![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/74081461/photo-74081461.jpg)
पिथौरागढ, 11 फरवरी (भाषा) सरकार की महत्वाकांक्षी ऑल वेदर रोड परियोजना में टनकपुर-पिथौरागढ़ हिस्से के चौड़ीकरण से गुरना माता मंदिर के पास सदियों पुराने प्राकृतिक पानी के फुव्वारे (स्प्रिंग) के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है । इसे देखते हुए स्थानीय लोगों ने इसे बचाने के लिए अभियान छेड दिया है । गुरना धारा बचाओ अभियान के आयोजक बसंत बल्लभ भट्ट ने बताया कि स्थानीय लोगों को आशंका है कि सड़क के इस हिस्से का छह मीटर तक चौड़ीकरण होने से पेयजल का यह प्राकृतिक स्रोत सूखना शुरू हो सकता है । गुरना गांव के लोगों के लिये पेयजल का मुख्य स्रोत होने के अलावा यह टनकपुर या हल्द्वानी से पिथौरागढ़ पहुंचने वाले थके हारे यात्रियों की भी प्यास बुझाता है । उन्होंने कहा कि अगर यह स्प्रिंग सूख जाता है तो टनकपुर से पिथौरागढ़ तक के 150 मीटर लंबे रास्ते में पानी का कोई स्रोत नहीं बचेगा । हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों ने सड़क चौड़ीकरण कार्य से पेयजल स्प्रिंग को कोई नुकसान न पहुंचने देने का वादा किया है । 1200 करोड़ रुपए की लागत वाली इस आल वेदर सडक परियोजना में लगे इंजीनियरों ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि परियोजना से पानी के स्रोत को कोई नुकसान न हो । राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता एलडी मथेला ने बताया कि सरकार से सभी प्राकृतिक स्रोतों को बचाने के स्पष्ट निर्देश मिलने के अलावा पिथौरागढ़ जिला मजिस्ट्रेट वीके जोगदंडे ने भी इस संबंध में उन्हें एक पत्र भेजा है । उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के पत्र को निर्माण कंपनी कन्नन डंकरली को भेजा जा चुका है । मथेला ने बताया कि उन्हें पहले भी पानी के दो प्राकृतिक स्प्रिंगों को सड़क चौड़ीकरण के दौरान बचाने का अनुभव है । उन्होंने बताया कि निर्माण कंपनी से यह भी कहा गया है कि अगर स्रोत बहुत गहरा हो तो उसे बचाने के लिये भूवैज्ञानिकों की मदद भी ली जा सकती है ।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3brpwbm
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें