ज कर रही है। इनमें वे राज्य भी शामिल हैं, जहां बीजेपी ने पहली बार जीत दर्ज की, और वे राज्य भी, जहां बीजेपी ने सत्ता में वापसी की। उत्तराखंड में भी हम 2022 में पहले से कहीं ज्यादा बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रहे हैं। सवाल- राज्य में अगर सब कुछ बीजेपी के हक में ही है तो केंद्रीय नेतृत्व को वहां दो-दो मुख्यमंत्री क्यों बदलने पड़े? जवाब- यह गलतफहमी है कि वहां कुछ गड़बड़ थी, इसलिए दो बार मुख्यमंत्री बदलने पड़े। यह बीजेपी है, यहां मुख्यमंत्री कौन है, यह बात मायने नहीं रखती, मायने रखती हैं बीजेपी की नीतियां। मुख्यमंत्री कोई भी हो, उसे बीजेपी की नीतियों के अनुरूप सरकार चलानी होती है। जनता ने हमारी नीतियों पर वोट दिया है। बीजेपी में यह भी नहीं होता कि कोई मुख्यमंत्री बन गया तो परमानेंट मुख्यमंत्री हो गया। नेतृत्व जरूरत देखकर समय-समय पर सबकी भूमिका बदलता रहता है। सवाल- बीजेपी उत्तराखंड में 2022 का चुनाव पुष्कर सिंह धामी के ही नेतृत्व में लड़ेगी, या सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा और नतीजों के बाद नए सीएम का फैसला होगा? जवाब- धामी जी हमारे सीएम हैं। हम उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। सवाल- ऐंटी-इंकम्बेंसी फैक्टर भी बहुत मायने रखता है और उत्तराखंड का मिजाज हर पांच साल पर सरकार बदलने का है। ये दोनों बातें बीजेपी के खिलाफ जा रही हैं... जवाब- जहां तक ऐंटी-इंकम्बेंसी फैक्टर की बात है, वह उत्तराखंड में है ही नहीं। अगर जनता के बीच सरकार को लेकर जरा भी नाराजगी होती तो विपक्ष सड़कों पर होता लेकिन राज्य में सरकार के खिलाफ विपक्ष तक खामोश है, क्योंकि उसके पास कोई मुद्दा ही नहीं है। रही बात उत्तराखंड के मिजाज की, तो इतिहास सिर्फ दोहराया ही नहीं जाता, बल्कि बनाया भी जाता है। हमने बनाया भी है। उत्तराखंड में भी हम बनाने जा रहे हैं- लगातार दूसरी जीत दर्ज करने का। सवाल- लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी अपने हाथ से बाजी निकलते देख धार्मिक ध्रुवीकरण का हथियार इस्तेमाल कर राज्य के सद्भाव को नष्ट कर रही है? जवाब- राज्य के सद्भाव को बीजेपी नहीं, कांग्रेस नष्ट कर रही है। सिर्फ सद्भाव को ही नष्ट नहीं कर रही है बल्कि वह देवभूमि को बदनाम भी कर रही है। पूरी दुनिया में कांग्रेस ने दुष्प्रचार किया कि कोरोना हरिद्वार के कुंभ की वजह से फैला। केरल में किसकी वजह से फैला, इस पर अपनी जुबान नहीं खोली? क्यों नहीं खोली? क्योंकि उसके जरिए वह धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण चाहती है और इल्जाम हम पर लगाया जा रहा है। कांग्रेस देवभूमि को बदनाम करे और हम उनकी सच्चाई भी न बताएं, यह संभव नहीं है। सवाल- छोटे से राज्य में बीजेपी के बहुत सारे पावर सेंटर बने हुए हैं, बहुत सारे सीएम के दावेदार भी हैं। इसका कुछ असर पड़ेगा या नहीं? जवाब- राज्य में केवल एक पावर सेंटर हैं, वह है बीजेपी। बीजेपी अपनी नीतियों और अपने नेतृत्व को आगे कर वोट मांगती है, उत्तराखंड में भी मांगेगी, कहीं कोई गुटबाजी है ही नहीं। सवाल- आम आदमी पार्टी भी वहां चुनाव लड़ने जा रही है, वहां के राजनीतिक समीकरणों में कितना बदलाव हो सकता है? जवाब- जो पार्टी दिल्ली में फेल हो चुकी है, उसके उत्तराखंड में कामयाबी के कोई चांस ही नहीं है। राज्य में आम आदमी पार्टी का कोई जनाधार भी नहीं है, बस मीडिया के जरिए खबरों को वह प्लांट कराती रहती है। सवाल -तो क्या माना जाए बीजेपी की सीधी लड़ाई कांग्रेस के साथ है?जवाब- वहां हमारी किसी से कोई लड़ाई ही नहीं है। हमने पिछले चुनाव में जो वादे किए थे, उससे कहीं ज्यादा काम करके दिखाया। कोई ऐसा तबका नहीं, कोई ऐसा इलाका नहीं, जिसके लिए पांच सालों में काम न हुआ हो। हम अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर जाएंगे और अगले पांच साल उनकी सेवा के लिए उनकी सहमति प्राप्त करेंगे। सवाल- राज्य की जनता से बीजेपी का सबसे बड़ा वादा क्या होगा?जवाब- समृद्ध राज्य बनाएंगे, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध होंगे।
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