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देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को करगिल विजय दिवस पर करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों और शहीद सैनिकों के परिवारों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री रावत ने यहां गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देश के आजादी से पहले से ही उत्तराखंड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने भी देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस युद्ध में वीर भूमि उत्तराखंड के 37 जवानों को वीरता पदक भी मिले। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की वीर माताओं का स्मरण भी किया। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों तथा शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित सैनिक की अनुमन्य एकमुश्त राशि 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपये, अति विशिष्ट सेवा मेडल पर अनुमन्य एकमुश्त राशि को सात हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये किया गया है। विशिष्ट सेवा मेडल में एकमुश्त अनुमन्य राशि को तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किया गया है। इसी प्रकार, सेना मेडल को भी एकमुश्त अनुमन्य राशि में शामिल करते हुए उसके लिए एक लाख रुपये निर्धारित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने द्वितीय विश्वयुद्ध पेंशन को भी दो गुना करते हुए उसे चार हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर आठ हजार रुपये किया गया।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को स्वावलम्बी बनाने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा प्रान्तीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में प्रतिभाग करने पर प्रोत्साहन अनुदान दिया जा रहा है।
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