मंगलवार, 10 अगस्त 2021

एनजीओ ने तीन साल में देहरादून में 6772 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का पुनर्चक्रण किया

देहरादून, 10 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक एकल इस्तेमाल प्लास्टिक को समाप्त करने के आह्वान के बीच देहरादून के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने यहां गत तीन सालों में 6,722 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का पुनर्चक्रण किया है।

'इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन' के निदेशक आशीष जैन ने बताया कि उत्तराखंड पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील राज्य है, जहां बढ़ते शहरीकरण और पर्यटक गतिविधियों के कारण आने वाले समय में प्लास्टिक कूड़ा बड़ी समस्या बनने वाली है। इसलिए हमारे प्रयास भविष्य में अनुमानित प्लास्टिक कूडे के प्रभाव को रोकने पर केंद्रित हैं।

संगठन का कहना है कि पूरे प्रदेश में पैदा होने वाले कूडे में सर्वाधिक 327.9 टन प्लास्टिक अपशिष्ट प्रतिदिन देहरादून में इकट्ठा होता है, जो आने वाले सालों में 584.051 टन प्रतिदिन हो जाएगा।

निदेशक ने कहा कि देहरादून में प्लास्टिक कूडा प्रबंधन के लिए समावेशी मॉडल अपनाकर हम 2018 से अब तक 6,722 मीट्रिक टन प्लास्टिक इकटठा करने, अलग करने और पुनर्चक्रण करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 3,555 मीट्रिक टन प्लास्टिक कूड़ा 2020 में केवल एक साल में ही रिसाइकिल किया गया है।

प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन का समावेशी मॉडल यह मानता है कि कूड़ा उद्योग ज्यादातर असंगठित है और इसलिए जबरदस्त बदलाव लाने के लिए इस कवायद में सभी हितधारकों का साथ आना जरूरी है।

देहरादून में संगठन ने शहरी स्थानीय निकायों से जुड़कर कूड़ा इकट्ठा करने के काम में लगे लोगों को कूडे को अलग-अलग करने जैसे कामों के लिए प्रशिक्षित किया है। कूड़ा इकट्ठा करने वाले लोग अब कई प्रकार के प्लास्टिक अलग करने में सक्षम हैं जिससे पुनर्चक्रण करने की क्षमता भी बढ़ गई है।

संगठन पिछले 20 सालों से देश के 30 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन के कामों में लगा हुआ है।



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