पामटेम, पेड़ की किस्म 'पाम' की बागबानी करने का स्थान है।
मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने रविवार को बताया कि उत्तराखंड वन विभाग की शोध शाखा द्वारा कैम्पा योजना के तहत विकसित यह पामेटम तीन एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यहां पाम की 100 विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगे हुए हैं। इनमें से 20 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं या खतरे की स्थिति में पहुंच चुकी श्रेणी में आती हैं।
पामेटम में मौजूद ताकील पाम उत्तराखंड में पाई जाने वाली स्थानीय प्रजाति है। चतुर्वेदी ने बताया कि यह पाम की एकमात्र ऐसी प्रजाति है जो शून्य से नीचे तापमान में भी जीवित रह सकती है और उत्तराखंड जैवविविधता बोर्ड ने इसे खतरे की स्थिति में पहुंच चुकी प्रजाति घोषित किया हुआ है।
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