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रजनीश कुमार (टिहरी गढ़वाल) एशिया के सबसे बड़े झील का जलस्तर बढ़ाये जाने के बाद आसपास के गांवों में जमीन धंसने व मकानों में दरारें आने की समस्या पैदा हो गई है। वही गांवों को जोड़ने वाली लगभग 10 मीटर सड़क अचानक टूट कर झील में समा गई है। रोड का 10 मीटर हिस्सा टूटकर झील में समाया बीते दिनों पूर्व टिहरी बांध प्रबंधन की ओर से झील का जलस्तर 828 मीटर किये जाने के बाद नगर पालिका चिन्यालीसौड़ बाजार, पीपलमंडी, बिजल्वाण मोहल्ला, हॉस्पिटल क्षेत्र व नागणी आदि झील तटीय क्षेत्रों में भू-धंसाव का खतरा बढ़ गया है। वहीं, अचानक जोगथ रोड का 10 मीटर हिस्सा टूटकर झील में समा गया है। ग्रामीणों ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज चिन्यालीसौड़ क्षेत्र के आवासीय भवनों, दुकानों, स्वास्थ्य केंद्र, ऊर्जा निगम स्टोर, वन विभाग, वाल्मीकि कॉलोनी, सड़कों व झील के समीपवर्ती इलाकों के मकानों में दरारें आ गई है। इससे लोगों में दहशत फैल गई है। टिहरी बांध प्रबंधन से झील का जलस्तर घटाने की मांग पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर सिंह रांगड़ ने बताया कि टिहरी बांध को संचालित करने वाले टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा बरती जा रही लापरवाही के कारण टिहरी बांध झील के किनारे बसे आबादी क्षेत्रों में जमीन धंसने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। शूरवीर सिंह रांगड़ ने समस्या का निदान न होने पर आंदोलन किये जाने की चेतावनी देते हुए टिहरी बांध प्रबंधन से झील का जलस्तर घटाने की मांग की है।
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