देहरादून भारत और चीन के बीच गलवान घाटी पर करीब पिछले 3 महीने से तनाव की स्थिति है। गलवान घाटी की खूनी झड़प में 20 भारतीय जवान भी शहीद हो गए थे। इस बीच केंद्र और उत्तराखंड सरकार चीन से सटे गांवों को सेंकड लाइन ऑफ डिफेंस के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। योजना के मुताबिक, चीन से सटे भारतीय गांवों में पर्यटन में छूट देने का विचार किया जा रहा है। इससे यहां के लोगों को रोजी-रोटी के अवसर भी मिलेंगे, साथ ही चीन से सुरक्षा और निगरानी भी हो सकेगी। सूत्रों का कहना है कि इस दिशा में पहला कदम इनर लाइन परमिट (ILP) प्रणाली से उत्तराखंड में गंगोत्री क्षेत्र के कुछ हिस्सों को मुक्त करना होगा। उत्तराखंड और चीन के बीच करीब 350 किमी लंबी सीमा रेखा है। चीन से तनाव और रोजी-रोटी कमाने के साधन खत्म होने से इन गांव में अधिकतर लोग पलायन करने को मजबूर हैं। पढ़ें: ITBP चीफ ने दिया उत्तराखंड सरकार को सुझाव हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आईटीबीपी चीफ एस देशवाल के साथ मीटिंग की थी जिसमें देशवाल ने सीमांत गांवों में रिवर्स माइग्रेशन, सड़क, मोबाइल और बिजली से जुड़े मुद्दे उठाते हुए रिमोट इलाकों में टूरिजम बढ़ाने का सुझाव दिया था। मीटिंग के उपरांत उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सीमावर्ती इलाकों में पर्यटन और नागरिक बस्तियों को बढ़ावा देने के साथ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए कदमों की घोषणा की थी। टूरिजम से लोगों की रोजी-रोटी को मिलेगा बढ़ावा बुधवार सुबह केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल और उत्तराखंड पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बीच विस्तृत चर्चा हुई जिसमें बताया जा रहा है कि केंद्र ने राज्य की कार्ययोजना के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है। इस संबंध में गृह मंत्रालय भी जल्द ही आधिकारिक घोषणा कर सकता है। एक अंग्रेजी दैनिक अखबार से बात करते हुए सतपाल महाराज ने कहा, 'हम चाहते हैं कि हमारे सीमावर्ती गांव सुरक्षित रहें जिसके लिए हमने आदिवासी पर्यटन पर विचार किया है। उदाहरण के लिए, हम सर्दियों में निति घाटी पर स्कीइंग ऐक्टिविटी करा सकते हैं। टूरिजम के लिए लोगों को रोजी रोटी में मदद मिल सकेगी।' पढ़ें: गंगोत्री के कुछ इलाके हटेगा ILP सतपाल महाराज ने आगे कहा, 'इससे हमारे सीमावर्ती गांवों की सुरक्षा और निगरानी भी हो सकेगी और सैनिकों को भी अतिरिक्त सहायता मिलेगी।' उन्होंने बताया, 'पहले चरण में हम मुखबा, बघोली और हरसिल को खोलेंगे ताकि लोग यहां आकर इन जगहों का लुत्फ ले सकें।' उन्होंने बताया कि आईएलपी सिस्टम हटाने के बाद राज्य सरकार गांव के लोगों से अपने घरों में होम स्टे को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इससे गांव की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
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