पुलकित शुक्ला, हरिद्वार में जंगली हाथियों का रिहायशी क्षेत्रों और खेतों में आकर उत्पात मचाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली हाथी आए दिन आकर खेतों में खड़ी फसलों को तहस-नहस कर रहे हैं। के हाथियों और अन्य जंगली जानवरों को रिहायशी क्षेत्रों में आने से रोकने के सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।वन महकमा स्टाफ और संसाधनों की कमी का रोना रो रहा है। हरिद्वार वन प्रभाग क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले गांव बिशनपुर, अजीतपुर, पंजनहेड़ी, जमालपुर कलां, कटारपुर आदि क्षेत्रों में जंगली हाथियों की दहशत व्याप्त है। जंगली हाथी अक्सर जंगलों से निकलकर खेतों में आ धमकते हैं और खेतों में खड़ी फसलों को बर्बाद कर देते हैं। सोमवार देर रात आधा दर्जन हाथियों ने अजीतपुर क्षेत्र में कई बीघा फसलों को रौंद डाला। इसके बाद इनमें से कुछ हाथी बिशनपुर की ओर चले गए और कुछ जमालपुर के किसानों के खेत में जा घुसे। किसानों ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी तो विभाग की टीम ने बमुश्किल इन हाथियों को खेतों से खदेड़ा। किसानों का कहना है कि पिछले लगभग 1 सप्ताह से आए दिन हाथी खेतों में फसलें उजाड़ रहे हैं। जिससे किसानों में हाथियों की दहशत बनी हुई है। वन विभाग इन हाथियों को खेतों में आने से रोकने में नाकाम साबित हो रहा है और विभाग के पास स्टाफ और संसाधनों की कमी होने का रोना रो रहा है। हरिद्वार वन प्रभाग के रेंजर दिनेश नौडियाल का कहना है कि हाथियों को रोकने के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। राजाजी पार्क से गंगा नदी पार आबादी क्षेत्र में जाने वाले हाथियों को रोकने के लिए अधिकारियों से स्पीड बोट की भी मांग की गई है। जिन किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है उन्हें उचित मुआवजा भी दिलाया जाएगा।
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