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पुलकित शुक्ला, पिथौरागढ़ जिले के टांगा गांव में 19 जुलाई को बरसी आसमानी आफ़त के बाद से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। स्थानीय लोग अभी भी अतिवृष्टि और भूस्खलन के साये में जी रहे हैं। मलबे से अब तक 9 शव निकाले जा चुके हैं जबकि 2 और शव अभी लापता बताए जा रहे हैं। टांगा और धापा गांव के कई परिवार 19 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण जमीदोंज हुए घरों के मंजर को अभी भुला नहीं सके हैं। भूस्खलन से भयभीत ग्रामीण प्लास्टिक के टेंट और गुफाओं तक मे रात गुजारने को मजबूर हैं। ख़ौफ़ज़दा 47 परिवारों ने मकान छोड़ दिये हैं ये सभी जंगलो में टेंट लगाकर रह रहे हैं। भारी बारिश के कारण खेत मलबे से पटे पड़े हैं और कई घर भी जमीदोंज हो गए हैं। नज़दीकी गैला गांव में मकान ध्वस्त हो जाने से एक ही परिवार के 3 लोगों की जान चली गई और पांच लोग घायल हो गए थे। टांगा में तबाही का मंजर और भी भयानक था यहां तीन मकान जमीदोंज हो गए और घरों में रहने वाले 11 लोग मलबे में दब गए। बृहस्पतिवार शाम तक इनमें से 9 लोगों के शवों को निकाला जा चुका है जबकि 2 अभी लापता है। लगातार जारीआपदा प्रभावित क्षेत्रों में हालात अभी तक सामान्य नहीं हुए हैं। इन इलाकों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आइटीबीपी के जवान लगातार सर्च एंड रेस्कयू अभियान में जुटे हैं। क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी ने राज्य सरकार से आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के विस्थापन की मांग की है।
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