बुधवार, 22 सितंबर 2021

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जासूसी मामले में पाकिस्तानी नागरिक को बरी करने के आदेश को पलटा

नैनीताल, 22 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी नागरिक को भारत में जासूसी के आरोप से बरी करने के निचली अदालत के आदेश को बुधवार को खारिज कर दिया और उसे दोषी करार देते हुए उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिए ।

पाकिस्तानी नागरिक को सत्र अदालत ने बरी कर दिया था और वह रूड़की में रह रहा था। पासपोर्ट सहित जरूरी यात्रा दस्तावेजों के अभाव में वह पाकिस्तान वापस नहीं जा सका ।

पाकिस्तानी नागरिक को बरी किए जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी ने कहा कि लाहौर निवासी आबिद अली उर्फ असद अली उर्फ अजित सिंह के खिलाफ भारत में जासूसी करने के पर्याप्त साक्ष्य हैं ।

न्यायाधीश ने कहा कि अली के मुचलके रद्द किए जाने चाहिए और उसे हिरासत में लिया जाना चाहिए।

पाकिस्तानी नागरिक को उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार महाकुंभ के दौरान रूड़की से सरकारी गोपनीयता कानून, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत 25 जनवरी 2010 को गिरफ्तार किया था ।

अली के कब्जे से मेरठ, देहरादून और रूड़की में स्थित सैन्य संस्थानों के मानचित्रों के अलावा कई संदिग्ध और गोपनीय दस्तावेज तथा पेनड्राइव आदि भी बरामद हुए थे । उसके आवास से बिजली की फिटिंग के बोर्ड तथा एक दर्जन सिम कार्ड भी मिले थे ।

मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और मुकदमे के बाद दिसंबर, 2012 में एक निचली अदालत ने पाकिस्तानी नागरिक को कई आधारों पर दोषी ठहराया और उसे सात साल की कैद की सजा सुनाई ।

सजा के खिलाफ पाकिस्तानी नागरिक की ओर से एक अपील दायर की गई जिस पर सुनवाई करते हुए हरिद्वार के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (द्वितीय) ने जुलाई 2013 में उसे बरी करने के आदेश दे दिए ।

इस बीच, सरकार ने निचली अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिसने उसे दोषी ठहराते हुए हिरासत में लेने के आदेश दिए ।



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