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उत्तरकाशी, 24 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा हाल में चारधाम देवस्थानम अधिनियम-2019 को सही ठहराये जाने के बावजूद गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने इसे वापस लिए जाने की मांग को लेकर अपना धरना शुक्रवार को 31वें दिन भी जारी रखा। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में जाएंगे। तीर्थ—पुरोहित लगातार राज्य सरकार से देवस्थानम अधिनियम को चारों धामों से समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले 31 दिन से गंगोत्री धाम के मंदिर प्रांगण में धरने पर बैठे है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हाल में इस मामले में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला दिया है लेकिन तीर्थ—पुरोहितों का कहना है कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूर्ण विश्वास हैं और वे इस मामले को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के चारधामों सहित 51 मंदिरों का प्रबंधन राज्य सरकार द्वारा गठित एक बोर्ड को सौंपने के लिए पारित चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को 21 जुलाई को खारिज कर दिया था। इनमें से एक याचिका भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की थी। जम्मू—कश्मीर में श्री माता वैष्णो देवी मंदिर, ओडिशा में पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर और आंध्र प्रदेश में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर जैसे देश भर के कई प्रतिष्ठित मंदिरों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा था कि ये सभी भी बोर्ड से ही संचालित हो रहे हैं।
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