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भारतीय सेना के संपर्क अधिकारी कैप्टन कुलदीप ने बताया, “अभ्यास में दोनों देशों की इन्फैंट्री बटालियन भाग लेंगी।”
अधिकारी के मुताबिक, दोनों सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों से परिचित होने के साथ-साथ दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के साथ पर्वत युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, पहाड़ी इलाकों में बचाव और राहत कार्य दक्षता को साझा करेंगी।
दोनो सेनाएं मानव सहायता विधियों, जंगल युद्ध, ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ी जाने वाली जंगे और आपदा राहत विधियों पर एक-दूसरे के अनुभव को जानेंगी।
सैन्य अधिकारी ने बताया, “इस अभ्यास में पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियान को लेकर 48 घंटे का विशेष कठिन अभ्यास शामिल है।”
यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच ‘इंटरोऑपरेबिलिटी’ और साझा अनुभव विकसित करने की पहल का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करेगा और देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
अंतिम "सूर्य किरण" अभ्यास 2019 में नेपाल में आयोजित किया गया था।
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