सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

पाक में ढेर KLF मुखिया हैप्पी का ड्रग सप्लायर उत्तराखंड पुलिस का ‘दोस्त’!

देहरादून उत्तराखंड के कुछ पुलिस वालों के वाहन पंजाब पुलिस का वॉन्टेड ड्रग माफिया आशीष चलाता था और दिन-रात थाने-चौकी में ही डेरा जमाए रहता था। किसी खास दबिश के दौरान गंगनगर थाना कोतवाली पुलिस की जीप या वाहन का ड्राइवर आशीष ही होता था। यूपी पुलिस के एटीएस द्वारा रुड़की से आशीष की गिरफ्तारी के बाद ये तमाम सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। पंजाब पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड ड्रग माफिया आशीष कुछ दिन पहले पाकिस्तान में गोलियों से भून डाले गए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सरगना पीएचडी के राइट हैंड ड्रग सप्लायर गगुनी ग्रेवाल का विश्वासपात्र है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने सोमवार को इसकी जांच कराए जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा, 'हां, यह बात सामने आई है कि सिविलियन होने बावजूद आशीष गंगनहर कोतवाली (रुड़की) के कुछ पुलिस वालों के संपर्क में था। उस पर गंभीर आरोप हैं। हकीकत जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगी।' उल्लेखनीय है कि आशीष को जनवरी 2020 के अंतिम दिनों में रुड़की से उत्तर प्रदेश पुलिस आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। एटीएस की पूछताछ में आशीष ने स्वीकार किया कि वह पंजाब के कुख्यात अंतरराष्ट्रीय ड्रग सप्लायर गुगनी ग्रेवाल का उत्तराखंड में ‘किंग-पिन’ था। गुगनी ग्रेवाल कुछ दिन पहले पाकिस्तान में ढेर कर दिए गए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सर्वेसर्वा हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचएडी का विश्वासपात्र है। यूपी पुलिस के आतंकवादी निरोधक दस्ते के शिकंजे में फंसे आशीष को हाल ही में रुड़की से दबोचा गया था। आशीष पंजाब पुलिस का वांछित ड्रग और हथियार सप्लायर है। उसके खिलाफ पंजाब के मोहाली में हथियार सप्लाइ सहित कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुख्यात आशीष पंजाब पुलिस की नजरों में तब से चढ़ा, जब पुलिस ने मोंगा (पंजाब) के खतरनाक गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह उर्फ बुद्धा को दबोचा। यूपी एटीएस के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर सोमवार को कहा, 'आशीष मूल रूप से यूपी में मेरठ जिले के जानी थाना इलाके में स्थित टीकरी गांव का रहने वाला है। अवैध शराब की सप्लाइ से उसने अपराध की दुनिया में पांव रखा। बाद में वह पंजाब के ड्रग और हथियार सप्लायर सुखप्रीत उर्फ बुद्धा के साथ जा मिला। सुखप्रीत के जरिए ही आशीष केएलएफ के कुख्यात हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी के पंजाब में विश्वासपात्र गुगनी ग्रेवाल के पास पहुंच गया।' एटीएस ने आशीष को गिरफ्तार कर पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया, क्योंकि असल में आशीष पंजाब में वॉन्टेड था। पंजाब पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'आशीष को वर्ष 2009 में बिट्टू के साथ शराब की तस्करी करते लाडलू, मोहाली में पहली बार पकड़ा गया था। फिर उसे अप्रैल 2010 में डोडा के साथ दबोचा गया। उस मामले में बिट्टू और आशीष को पंजाब की अदालत ने सजा भी सुनाई थी। उसी मामले में आशीष सन 2014 से जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था।' पंजाब पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया, 'हैप्पी के विश्वासपात्र ड्रग और हथियार सप्लायर गुगनी ग्रेवाल से आशीष की दोस्ती पंजाब की एक जेल में हुई थी। जिस हैप्पी की हाल ही में 27 जनवरी को लाहौर (पाकिस्तान) के डेरा चाहेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई, गुगनी ग्रेवाल ने आशीष का नाम उस हैप्पी तक भी पहुंचा दिया था। हैप्पी पंजाब में सन 2016 के मध्य (जुलाई-अगस्त) में सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश कुमार गगनेजा की हत्या में भी वांछित था। जगदीश कुमार गगनेजा पंजाब में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के उपप्रमुख भी थे। गगनेजा की हत्या में हैप्पी का नाम एनआईए की पड़ताल में सामने आया था।' यूपी एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, 'उत्तराखंड के रुड़की में गिरफ्तारी के समय आशीष मुंहबोली बहन के घर में रह रहा था। हालांकि उसका अधिकांश वक्त गंगनहर कोतवाली थाना पुलिस वालों के साथ ही बीतता था। गंगनहर थाना पुलिस आशीष की मुठ्ठी में इस कदर थी कि वह अकसर दबिश के दौरान गंगनहर पुलिस पार्टी के वाहन की ड्राइवरी भी करता था। उसका खाना-पीना सबकुछ गंगनगर थाना पुलिस वालों के साथ था। इसलिए आम आदमी अकसर उसे पुलिस वाला ही समझ लेता था।' उत्तराखंड पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'आशीष की गिरफ्तारी के बाद से ही गंगनहर कोतवाली पुलिस में तैनात दारोगा-हवलदार-सिपाहियों में हड़कंप है। सबको डर है कि न मालूम पंजाब पुलिस की पूछताछ में आशीष यहां तैनात किस-किस पुलिसकर्मी की कुंडली खोल बैठे?'


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