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सरकारी अधिवक्ता प्रमोद पंत ने बताया कि विशेष सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने नेपाली मजदूर जनक बहादुर को घृणित अपराध के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई।
सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी का है क्योंकि साढे चार साल की पीड़ित बच्ची उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति की सौतेली बहन थी जो अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद उसके साथ रह रही थी।
पंत ने बताया कि यह मामला इस साल अप्रैल में तब सामने आया जब पीड़िता ने घर से भागकर पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर शरण ली और उसे आपबीती सुनाई। महिला ने पुलिस को फोन किया जिसके बाद बहादुर के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-376 एबी और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
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