हरिद्वार मातृसदन में गंगा की अविरलता के लिए ऐक्ट बनाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठीं की सोमवार सुबह 65वें दिन अचानक हालत बिगड़ गई। उन्हें हरिद्वार के बंगाली अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसके बाद हालत में सुधार न होने पर उन्हें दिल्ली के एम्स के लिए रिफर कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार सुबह साध्वी अनशन के दौरान ही अचानक से बेहोश होने लगीं। आश्रम के लोगों ने देखा तो आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना है कि भूखे-प्यासे रहने के कारण वह काफी डिहाइड्रेटेड हो गई हैं। दोपहर तक उनकी हालत में सुधार न होने से उन्हें रिफर किया गया । साध्वी पद्मावती को दिल्ली ले जाते समय कनखल पुलिस ने बहादराबाद में ऐंबुलेंस को रुकवा लिया और सरकारी गाड़ी से साध्वी को ऋषिकेश एम्स ले जाया जाने लगा। मातृसदन के संतों और समर्थकों ने प्रशासन के इस कदम का विरोध किया। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि मातृसदन के संत निजी खर्चे पर साध्वी पद्मावती को ले जा रहे थे लेकिन प्रशासन ने आरोप लगाया कि बिना प्रशासन को सूचना दिए ऐसा किया गया। इसलिए साध्वी पद्मावती को प्रशासन अपने संरक्षण में लेकर ऋषिकेश एम्स भिजवा रहा है लेकिन मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने तर्क का विरोध करते हुए दिल्ली एम्स में ही ले जाने की मांग की गई। इसके बाद फिर से साध्वी को एम्स रवाना किया गया। इससे पहले भी अनशन के 47वें दिन साध्वी पद्मावती का स्वास्थ्य बिगड़ने पर पुलिस ने देर रात उन्हें जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करा दिया था। इसके बाद उन्हें भर्ती कराने को लेकर काफी हंगामा हुआ जिसके बाद मातृसदन की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, एसडीएम कुसुम चौहान, सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी, लक्सर के एसडीएम सुनैना राणा और थानाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया गया था जबकि साध्वी पद्मावती का कहना था कि प्रशासन को जो भी उपचार देना है मातृसदन में देना होगा। वह अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगी।
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